7 अप्रैल 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार प्रमाण-पत्रों पर अनुदेश जारी किए;
उनकी ट्रेडिंग के लिए पोर्टल शुरू किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार प्रमाण-पत्रों (पीएसएलसी) पर अनुदेश जारी किए (एफआईडीडी.सीओ.प्लान.बीसी. 23/04.09.01/2015-16, दिनांक 7 अप्रैल 2016)। अनुदेश जारी करते हुए श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक मंच की शुरुआत भी की जिससे कि इसके कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) पोर्टल (ई-कुबेर) के माध्यम से इन प्रमाण-पत्रों में ट्रेडिंग की जा सके। सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित), शहरी सहकारी बैंक, लघु वित्त बैंक (जब वे परिचालन में आ जाएं) और स्थानीय क्षेत्र बैंक इस ट्रेडिंग में भाग लेने के लिए पात्र हैं।
चार प्रकार के प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार प्रमाण-पत्र (पीएसएलसी) नामतः पीएसएलसी-कृषि, पीएसएलसी-लघु और सीमांत किसान, पीएसएलसी-सूक्ष्म उद्यम और पीएसएलसी-सामान्य इस मंच के माध्यम से खरीदे और बेचे जा सकते हैं। ये प्रमाण-पत्र ₹ 25 लाख के मानक लॉट आकार और इसके गुणजों में होगें। अंतर्निहित राशि पर क्रेडिट जोखिम का अंतरण नहीं होगा और निधियों का निपटान ई-कुबेर पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। मंच पर ट्रेडिंग करने संबंधी विस्तृत उपयोगकर्ता दिशानिर्देश भी पोर्टल पर उपलब्ध होंगे।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अप्रैल 2015 में प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के दिशानिर्देशों को व्यापक रूप से संशोधित किया था जिनमें एक व्यवस्था के रूप में पीएसएलसी की शुरुआत करने का प्रावधान किया गया था जिससे कि उन बैंकों को प्रोत्साहित किया जा सके जिनके पास अपने प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र की विभिन्न श्रेणियों के उधार में अधिशेष है। कार्बन क्रेडिट के अनुरूप पीएसएलसी का लक्ष्य विभिन्न बैंकों की तुलनात्मक ताकत को लीवरेज़ करके प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के उधार के लिए बाजार व्यवस्था को अनुमति देना है। उदाहरण के लिए, छोटे किसानों को उधार देने में विशेषज्ञ बैंक अधिक कार्यनिष्पादन कर सकता है और पीएसएलसी के माध्यम से अपने अधिक कार्यनिष्पादन से बिक्री करके लाभ उठा सकता है। अन्य बैंक जो लघु उद्योगों को उधार देने में बेहतर है, वह सूक्ष्म उद्यम ऋणों के लिए पीएसएलसी की बिक्री करते हुए इन प्रमाण-पत्रों की खरीद कर सकते हैं।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2375 |