21 नवंबर 2014
भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम पर क्रेडिट कार्ड : भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अपने नाम पर धोखाधड़ी के नए रूप के
बारे में एक बार और चेतावनी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपने नाम पर धोखाधड़ी के नए रूप-रिज़र्व बैंक के नाम पर धोखेबाज व्यक्तियों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड के बारे में आमजनता को एक बार और सावधान किया। कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए रिज़र्व बैंक ने कहा कि भोली-भाली जनता को एक क्रेडिट कार्ड भेजा जाता है जिससे एक निश्चित सीमा तक, यद्यपि एक छोटी राशि बैंक खाते से निकाली जा सकती है। इस प्रकार पीड़ित व्यक्ति का विश्वास जीतने के बाद धोखेबाज व्यक्ति उसे उसी बैंक खाते में बड़ी राशि जमा करने के लिए कहते हैं। एकबार पैसा जमा कराने के बाद कार्ड काम करना बंद कर देता है और ऐसा अंतिम बार होता है जब कार्ड धारक (पीड़ित) को धोखेबाज व्यक्ति से फोन आता है।
ऐसे प्रयासों के विरूद्ध चेतावनी देते हुए रिज़र्व बैंक ने बार-बार कहा है कि रिज़र्व बैंक भारत के केंद्रीय बैंक के रूप में बचत बैंक, चालू बैंक खाता, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं या विदेशी मुद्रा में निधियां प्राप्त कर और धारण कर या बैंकिंग सेवाओं के किसी अन्य रूप में किसी व्यक्ति के साथ कोई कारोबार नहीं करता है। रिज़र्व बैंक ने व्याप्त अन्य प्रकार की धोखाधड़ियों की सूची बनाई हैं जैसे:
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भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारी के रूप में इ-मेल या फोन के माध्यम से बड़ी राशि के प्रस्ताव/लॉटरी जीतने की जानकारी।
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ऑनलाइन लेनदेन के लिए रिज़र्व बैंक की फर्जी वेबसाइट।
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ऐसी धोखाधड़ियों के विरूद्ध अपने बैंक खातों को सुरक्षित करने के नाम पर आमजनता को लुभाना, इसके लिए वे उन्हें इ-मेल के माध्यम से या इ-मेल में दिए गए लिंक पर क्लिक कर यूजर आईडी/पासवर्ड सहित बैंक खाते के ब्यौरे साझे करने के लिए कहते हैं।
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इ-मेल के माध्यम से रिज़र्व बैंक में रोजगार का प्रस्ताव।
रिज़र्व बैंक ने यह भी कहा है कि फर्जी प्रस्ताव अन्य सार्वजनिक संस्थाओं जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), आयकर प्राधिकारियों, सीमाशुल्क प्राधिकारियों या गवर्नर डॉ. रघुराम राजन या रिज़र्व बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों जैसे व्यक्तियों के नाम पर भी किए जाते हैं।
रिज़र्व बैंक ने कहा है कि धोखेबाज व्यक्तियों के खाते में एक बार पैसा जमा होने के बाद इस पैसे को वसूल करने के लिए आमजनता के पास बहुत कम संभावना रहती है।
रिज़र्व बैंक ने एक बार फिर से आम जनता को सावधान किया है कि ऐसे प्रस्तावों में फंसने के परिणामस्वरूप व्यक्ति अपनी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत सूचना के साथ समझौता करता है जिस सूचना का उसे सीधे वित्तीय और अन्य प्रकार की हानि पहुंचाने के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है। उन्हें अपने स्वयं के हित में किसी भी तरीके में ऐसे प्रस्तावों का जवाब देने से बचना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें तत्काल पुलिस की साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करानी चाहिए जिसका संपर्क ब्यौरा रिज़र्व बैंक की पहले जारी प्रेस प्रकाशनी (विदेश से पैसे के फर्जी प्रस्तावों के विरूद्ध स्थानीय पुलिस/साइबर अपराध प्राधिकारियों को शिकायत) में उपलब्ध है।
अल्पना किल्लावाला
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2014-2015/1046
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