भारिबैं/2019-20/79
विसविवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं.13/02.01.001/2019-20
07 अक्तूबर 2019
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी एसएलबीसी / यूटीएलबीसी संयोजक बैंक
महोदया / महोदय,
डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और उसमें गहनता
कृपया उक्त विषय पर दिनांक 04 अक्तूबर 2019 के चौथे द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैरा – 8 का संदर्भ ग्रहण करें।
2. डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और उसमें गहनता लाने की दृष्टि से, यह निर्णय लिया गया है कि सभी राज्य / केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी / यूटीएलबीसी), बैंकों और हितधारकों के परामर्श से अपने संबंधित राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में प्रायोगिक तौर पर एक जिले की पहचान करें। पहचाने गए जिले को किसी ऐसे बैंक को आबंटित किया जाए जो जिले में वृहद स्तर पर विद्यमान हो और जिले को एक वर्ष के भीतर 100 प्रतिशत डिजिटल रूप में सक्षम बनाने हेतु प्रयासरत हो, ताकि जिले में प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित, संरक्षित, त्वरित, किफ़ायती और सुविधाजनक तरीके से डिजिटल भुगतान करने / प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जा सके। इसमें, अन्य बातों के साथ, ऐसे लेन-देनों के प्रबंधन हेतु आवश्यक बुनियादी ढाँचा और साक्षरता प्रदान करना भी समाहित है।
3. एसएलबीसी / यूटीएलबीसी, जहां तक संभव हो सके, यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि पहचाने गए जिलों को भारत सरकार के 'आकांक्षापूर्ण जिलों का रूपांतरण' कार्यक्रम के साथ अभिमुख किया जाए। बैंक को पहचाने गए जिले का आवंटन, जहां तक संभव हो सके, आपसी परामर्श और बैंक द्वारा स्वैच्छिक स्वीकृति के माध्यम से की जाए।
4. साथ ही, एसएलबीसी / यूटीएलबीसी संयोजक बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इस संबंध में प्रगति की निगरानी तिमाही आधार पर करें तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों / उप-कार्यालयों को इसकी रिपोर्ट प्रेषित करें।
भवदीय,
(गौतम प्रसाद बोरा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |