आरबीआई/2015-16/40
बैंविवि.सं.डीआइआर.बीसी.8/13.03.00/2015-16
1 जुलाई 2015
10 आषाढ़ 1937 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय/महोदया
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी
जमाराशियों पर ब्याज दरों पर मास्टर परिपत्र
कृपया 1 जुलाई 2014 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.14/13.03.00/2014-15 का अवलोकन करें, जिसमें विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों के संबंध में 30 जून 2014 तक जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया था । इस मास्टर परिपत्र में 30 जून 2015 तक विषय पर जारी अनुदेशों को समेकित किया गया है।
भवदीया,
(लिलि वडेरा)
मुख्य महाप्रबंधक
विषय-वस्तु
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों पर ब्याज दरों पर मास्टर परिपत्र
क. प्रयोजन
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबध में समय-समय पर जारी निदेशों को समेकित किया गया है।
ख. वर्गीकरण
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक सांविधिक निदेश।
ग. पिछले अनुदेश
इस मास्टर परिपत्र में परिशिष्ट में सूचीबद्ध किए गए परिपत्रों में निहित उपर्युक्त विषय से संबंधित अनुदेशों को समेकित तथा अद्यतन किया गया है।
घ. प्रयोज्यता
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों पर लागू।
1.1 “जमाराशि” शब्द की परिभाषा
इस योजना के अंतर्गत जमाराशि का अर्थ बैंक द्वारा निश्चित अवधि के लिए प्राप्त `मीयादी जमाराशियां' हैं जिन्हें उक्त निश्चित अवधि की समाप्ति के बाद ही आहरण किया जा सकता है । इसमें पुनर्निवेश जमाराशियां और नकद प्रमाणपत्र अथवा इसी तरह की अन्य जमाराशियां भी शामिल हैं ।
1.2 विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खातें (बैंक) योजना
29 अप्रैल 1993 के एडी (एमा शृंखला) परिपत्र सं 11 के अंतर्गत विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) योजना 15 मई 1993 से लागू हुई। यह दिशानिर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमाराशि) 2000 में निहित विनियमों से बदले गए, जो 1 जून 2000 से प्रभावी हुए।वाणिज्यिक बैंक जो विदेशी मुद्रा प्राधिकृत व्यापारी है विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) योजना के अंतर्गत अपने द्वारा स्वीकार की गई अथवा नवीकृत जाराशियों पर ब्याज की अदायगी केवल दिशानिर्देशों में में विनिर्दिष्ट शर्तों पर ही करनी चाहिए।
1.3 जमाराशियों की परिपक्वता
योजना के अंतर्गत निम्नलिखित अवधि के लिए जमाराशियां स्वीकार करनी चाहिए:
-
एक वर्ष और उससे अधिक किंतु दो वर्ष से कम
-
दो वर्ष और उससे अधिक किंतु तीन वर्ष से कम
-
तीन वर्ष और उससे अधिक किंतु चार वर्ष से कम
-
चार वर्ष और उससे अधिक किंतु पांच वर्ष से कम
-
केवल पांच वर्ष
टिप्पणी: एफसीएनआर (बी) योजना के अंतर्गत आवर्ति जमाराशियां स्वीकार नहीं करनी चाहिए।
1.4 विदेशी मुद्रा अनिवासी खाता (बैंक) योजना के अंतर्गत स्वीकृत जमाराशियों पर लागू ब्याज दरें
बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित उच्चतम सीमा के भीतर विभिन्न अवधिपूर्णता की जमाराशियों पर उनके द्वारा दी जानेवाली ब्याज दरों के लिए अपने निदेशक मंडल का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए । बैंक का निदेशक बोर्ड जमाराशियों पर ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए परिसंपत्ति देयता प्रबंधन समिति को इस शर्त पर प्राधिकृत कर सकता है कि वह उसके तुरंत बाद बोर्ड को उसकी सूचना दे ।
एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज की सीमा निम्नानुसार रहेगी:
अवधि |
1 वर्ष से अधिक किंतु 3 वर्ष से कम तक |
3 से 5 वर्ष |
01 मार्च 2014 से अब तक प्रभावी |
लाइबोर/स्वैप तथा 200 आधार अंक |
लाइबोर/स्वैप तथा 300 आधार अंक |
14 अगस्त 2013 से 28 फरवरी 2014 तक प्रभावी |
लाइबोर/स्वैप तथा 200 आधार अंक |
लाइबोर/स्वैप तथा 400 आधार अंक |
4 मई 2012 से 13 अगस्त 2013 तक प्रभावी |
लाइबोर/स्वैप तथा 200 आधार अंक |
लाइबोर/स्वैप तथा 300 आधार अंक |
23 नवंबर 2011 से 3 मई 2012 तक प्रभावी |
लाइबोर/स्वैप तथा 125 आधार अंक |
लाइबोर/स्वैप तथा 125 आधार अंक |
15 नवंबर 2008 से 22 नवंबर 2011 |
लाइबोर/स्वैप तथा 100 आधार अंक |
लाइबोर/स्वैप तथा 100 आधार अंक |
अस्थायी दर वाली जमाराशियों पर ब्याज संबंधित मुद्रा/परिपक्वता अवधि पर लागू स्वैप दरों में 200 आधार अंक/300 आधार अंक, जैसी स्थिति हो, मिलाकर मिलने वाली दर तक देय होगा।
टिप्पणी (क) फ्लोटिंग दर जमाराशियों पर संबंधित मुद्रा / परिपक्वता + 200 आधार अंक / 300 आधार अंक जैसे भी स्थिति है स्वैप दर की सीमा में ब्याज देना चाहिए तथा फिक्स्ड दर जमाराशियों की स्थिति में संबंधित मुद्रा / परिपक्वता + 200 आधार अंक / 300 आधार अंक जैसे भी स्थिति है लाइबोर दर पर ब्याज देना चाहिए।
(ख) फ्लोटिंग दर जमाराशियों के लिए ब्याज दर की अवधि 6 महीने होनी चाहिए।
(ग) पिछले महीने के अंतिम कार्य दिवस पर लाइबोर /स्वैप दर की स्थिति अगले महीने से प्रभावी होनेवाली ब्याज दर की सीमा निर्धारित करने के लिए आधार होगी।
1.5 बेंचमार्क दर
फेडाई उन लाइबोर/ स्वैप दरों को कोट /प्रदर्शित करता है जिनका विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर लगायी जानेवाली ब्याज दरों की गणना के लिये बैंकों को उपयोग करना चाहिए।
1.6 ब्याज की अदायगी की विधि
-
योजना के अंतर्गत स्वीकार की गयी जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी वर्ष में 360 दिन के आधार पर की जानी चाहिए।
-
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की गणना की जानी चाहिए तथा उसका भुगतान प्रत्येक 180 दिन के अंतराल पर तथा उसके बाद शेष वास्तविक दिनों के लिए किया जाता है। तथापि, जमाकर्ता के पास चक्रवृद्धि प्रभाव सहित अवधिपूर्णता पर ब्याज प्राप्त करने का विकल्प होगा।
1.7 जमाराशियों पर ब्याज को निकटतम रुपये तक पूर्णाकिंत किया जाना
एकरूपता के लिए तथा परिचालनात्मक सुविधा के लिए एफसीएनआर(बी) जमाराशियों पर ब्याज दर नजदिकी दो दशमलो बिंदु तक जमाराशियों पर ब्याज को निकटतम रुपये तक पूर्णाकिंत करना चाहिए।
1.8 शनिवार / रविवार / अवकाश / गैर-कारोबारी कार्य-दिवसको परिपक्व होनेवाली मीयादी जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी
पुनर्निवेश जमाराशियों के मामले में बेंकों को बीच में आनेवाले शनिवार /रविवार/ अवकाश /गैर-कारोबारी कार्य दिवस के लिए ब्याज का भुगतान परिपक्वता राशि पर करना चाहिए। परंतु साधारण मीयादी जमाराशियों के मामले में बीचे में आनेवाले शनिवार /रविवार/अवकाश / गैर-कारोबारी कार्यदिवस के लिए ब्याज का भुगतान मूल जमाराशि पर किया जाना चाहिए।
1.9 अतिदेय विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी
