4 जनवरी 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने संचार प्रक्रिया आसान बनाई:
विदेशी विनिमय पर शुरू करते हुए व्यापक मास्टर निदेश जारी किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 17 मास्टर निदेश जारी किए जिनमें विदेशी मुद्रा विनिमय लेनदेनों को कवर किया गया है। विदेशी विनिमय पर आज जारी किए जा रहे मास्टर निदेशों में संगत विनियमों के दायरे के अंदर अब तक जारी किए गए आज की तारीख तक संशोधित ए.पी. (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्रों को समेकित किया गया है और ये विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) के अंतर्गत बनाए गए नियमों और विनियमों के अंतर्गत अनुमत विभिन्न प्रकार के लेनदेनों को कवर करते हैं।
विदेशी मुद्रा विनिमय संबंधी मामलों पर मास्टर निदेश उस तरीके से निपटान करते हैं जिसमें प्राधिकृत व्यक्ति सीमापार/विदेशी मुद्रा विनिमय लेनदेन कार्य करेगा। रिज़र्व बैंक फेमा की धारा 6, 7, 8, 9, 10 और 47 के तहत पूंजी खाता और व्यापार लेनदेन के संबंध में नियम बनाता है जहां भारत सरकार चालू खाता लेनदेनों और कंपाउंडिंग कार्यवाहियों के संबंध में नियम बनाती है। इसके अतिरिक्त, फेमा की धारा 3 के संबंध में, सभी प्रकार के सीमापार और/अथवा विदेशी मुद्रा विनिमय लेनदेन फेमा की धारा 10 के अंतर्गत इस प्रकार का कार्य करने वाले प्राधिकृत व्यक्ति के माध्यम से किए जाने हैं। अतः भारतीय रिज़र्व बैंक अपने ग्राहकों/संघटकों के साथ लेनदेन करने के तरीकों के बारे में फेमा की धारा 11 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश [ए.पी.(डीआईआर श्रृंखला) परिपत्रों के माध्यम से] जारी करता है।
यह याद होगा कि वर्ष 2015-16 के लिए 29 सितंबर 2015 को घोषित चौथे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य (पैरा 29) में गवर्नर डॉ. रघुराम जी. राजन ने घोषणा की थी कि “रिज़र्व बैंक अपने सभी मास्टर विनियमों और इन विनियमों के अनुपालन के लिए अपेक्षित प्रक्रिया को 1 जनवरी 2016 तक अद्यतित करेगा। सभी मास्टर विनियमों को पूरी तरह से अपडेट कर ऑन-लाइन डाला जाएगा। रिज़र्व बैंक विनियमाकीय संप्रेषणों की स्पष्टता में सुधार करने के लिए भी कार्य करेगा।”
तदनुसार, जनवरी 2016 से शुरू करते हुए रिज़र्व बैंक सभी विनियामकीय मामलों पर मास्टर निदेश जारी करेगा। जारी किए जाने वाले मास्टर निदेशों में रिज़र्व बैंक बैंकिंग मुद्दों और विदेशी विनिमय लेनदेनों सहित विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत नियमों और विनियमों पर अनुदेश समेकित करेगा। मास्टर निदेश जारी करने की प्रक्रिया में प्रत्येक विषय के लिए एक मास्टर निदेश जारी करना शामिल है जिसमें उस विषय पर सभी अनुदेशों को कवर किया जाएगा। वर्ष के दौरान नियमों, विनियमनों या नीति में किसी प्रकार के परिवर्तन की सूचना परिपत्रों के माध्यम से दी जाएगी। मास्टर निदेशों को उचित रूप से और नियमों/विनियमों में किसी प्रकार का बदलाव होने या नीति में किसी प्रकार का बदलाव होने के साथ ही अद्यतन किया जाएगा। सभी प्रकार के परिवर्तनों को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध मास्टर निदेशों में दर्शाया जाएगा और इसके साथ परिवर्तन होने वाली तारीख भी दर्शाई जाएगी। मास्टर निदेशों के जारी होने के बाद बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के माध्यम से नियमों और विनियमों के स्पष्टीकरणों को समझने में आसान भाषा में जारी किया जाएगा जहां आवश्यक होगा। विभिन्न विषयों पर जारी मौजूदा मास्टर परिपत्र उस विषय पर मास्टर निदेश के जारी होने के साथ ही वापस लिए माने जाएंगे।
संगीता दास
निदेशक
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1566 |