05 जनवरी 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्रह्मवर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश
को जारी निदेशों की वैधता अवधि को 06 अप्रैल 2016 तक बढ़ाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्रह्मवर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश पर जारी निदेशों की वैधता अवधी को तीन महीने बढ़ाकर 06 जनवरी 2016 से 06 अप्रैल 2016 कर दिया है, जोकि समीक्षाधीन है। उक्त बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसाइटियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत जारी निदेश के तहत 07 जुलाई 2015 से निदेशाधीन है।
निदेश के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित निदेशों के अलावा ब्रह्मवर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते के कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 40,000/- (चालीस हजार रुपए मात्र) की अधिकतम राशि, निदेश की संपूर्ण अवधि अर्थात 07 जुलाई 2015 से 06 अप्रैल 2016 के दौरान एक ही अवसर पर आहरित करने की अनुमति दी जाएगी। निदेश की अन्य शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। 30 दिसंबर 2015 के निदेश की प्रतिलिपि आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।
रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश में संशोधन का तात्पर्य उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार या गिरावट से नहीं लगाया जाना चाहिए। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर उक्त निदेश में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।
अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1578 |