बैंक स्वविवेक पर अतिदेय जमाराशि अथवा उसके एक अंश का नवीकरण कर सकते हैं बशर्ते अवधिपूर्णता की तारीख से नवीकरण की तारीख तक (दोनों दिन शामिल कर) अतिदेय अवधि 14 दिनों से अधिक की न हो तथा इस प्रकार नवीकृत जमाराशि पर देय ब्याज की दर नवीकरण की अवधि के लिए वह उपयुक्त दर होनी चाहिए जो अवधिपूर्णता की तारीख को अथवा जमाकर्ता द्वारा जब नवीकरण की मांग की गयी हो उस तारीख को, जो भी कम हो, लागू हो। अतिदेय जमाराशियों के मामले में जहां अतिदेय अवधि 14 दिनों से अधिक की हो तथा यदि जमाकर्ता अतिदेय जमा की संपूर्ण राशि अथवा उसका एक भाग नये विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि के रूप में रखता हो तो नयी मीयादी जमाराशि के रूप में इस प्रकार रखी गयी राशि पर अतिदेय अवधि के लिए बैंक अपनी स्वयं की ब्याज दरें निश्चित कर सकते हैं। बैंकों को यह स्वतंत्रता होगी कि वे अतिदेय अवधि के लिए इस प्रकार अदा किये गये ब्याज की वसूली उस स्थिति में करें यदि जमाराशि का आहरण नवीकरण के बाद योजना के अंतर्गत निर्धारित न्यूनतम अवधि पूरी होने के पहले किया जाये।
1.10 मृत जमाकर्ता की जमाराशि पर देय ब्याज
निम्नलिखित के नाम / नामों पर रहने वाली मीयादी जमाराशि के मामले में -
i) मृत व्यक्ति जमाकर्ता, या
ii) दो या उससे अधिक संयुक्त जमाकर्ता, जहां जमाकर्ताओं में से एक की मृत्यु हो गयी हो, नीचे दर्शाये गये अनुसार ब्याज अदा किया जाना चाहिए:
-
जमाराशि की परिपक्वता पर संविदागत दर से,
-
यदि परिपक्वता के पहले जमाराशि की अदायगी का दावा किया जाता है तो बैंक को दंड लगाये बिना जमाराशि रखे जाने की तारीख को लागू दर पर ब्याज अदा करना चाहिए।
-
जमाराशि की परिपक्वता की तारीख के पहले जमाकर्ता की मृत्यु होने तथा परिपक्वता की तारीख के बाद जमाराशि का दावा किये जाने की स्थिति में, बैंक को परिपक्वता की तारीख तक संविदागत दर पर ब्याज अदा करना चाहिए। परिपक्वता की तारीख से अदायगी की तारीख तक बैंक को परिपक्वता की तारीख के बाद बैंक के पास जमाराशि रहने तक की अवधि के लिए, परिपक्वता की तारीख को लागू दर पर साधारण ब्याज अदा करना चाहिए। तथापि, जमाराशि की परिपक्वता की तारीख के बाद जमाकर्ता की मृत्यु के मामले में बैंक को परिपक्वता की तारीख से अदायगी की तारीख तक परिपक्वता की तारीख को निवासी विदेशी मुद्रा (आर एफ सी) खाता योजना के अधीन धारित बचत जमाराशियों पर लागू ब्याज अदा करना चाहिए।
-
यदि दावेदार / दावेदारों के अनुरोध पर बैंक मीयादी जमाराशि को विभाजित करने के लिए सहमत हो जाता है और दावेदार /दावेदारों के नाम /नामों पर अलग-अलग दो या अधिक रसीदें जारी की जाती हैं तो इसे दंड लगाने के प्रयोजन के लिए मीयादी जमाराशि का अवधिपूर्व आहरण नहीं माना जाना चाहिए, बशर्ते जमाराशि की अवधि और कुल राशि में कोई परिवर्तन न किया गया हो।
टिप्पणी : दावेदार /दावेदारों के निवासी होने की स्थिति में, परिपक्वता पर मिलने वाली राशि को परिपक्वता की तारीख को भारतीय रुपयों में परिवर्तित किया जाये और बाद की अवधि के लिए ब्याज देशी जमा योजना के अंतर्गत इसी प्रकार की जमाराशि पर लागू दर पर अदा किया जाये।
1.11 भारत लौटने पर अनिवासी भारतीयों की विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी
