भारिबैं/2019-20/245
विवि.सं.बीपी.बीसी.72/21.04.048/2019-20
23 मई, 2020
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर);
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (नाबार्ड, एनएचबी, एक्सिम बैंक और सिडबी);
सभी प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि न लेने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
(एनबीएफसी-एनडीएसआई) और जमाराशि लेनेवाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी-डी)
महोदया/महोदय
कोविड 19 विनियामकीय पैकेज– दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान पर विवेकपूर्ण ढांचे के अंतर्गत समाधान समय सीमाओं की समीक्षा
कृपया 17 अप्रैल, 2020 के परिपत्र विवि.सं.बीपी.बीसी.62/21.04.048/2019-20 का संदर्भ लें, जो 7 जून, 2019 के दबावग्रस्तआस्तियों के समाधान पर विवेकपूर्ण ढांचे (‘विवेकपूर्ण ढांचा’) के तहत समाधान समय सीमाओं के विस्तार से संबंधित है। दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान में निरंतर चुनौतियों को देखते हुए, 22 मई 2020 के गवर्नर के वक्तव्य के आधार पर, उक्त में आंशिक बदलाव करते हुए समय सीमाओं को निम्न प्रकार आगे बढ़ा दिया गया है।
2. जो खाते 1 मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार समीक्षा अवधि के भीतर थे, उनके संबंध में, 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक की अवधि को समीक्षा अवधि के लिए 30-दिवसीय समय सीमा की गणना से बाहर रखा जाएगा। ऐसे सभी खातों के संबंध में, शेष समीक्षा अवधि 1 सितंबर 2020 से फिर से शुरू हो जाएगी, जिसकी समाप्ति पर ऋणदाताओं के पास समाधान के लिए सामान्यतः 180 दिन होंगे।
3. ऐसे खाते, जिनकी समीक्षा अवधि समाप्त हो गई थी, लेकिन 1 मार्च 2020 तक 180 दिनों की समाधान अवधि समाप्त नहीं हुई थी, समाधान की समयसीमा उस तिथि से 180 दिन तक बढ़ जाएगी, जिस तिथि को 180 दिनों की समय सीमा मूल रूप से समाप्त होने वाली थी।
4. परिणामस्वरूप, विवेकपूर्ण ढांचे के पैरा 17 में निर्दिष्ट अतिरिक्त प्रावधान करने की आवश्यकता तब आरंभ होगी, जब उपर्युक्त विस्तारित समाधान अवधि समाप्त हो जाएगी।
5. 17 अप्रैल 2020 के परिपत्र के अन्य सभी प्रावधान लागू रहेंगे।
भवदीय,
(सौरभ सिन्हा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |