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Date: 14/07/2016
राज्‍य/केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात लिखितों में निवेश किया जाना

भारिबैं/2016-17/14
डीसीबीआर.बीपीडी.परि.सं.01/19.51.026/2016-17

23 आषाढ़, 1938
14 जुलाई, 2016

सभी राज्‍य/केंद्रीय सहकारी बैंक

महोदय/ महोदया,

राज्‍य/केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात लिखितों में निवेश किया जाना

कृपया उपर्युक्‍त विषय पर 04 अगस्‍त 2005 का परिपत्र सं.आरपीसीडी.केंका.आरएफ. बीसी.26/07.02.03/2005-06 और 21 अक्‍तूबर 2015 का परिपत्र सं डीसीबीआर. केंका. आरसीबीडी.बीसी.सं.5/19.51.026/2015-16 देखें।

2. राज्‍य और केंद्रीय सहकारी बैंकों (एसटीसीबी/सीसीबी) को अधिक लचीलापन (flexibility) प्रदान करने की दृष्टि से मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि एसटीसीबी/सीसीबी द्वारा निम्‍नलिखित शर्तों के अधीन गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) लिखतों में निवेश किया जाए:

2.1 विवेकपूर्ण सीमा

कुल गैर–सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश किसी बैंक के गत वर्ष के 31 मार्च को कुल जमाराशियों के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

2.2 लिखतें

एसटीसीबी/सीसीबी निम्‍नलिखत लिखतों में निवेश कर सकते हैं:

(ए) “ए” या समतुल्‍य और उच्‍चतर रेट प्राप्‍त वाणिज्यिक पेपर (सीपी), ऋण पत्र (डिबेंचर) और बॉण्ड।

(बी) ऋण पारस्परिक निधि तथा मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि की इकाइयां।

(सी) बाजार आधारभूत संरचना (इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर) कंपनियां (एमआईसी), जैसे- भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल), भारतीय राष्‍ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), विश्वव्यापी वित्तीय दूरसंचार सोसाइटी (स्विफ्ट) के शेयरों में।

2.3 प्रतिबंध

(ए) बेमियादी कर्ज लिखतों में निवेश करने की अनुमति नहीं है।

(बी) अखिल भारतीय वित्‍त संस्‍थाओं (एआईएफआई) की इक्विटी में नए सिरे से निवेश करने की अनुमति नहीं है। इस संस्‍थाओं में विद्यमान शेयरधारिता को चरणबद्ध रूप से तीन साल के भीतर समाप्त किया जाए और उस समय तक जब तक वे बैंक की बहियों में धारित हैं उन्हें 2.1 में निर्धारित सीमा की गणना के लिए गैर–सांविधिक चल निधि अनुपात निवेश के रूप में माना जाए।

(सी) ऋण पारस्परिक निधि और मुद्रा बाज़ार पारस्परिक निधि के अलावा अन्‍य पारस्परिक निधि की इकाइयों में निवेश करने की अनुमति नहीं है। ऋण /मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि की इकाइयों के अलावा अन्‍य पारस्परिक निधि की इकाइयों में किए गए मौजूदा निवेशों का विनिवेश किया जाना चाहिए। तथा उस समय तक जब तक वे बैंक के खातों में धारित हैं उन्हें 2.1 में निर्धारित सीमा की गणना के लिए गैर – सांविधिक चल निधि अनुपात निवेश के रूप में माना जाएगा। तथापि, बैंक जोखिम प्रबंध नीति की इस प्रकार समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी पारस्परिक निधि की किसी भी योजना में अनुपात से अधिक उनका निवेश नहीं है।

(डी) गैर सूचिबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश उपर्युक्‍त 2.2(ए) में निर्धारित एक न्‍यूनतम रेटिंग के आधार पर किया जाना चाहिए और कभी भी बैंक के कुल गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। जहां बैंकों ने पहले ही निर्धारित सीमा को पार कर लिया है वहाँ ऐसी प्रतिभूतियों में और निवेश नहीं किया जाना चाहिए। गैर–सांविधिक चल निधि अनुपात ऋण प्रतिभूतियों (प्राथमिक और द्वितीयक बाज़ार) में जहां पर प्रतिभूति, प्रतिभूति-विनिमय (stock exchange) में सूचिबद्ध किए जाने के लिए प्रस्‍तावित है, ऐसी स्थिति में निवेश करते समय इसे सूचिबद्ध प्रतिभूति में किए गए निवेश के रूप में माना जाए। उसके बाद यदि प्रतिभूति को विनिर्दिष्‍ट समय के अंदर सूचबद्ध नहीं किया जाता है तो उक्‍त निवेश को गैर सूचिबद्ध गैर–सांविधिक चल निधि अनुपात प्रतिभूतियों के लिए निर्धारित 10 प्रतिशत की सीमा की गणना करने के लिए गिना जाएगा। इस संदर्भ में गैर सूचिबद्ध गैर–सांविधिक चल निधि अनुपात प्रतिभूतियां यदि 10 प्रतिशत की सीमा से अधिक हो जाती हैं तो बैंक को गैर–सांविधिक चल निधि अनुपात प्रतिभूतियों (दानों प्राथमिक और द्वितीयक बाज़ार) में निवेश करने के लिए अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक गैर सूचिबद्ध प्रतिभूतियों में किए गए निवेश को 10 प्रतिशत की सीमा के अंतर्गत नहीं लाया जाता है ।

