19 मई 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र
को जारी निदेश 19 नवंबर 2016 तक बढ़ाए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अधिसूचित किया है कि लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे को दिनांक 19 मई 2014 के निदेश के माध्यम से दिनांक 20 मई 2014 की कारोबार समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उपर्युक्त निदेशों की वैधता दिनांक 12 नवंबर 2014 के आदेश, दिनांक 06 मई 2015 के आदेश तथा दिनांक 04 नवंबर 2015 के आदेश द्वारा हर बार छह माह के लिए तीन बार बढ़ाई गई थी। आम जनता की जानकारी के लिए एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि क्रमश: दिनांक 12 नवंबर 2014; दिनांक 06 मई 2015 तथा दिनांक 04 नवंबर 2015 के साथ पठित दिनांक 19 मई 2014 के निदेश की परिचालन अवधि को अगले छह माह के लिए बढ़ा दिया है, जोकि समीक्षाधीन है। इन निदेशों की अवधि को दिनांक 13 मई 2016 के हमारे संशोधित निदेश के माध्यम से संशोधित किया गया है तथा ये दिनांक 19 मई 2016 से दिनांक 19 नवंबर 2016 तक लागू होंगे। निम्न संशोधनों के अलावा संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी:
‘हर बचत बैंक खाते में या चालू खाते में या सावधि जमा खाते में या किसी अन्य प्रकार के खाते में (किसी भी नाम से जाना जाए) रखे गए कुल शेष राशि में निहित राशि जो ₹ 1,00,000/- (रुपए एक लाख मात्र) से अधिक न हो, उसे आहरित करने के लिए जमाकर्ता को अनुमति दी जाए, बशर्ते कि इस प्रकार के जमाकर्ता को बैंक के प्रति, उधारकर्ता, बंधक, बैंक जमा के प्रति लोन के रूप में देयता है तो उसे संदर्भित उधार खाते से पहले एडजस्ट किया जाए।‘
उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले दिनांक 13 मई 2016 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोकत वैधता बढाने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, उपर्युक्त बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2697 |