बैंक स्थायी रूप से रहने के लिए भारत लौटने वाले भारतीय राष्ट्रिकता / मूल के व्यक्तियों की विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि को, यदि इच्छा व्यक्त की जाये तो संविदागत ब्याज दर पर परिपक्वता तक जारी रखने की अनुमति दे सकते हैं। विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर लागू ब्याज दर और आरक्षित निधि संबंधी अपेक्षाओं से संबंधित उपबंध को छोड़कर, अन्य सभी प्रयोजनों के लिए ऐसी जमाराशियों को खाता धारक के भारत लौटने की तारीख से निवासी जमाराशियों के रूप में माना जाना चाहिए। ऐसी विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि के अवधिपूर्व आहरण पर योजना के दंड संबंधी उपबंध लागू होंगे । खाताधारक के विकल्प पर बैंक को परिपक्वता पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों को निवासी रुपया जमाराशि खाते या निवासी विदेशी मुद्रा खाते में (यदि पात्र हो तो) परिवर्तित करना चाहिए तथा नयी जमाराशि (रुपया खाता या निवासी विदेशी मुद्रा खाता) पर ब्याज की दर ऐसे जमा खाते के लिए लागू संबंधित दर होनी चाहिए ।
1.12.1 बैंक के स्टाफ की जमाराशियों पर अधिकतम एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अदा करने का विवेकाधिकार
पहले जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार बैंक के वर्तमान या सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों की एफसीएनआर (बी) जमाराशियों के मामले में, उनके स्टाफ सदस्य होने के कारण अदा किए जाने वाले किसी अतिरिक्त ब्याज सहित ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित उच्चतम दर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
उक्त की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया कि 18 जुलाई 2012 से बैंकों को अनिवासियों की किसी भी प्रकार की जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ देने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। तदनुसार, बैंकों के स्वयं के स्टाफ के लिए उपलब्ध अतिरिक्त एक प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर की सुविधा का लाभ एफसीएनआर (बी) खातों पर देने का विवेकाधिकार वापिस लिया गया।
1.12.2 वरिष्ठ नागरीकों की जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज देने पर प्रतिबंध
वरिष्ठ नागरीकों की एफसीएनआर(बी) जमाराशियों सहित अनिवासी जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज देने पर बैंकों को प्रतिबंधित किया गया हैं।
1.13 जमाराशियों का अवधिपूर्व आहरण
(i) बैंक को चाहिए कि वे जमाकर्ता के अनुरोध पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) योजना के अंतर्गत जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण की अनुमति दें। बैंक ऐसे अवधिपूर्व आहरण के लिए स्वविवेक के अनुसार दंड वसूल करने के लिए स्वतंत्र हैं। बैंक स्वविवेक पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण के मामले में अदला-बदली (स्वैप) संबंधी लागत की वसूली के लिए भी दंड वसूल कर सकते हैं। जहां विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक)जमाराशियों का अवधिपूर्व आहरण एक वर्ष की न्यूनतम निर्धारित अवधि की समाप्ति के पहले किया गया हो, जिस स्थिति में कोई ब्याज देय नहीं हो, बैंक स्वविवेक पर अदला-बदली संबंधी लागत को कवर करने के लिए दंड लगा सकते हैं। तथापि, जमाराशियां स्वीकार करते समय जमाकर्ताओं को दंड के घटकों की स्पष्ट तौर पर जानकारी दी जानी चाहिए। यदि जमाराशियां स्वीकार करते समय जमाकर्ताओं को दंड संबंधी प्रावधानों की जानकारी न दी गयी हो तो अवधिपूर्व आहरण के फलस्वरूप होनेवाली विनिमय संबंधी हानि का वहन बैंकों को करना होगा ।
(ii) विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों से अनिवासी बाह्य जमाराशियों में तथा अनिवासी बाह्य जमाराशियों से विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों में परिवर्तन अवधिपूर्व आहरण संबंधी दांडिक प्रावधान के अधीन होना चाहिए।