(ई) अत्यधिक बट्टा/शून्य कूपन बॉण्डों में निवेश उपर्युक्‍त 2.2 (ए) में विनिर्दिष्‍ट न्‍यूनतम रे‍टिंग तथा समतुल्य बाज़ार प्रतिफल के अधीन होगा । शून्य कूपन बॉण्डों में निवेश तब तक नहीं किया जाएगा जब तक जारीकर्ता द्वारा सभी उपार्जित ब्‍याज हेतु निक्षेप निधि तैयार नहीं करते तथा तरल निवेश/प्रतिभूति (सरकारी बॉण्डों में) के रूप में निवेश नहीं करते हैं ।

(एफ) ऋण पारस्परिक निधि और मुद्रा बाज़ार पारस्परिक निधि तथा वाणिज्यिक पत्रों को छोड़कर गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्‍वता वाला निवेश होगा ।

(जी) गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात श्रेणी के तहत सभी नए निवेशों को केवल “मौजूदा” श्रेणी में वर्गीकृत किया जाए और इन श्रेणियों में किए गए निवेशों को यथा लागू बाज़ार पर दर्शाया जाए।

(एच) सभी गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों को एकल/समूह प्रतिपक्षकार जोखिम के लिए निर्धारित विवेकपूर्ण सीमाओं के अंतर्गत किया जाना चाहिए।

(आई) राज्‍य सहकारी बैंक/केंद्रीय सहकारी बैंक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और स्‍थानीय क्षेत्र बैंक के अलावा) द्वारा जारी किए जाने वाले जमा प्रमाणपत्र (CDs) में निवेश कर सकते हैं तथा ऐसी अखिल भारतीय वित्‍तीय संस्‍थाएं जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित समर्थक सीमा (umbrella limit) के अंतर्गत अल्‍पावधि संसाधन जुटाने के लिए अनुमति प्रदान की गयी हो। जमा प्रमाणपत्र (CDs) में किए गए निवेश को अंतर-बैंक जमा के रूप में माना जाएगा और उपर्युक्‍त 2.1 में गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों पर निर्धारित सीमा की गणना करने के लिए इस प्रकार किए गए निवेश को नहीं गिना जाएगा।

2.4 नीति

राज्‍य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक अपनी निवेश नीति की समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि यह नीति भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप हो। बैंक, गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों के संदर्भ में जोखिमों का पता लगाने और उनका विश्‍लेषण करने के लिए अपने यहां उचित जोखिम प्रबंधन प्रणाली की स्‍थापना करें और समय पर निवारण उपाय करें।

2.5 समीक्षा

एसटीसीबी/सीसीबी के निदेशक मंडल द्वारा कम से कम छमाही अंतराल पर गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों के निम्‍नलिखित पहलुओं की समीक्षा की जानी चाहिए:

(ए) रिर्पोटिंग अवधि के दौरान कुल कारोबार (निवेश और विनिवेश)

(बी) गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश के लिए निर्धारित विवेकपूर्ण सीमाओं का अनुपालन

(सी) रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों का अनुपालन

(डी) जारीकर्ताओं /बैंक की बहियों में धारित प्रतिभूति निर्गमों की रेटिंग में परिवर्तन तथा उसके परिणामस्वरूप संविभाग की गुणवत्ता में हानि।

(ई) गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात श्रेणी के अंतर्गत अनर्जक निवेशों की सीमा और उनके लिए पर्याप्‍त प्रावधान।

2.6 प्रकटीकरण

एसटीसीबी/सीसीबी बैंकों को अनुबंध में दर्शाये गए अनुसार तुलन-पत्र में “लेखे पर टिप्‍पणियां” के अंतर्गत गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों तथा अनर्जक निवेशों के जारीकर्तावार संघटन का ब्यौरा प्रकट करना चाहिए।

भवदीया,

(रीनी अजित)
प्रभारी महाप्रबंधक


अनुबंध

राज्‍य / केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात लिखतों में निवेश किया जाना-
प्रकटीकरण की अपेक्षाएं

एसटीसीबी/सीसीबी गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश पोर्टफोलियो के संदर्भ में अपने तुलन-पत्र में “लेखा पर टिप्‍पणियां” शीर्ष के अंतर्गत निम्‍नलिखित प्रकटीकरण करें:

(i) जारीकर्ता के गैर सांविधिक चलनिधि निवेशों की संरचना
(रुपया लाखों में)
सं. जारीकर्ता राशि “निवेश ग्रेड के नीचे” स्‍तर की प्रतिभूतियों में निवेश की मात्रा गैर रेटिंग प्राप्‍त प्रतिभूतियों में निवेश की मात्रा गैर सूचिबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश की मात्रा
(1) (2) (3) (4) (5) (6)
1 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू)        
2 वित्तीय संस्थाएं (एफआई)        
3 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक        
4 पारस्परिक निधि        
5 अन्‍य        
6 ह्रास के प्रति प्रावधान        

(ii) अनर्जक गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश
ब्‍यौरे राशि (रुपया लाखों में)
प्रारंभिक शेष  
1 अप्रैल से वर्ष के दौरान किए गए निवेश  
उपर्युक्‍त अवधि के दौरान की गई कटौती  
अंतिम शेष  
कुल प्रावधान  
 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

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