29 नवंबर 2017
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत
निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से दिनांक 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 26 जुलाई 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश दिनांक 30 नवंबर 2017 तक समीक्षाधीन वैध थे।
जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35क की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए समयसमय पर यथासंशोधित किए अनुसार दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से उपर्युक्त बैंक को निदेश जारी किया गया था जिसकी वैधता अवधि अंतिम बार दिनांक 30 नवंबर 2017 तक बढाई गई, वे बैंक पर दिनांक 01 दिसम्बर 2017 से दिनांक 31 मार्च 2018 तक आगे चार महीनों के लिए लागू रहेंगे जिसकी सूचना दिनांक 23 नवम्बर 2017 के निदेश के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे।
उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 23 नवम्बर 2017 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/1476 |