भा.रि.बैं./2016-17/183
बैंविवि.एएमएल.बीसी.48/14.01.01/2016-17
15 दिसंबर, 2016
सभी विनियमित संस्थाएं
महोदय/ महोदया,
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर मास्टर निदेश के प्रावधानों का अनुपालन
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर मास्टर निदेश के निम्नलिखित प्रावधानों का संदर्भ लें:
(i) धारा 8(घ) और (ङ), जिनमें इसका उल्लेख है कि विनियमित संस्थाओं (आरई) की समवर्ती/आंतरिक लेखा-परीक्षा प्रणाली द्वारा केवाईसी/एएमएल नीतियों और क्रियाविधियों के अनुपालन का सत्यापन किया जाना है और लेखा-परीक्षा समिति के समक्ष तिमाही लेखापरीक्षा नोट और अनुपालन रिपोर्ट को प्रस्तुत किया जाना है।
(ii) धारा 23, जिसमें ‘छोटे खातों’ के परिचालन पर अनुदेश दिए गए हैं, और
(iii) धारा 67, जिसमें यह सूचित किया गया है कि बैंकों पर लागू समय-समय पर संशोधित आयकर नियम 114बी के प्रावधानों के अनुसार ग्राहकों के साथ लेनदेन करते समय उनका स्थायी खाता संख्या (पैन) प्राप्त किया जाएगा और उसका सत्यापन भी किया जाएगा। जिन व्यक्तियों के पास पैन नहीं है उनसे फार्म 60 प्राप्त किया जाएगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर नियम 114बी के अनुसार, लेनदेन में बैंकों, एनबीएफसी, इत्यादि के साथ खाते खोलना शामिल है।
2. भारतीय रिज़र्व बैंक के ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ मामलों में उक्त प्रावधानों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। उक्त के मद्देनजर, विनियमित संस्थाओं को निम्नानुसार सूचित किया जाता है:
(i) वे मास्टर निदेश की धारा 8(घ) और (ङ) में दिए गए मौजूदा अनुदेशों का सख्ती से पालन करेंगे;
(ii) ‘छोटे खातों’ के संबंध में, निर्धारित सीमाओं/शर्तों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा और उसके अनुपालन की सख्ती से निगरानी की जाएगी। यदि कोई ग्राहक निर्धारित सीमाओं से अधिक परिचालन करना चाहता है, तो मास्टर निदेश की धारा 16/17 और धारा 67 के प्रावधानों में दी गई सीडीडी/केवाईसी संबंधी क्रियाविधि के पूर्ण किए जाने सहित सामान्य खाता खोलने की अपेक्षाओं का अनुपालन करने के बाद ही इसकी अनुमति दी जाएगी। इस क्रियाविधि में किसी बैंक, एनबीएफसी, इत्यादि के साथ खाते खोलते समय पैन संख्या का उल्लेख करना/फार्म 60 प्रस्तुत करना शामिल है। यदि खाते में अनुमत सीमा से अधिक जमा/जमाशेष के कारण कोई खाता छोटे खाते के रूप में वर्गीकृत किए जाने के लिए अपात्र बन जाए, तो उसमें से छोटे खातों के लिए निर्धारित सीमा के भीतर ही आहरण की अनुमति दी जाए, जहां उसकी सीमा का उल्लंघन नहीं किया गया है।
(iii) बीएसबीडी खाते (पीएमजेडीवाई खाते बीएसबीडी खातों के समान है), जो केवाईसी अनुपालित खाते नहीं हैं, को ‘छोटा खाता’ माना जाए और वे ऐसे खातों पर लागू सीमाओं के अधीन है। अतएव, ऐसे खातों में सामान्य परिचालन की अनुमति देने के लिए, उपर्युक्त क्रम सं. (ii) में बताई गईं क्रियाविधियों का अनुपालन किया जाए। यदि खाते में अनुमत सीमा से अधिक जमा/जमाशेष के कारण कोई खाता छोटे खाते के रूप में वर्गीकृत किए जाने के लिए अपात्र बन जाए, तो उसमें से छोटे खातों के लिए निर्धारित सीमा के भीतर ही आहरण की अनुमति दी जाए, जहां उसकी सीमा का उल्लंघन नहीं किया गया है।
(iv) केवाईसी अनुपालित ऐसे खातों के संबंध में, जहां अपेक्षित सीडीडी क्रियाविधि का अनुपालन किया गया है, विनियमित संस्थाएं आयकर नियम 114बी के अनुसार, समस्त लेनदेनों में पैन संख्या का उल्लेख करने/फार्म 60 प्रस्तुत करने संबंधी अनुपालन सुनिश्चित करेंगी जिसमें बैंकों, एनबीएफसी, इत्यादि के साथ खाते खोलना शामिल है। ऊपर उल्लिखित अपेक्षाओं का अनुपालन न करने वाले खातों में नामे लेनदेन, अंतरण अथवा अन्यथा की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रारंभ में, इस नियम को उन खातों में सख्ती से लागू किया जाएगा जहां नीचे दी गईं दोनों प्रारंभिक अपेक्षाओं को पूरा किया जाता हो :
-
पाँच लाख रुपये या उससे अधिक का जमाशेष; और
-
9 नवंबर के बाद की गईं कुल जमाएं (इलेक्ट्रॉनिक अथवा अन्य माध्यमों से जमाओं सहित) दो लाख रुपये से अधिक हो।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर नियम 114बी में दिए गए प्रावधानों के अनुसार, मास्टर निदेश की धारा 67 के प्रावधान सरकार, वाणिज्यदूतीय कार्यालय आदि को प्रदत्त छूटों के अधीन हैं।
भवदीया
(लिलि वडेरा)
मुख्य महाप्रबंधक
|