12 नवंबर 2016
₹ 500 और ₹ 1000 के नोटों की वैध मुद्रा स्थिति हटाना-
भारतीय रिज़र्व बैंक का वक्तव्य
₹ 500 और ₹ 1000 के उस समय मौजूद बैंक नोटों की वैध मुद्रा स्थिति हटाने पर बैंकिंग प्रणाली पर यथासंभव सुगम तरीके से और निर्बाध रूप से इन निर्दिष्ट बैंक नोटों को तेजी से हटाने और अन्य मूल्य वर्ग के कानूनी वैधता वाले बैंक नोटों के साथ विनिमय करने की एक बड़ी ज़िम्मेदारी आई है। इसके लिए आवश्यक हुआ कि घोषणा होने के कुछ घंटों के अंदर एटीएम से भी निर्दिष्ट बैंक नोट तेजी से हटाए जाएं, अन्य वैध मुद्रा नोटों को जारी करने के लिए इनमें आवश्यक व्यवस्था की जाए और दो दिन में ही इन्हें रिलोड कर दिया जाए तथा घोषणा होने के एक दिन के बाद ही पूरे देश में सभी बैंक शाखाओं पर जनसाधारण को विनिमय सुविधा प्रदान की जाए। जनसाधारण को होने वाली असुविधा को कम करने की दृष्टि से बैंकों की सभी शाखाएं और भारतीय रिज़र्व बैंक के सभी कार्यालय कार्य समय के बाद भी कार्य कर रहे हैं और अधिक संख्या में जनता को देखते हुए अतिरिक्त काउंटर भी खोले गए हैं। 10 नवंबर 2016 को 10 करोड़ के लगभग विनिमय संबंधी लेनदेन हुए हैं। साथ ही इस स्थिति को सुगम बनाने और जनता की अनिवार्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक और भारतीय रिज़र्व बैंक शनिवार व रविवार को भी खोले गए हैं।
अन्य मूल्यवर्ग के नोटों की जरूरत, जो वैध मुद्रा है (₹ 2000 सहित), को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में चार हजार से अधिक स्थानों पर स्थित मुद्रा तिजोरियों में इन नोटों को रखा गया है। मुद्रा तिजोरियों से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक शाखाएं इन मुद्रा तिजोरियों से जुड़ी हैं। मांग को पूरा करने के उद्देश्य से प्रिंटिंग प्रेस पूरी क्षमता के अनुसार मुद्रा नोट प्रिंट कर रहे हैं ताकि पर्याप्त मात्रा में नोट उपलब्ध रहें।
जबकि हम उपरोक्तानुसार प्रयास कर रहे हैं, जनता को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे प्रि-पेड कार्ड, रूपे /डेबिट/क्रेडिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग के रूप में उपलब्ध भुगतान करने के वैकल्पिक तरीकों का उपयोग करें। जिनके जन धन योजना के तहत बैंकिंग खाते खोले जा चुके हैं और कार्ड जारी किए जा चुके हैं उन सभी से आग्रह है कि वे उनका उपयोग करें। इस तरह से भौतिक मुद्रा पर दबाव कम होगा और यह डिजिटल दुनिया में रहने के अनुभव को बढ़ायेगा.
निर्दिष्ट बैंक नोटों को अन्य मूल्य वर्ग के बैंक नोटों के साथ विनिमय की योजना देश भर में दिनांक 30 दिसंबर, 2016 तक उपलब्ध रहेगी और उसके बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक के निर्दिष्ट कार्यालयों में उपलब्ध रहेगी। चूंकि पर्याप्त समय उपलब्ध है, अत: लोगों को विनिमय के लिये जल्दबाज़ी करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इससे बैंकिंग शाखा नेटवर्क पर परिहार्य दबाव पड़ रहा है।
अल्पना किल्लावाला
प्रधान परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/1190 |