5 अगस्त 2019
भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्यारह बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने 31 जुलाई 2019 के आदेश द्वारा ग्यारह बैंकों पर “भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों द्वारा धोखाधड़ी का वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) निर्देश 2016” के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने के कारण मौद्रिक जुर्माना लगाया, जिसका विवरण निम्नानुसार है:
क्रम सं. |
बैंक का नाम |
जुर्माने की राशि (₹ करोड़ में) |
1. |
बैंक ऑफ बड़ौदा |
0.5 |
2. |
कॉर्पोरेशन बैंक |
0.5 |
3. |
फेडरल बैंक लिमिटेड |
0.5 |
4. |
इंडियन ओवरसीज बैंक |
1.0 |
5. |
जम्मू एवं कश्मीर बैंक लिमिटेड |
0.5 |
6. |
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स |
1.5 |
7. |
पंजाब एंड सिंध बैंक |
1.0 |
8. |
पंजाब नेशनल बैंक |
0.5 |
9. |
भारतीय स्टेट बैंक |
0.5 |
10. |
यूको बैंक |
1.0 |
11. |
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया |
1.0 |
यह जुर्माना बैंककरी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पूर्वोक्त निर्देशों का पालन करने में विफल होने को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रश्न करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
यह पाया गया था कि रिज़र्व बैंक द्वारा यह सूचित किए जाने के बावजूद कि खाते में हुई धोखाधड़ी, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई हो, को 'तुरंत' रिपोर्ट किया जाए, बैंकों ने रिज़र्व बैंक को धोखाधड़ी की रिपोर्ट देरी से की / रिपोर्ट नहीं की, जिसके परिणामस्वरूप रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया। बैंकों को नोटिस जारी कर यह सूचित किया गया था कि वे कारण बताएं कि निर्देशों का पालन न करने के लिए उनपर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाएं। बैंकों से प्राप्त उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई में की गई मौखिक प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के पश्चात बैंकों द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों, यदि कोई हों, पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि रिज़र्व बैंक के निर्देशों का पालन न करने के पूर्वोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और उपरोक्त ग्यारह बैंकों पर प्रत्येक बैंक द्वारा अनुपालन न किए जाने की सीमा के आधार पर मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना चाहिए ।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/351 |