1.14 विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर अग्रिम - ब्याज लगाने का तरीका
1.14.1 विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर रुपया अग्रिम
जब विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) मीयादी जमाराशि, जो उधारकर्ता के नाम पर या तो अकेले ही अथवा संयुक्त रूप से है, की जमानत पर ऋण या अग्रिम दिया जाता है तब बैंक अपनी आधार दर का संदर्भ लिये बिना ब्याज दर लगाने के लिए स्वतंत्र होगा।
1.14.2 तृतीय पक्षकार को या योजना के अंतर्गत जुटाये गये संसाधनों में से विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर रुपया अग्रिम
जब ऋण या अग्रिम तृतीय पक्षकार को दिया जाता है या उक्त योजना के अंतर्गत जुटाये गये संसाधनों में से दिया जाये तब लगायी जानेवाली ब्याज दर अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से जारी निदेशों में निर्धारित दर के अनुसार होनी चाहिए।
1.14.3 विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों के संसाधनों में से विदेशी मुद्रा में अग्रिम
पात्र संसाधनों से विदेशी मुद्रा में ऋण पर हमारे निदेश लागू नहीं हैं। ऐसे ऋण पर ब्याज दर तय करने के लिए बैंक स्वतंत्र है।
1.15 संयुक्त खाता धारकों के नाम/नामों का जोड़ा या निकाला जाना
बैंक सभी संयुक्त खाता धारकों के अनुरोध पर, यदि परिस्थितियों के कारण ऐसा करना जरूरी हो तो संयुक्त खाता धारकों के नाम / नामों को जोड़ने /हटाने की अनुमति दे सकता है अथवा व्यक्तिगत खाता धारक को दूसरे व्यक्ति का नाम संयुक्त धारक के रूप में जोड़ने की अनुमति दे सकता है। परन्तु, मूल जमाराशि की रकम और अवधि (ड्यूरेशन) में किसी हालत में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होना चाहिए। बैंक आवेदकों से ऐसा करने के कारणों का पता लगायेगा और अनुरोध की सच्चाई के बारे में अपने को संतुष्ट करेगा । साथ ही, पाकिस्तानी / बंगला देशी राष्ट्रिकों, भले ही वे भारतीय मूल के हों, के किसी निवासी के साथ संयुक्त रूप से तथा उनके नाम खाते खोलना विदेशी मुद्रा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अधीन होगा।
1.16 स्वदेश लौटने वाले भारतीयों के विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों का निवासी विदेशी मुद्रा खाते में परिवर्तन - दंडमें छूट
अनिवासी भारतीयों द्वारा उनके भारत लौटने पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों में धारित जमाशेष के निवासी विदेशी मुद्रा (आरएफसी) खातों में अवधिपूर्व परिवर्तन के मामले में दंड संबंधी उपबंध लागू नहीं होगा ।
1.17 स्वदेश लौटने वाले भारतीयों के विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों का निवासी विदेशी मुद्रा खातों / निवासी रुपया खातों में परिवर्तन - ब्याज की अदायगी
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते के निवासी विदेशी मुद्रा / निवासी रुपया खाते में परिवर्तन के समय बैंक को अपने विवेकानुसार ब्याज अदा करना चाहिए, भले ही उस खाते ने न्यूनतम परिपक्वता अवधि पूरी न की हो, परन्तु शर्त यह है कि ब्याज दर निवासी विदेशी मुद्रा खाता योजना के अंतर्गत धारित बचत बैंक जमाराशियों पर देय दर से अधिक न हो।
1.18 प्रतिबंध
किसी भी बैंक को -
i) पांच वर्ष से अधिक की जमाराशि स्वीकार या नवीकृत नहीं करनी चाहिए;
ii) एक ही तारीख को स्वीकृत और एक ही अवधि को समाप्त होनेवाली जमाराशियों में एक जमाराशि से दूसरी जमाराशि के बीच दिये जानेवाले ब्याज के मामले में आकार समूह आधार को छोड़कर कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए, भले ही ऐसी जमाराशियां बैंक के एक ही कार्यालय अथवा उसके अलग-अलग कार्यालयों द्वारा स्वीकार की गयी हों। जमाराशियों के आकार के आधार पर भिन्न ब्याज दरें प्रदान करने की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के आधार पर होगी:
-
बैंक को अपने विवेकानुसार मुद्रावार वह न्यूनतम मात्रा निश्चित करनी चाहिए जिस पर विभेदक ब्याज दरें दी जा सकेंगी । एक ही परिपक्वता वाली निर्धारित मात्रा से कम की मीयादी जमाराशियों के लिए एक ही प्रकार की दर लागू की जानी चाहिए।
-
इस प्रकार प्रदान की जानेवाली विभेदक ब्याज दरें निर्धारित समग्र उच्चतम सीमा के अधीन होनी चाहिए।
-
बैंक द्वारा दी जानेवाली ब्याज दरें अनुसूची के अनुसार होनी चाहिए न कि जमाकर्ता और बैंक के बीच बातचीत द्वारा तय की जानी चाहिए।
iii) किसी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, संघ, संस्था या अन्य किसी व्यक्ति को किसी भी रूप में विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) योजना के अंतर्गत जुटायी गयी जमाराशियों पर दलाली, कमीशन या प्रोत्साहन अदा नहीं करना चाहिए।
iv) किसी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, संघ, संस्था या किसी अन्य व्यक्ति को जमाराशियां जुटाने अथवा पारिश्रमिक या शुल्क या किसी भी रूप में या किसी भी ढंग से कमीशन के भुगतान पर जमाराशियों से संबद्ध उत्पादों की बिक्री के लिए नियुक्त नहीं करना चाहिए /नहीं लगाना चाहिए।
v) अप्रत्यक्ष रूप से ब्याज रहित जमाराशि स्वीकार करना अथवा क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं करना चाहिए।
1.19 विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमाराशि) विनियमावली, 2000 का अनुपालन
बैंकों को समय- समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमाराशि) विनियमावली, 2000 की दूसरी सूची मे निहित दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
परिशिष्ट
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों पर ब्याज दरों से संबंधित
मास्टर परिपत्र में संकलित परिपत्रों की सूची
क्र.सं. |
परिपत्र सं. |
तारीख |
विषय |
1. |
बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 48 और 49/13.03.00/2000- 01 |
04.11.2000* |
एफसीएनआर (बैंक) खातों में रखी गईं जमाराशियों पर ब्याज दरें । |
2. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.63 और 64/13.03.00/2000-01 |
03.01.2001 |
विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाते (बैंक) योजना । |
3. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.105 और 107/13.03.00/2000-01 |
19.04.2001 |
विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाते (बैंक) योजना । |
4. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.09/13.03.00/2001-02 |
11.08.2001 |
एफसीएनआर (बी) खातों में रखी गईं जमाराशियां। |
5. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. 97 और 98/13.03.00/2001-02 |
29.04.2002 |
एफसीएनआर (बी) जमाराशियें पर ब्याज दरें । |
6. |
बैंपविवि.सं.डीआइआरबीसी. 30 और 31/13.03.00/2002-03 |
08.10.2002 |
एफसीएनआर (बी) जमाराशियें पर ब्याज दरें । |
7. |
एपी (डीआइआर सीरिज़) परिपत्र सं.14 |
16.9.2003 |
एक निवेशक वर्ग के रूप में विदेशी कार्पोरेट निकायों की मान्यता रद्द करना । |
8. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.51/13.03.00/2004-05 |
01.11.2004 |
वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते । |
9. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.22/13.03.00/2005-06 |
26.07.2005 |
एफसीएनआर (बी) जमा योजना |
10. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.62/13.03.00/2005-06 |
08.02.2006 |
अनिवासी जमाराशियों पर ब्याज दरें । |
11. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.75/13.03.00/2005-06 |
29.03.2006 |
एफसीएनआर (बी) जमाराशियें पर ब्याज दरें । |
12. |
एपी (डीआइआर सीरिज़) परिपत्र सं.29 |
31.01.2007 |
विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमा) विनियमावली,2000-अनिवासी (बाह्य) रुपया खातों/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों की जमानत पर अनिवासियों / तृतीय पक्षकारों को ऋण । |
13. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.88 और 89/13.03.00/2006-07 |
24.04.2007 |
अनिवासी (बाह्य) रुपया जमाराशियों तथा एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज दरें । |
14. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.82/13.03.00/2008-09 |
15.11.2008 |
अनिवासी(बाह्य) रुपया जमाराशियों तथा एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज दरें । |
15. |
एपी (डीआइआर सीरिज़) परिपत्र सं.66 |
28.04.2009 |
विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमा) विनियमावली, 2000 - अनिवासी (बाह्य) रुपया खातों/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों की जमानत पर अनिवासियों/तृतीय पक्षकारों को ऋण । |
16. |
एपी(डीआइआर सीरिज़) परिपत्र सं.36 |
19.10.2011 |
मुक्त रूप से परिवर्तनीय किसी भी मुद्रा में विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) योजना खाता खोलना |
17. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.58 और 59/13.03.00/2011-12 |
23.11.2011 |
अनिवासी (बाह्य) रुपया जमाराशियों तथा एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज दरें । |
18. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.101 और 102/13.03.00/2011-12 |
04.05.2012 |
एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज दरें। |
19. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.30/13.03.00/2012-13 |
18.07.2012 |
एफसीएनआर (बी) खातों में धारित जमाराशियों पर ब्याज दरें |
20. |
ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.44 |
12.10.2012 |
एनआर(ई)आरए/ एफसीएनआर (बी) जमाराशियों की जमानत पर अनिवासियों/तृतीय पक्ष को ऋण |
21. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.38/13.03.00/2013-14 |
14.08.2013 |
एफसीएनआर (बी) खातों में धारित जमाराशियों पर ब्याज दरें |
22. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.73/13.03.00/2013-14 |
29.11.2013 |
एफसीएनआर (बी) खातों में धारित जमाराशियों पर ब्याज दरें |
23. |
बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.92/13.03.00/2013-14 |
31.01.2014 |
एफसीएनआर (बी) खातों में धारित जमाराशियों पर ब्याज दरें |
24. |
ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.136 |
28.05.2014 |
निष्क्रिय विदेशी मुद्रा जमाराशियों का क्रिस्टलीकरण |
* दिनांक 4 नवंबर 2000 का परिपत्र उक्त विषय पर एक व्यापक निदेश के रूप में है और उसमें उस तारीख तक किए गए सभी संशोधनों को सम्मिलित किया गया है। |