7 मार्च 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 मार्च 2018 को भारतीय स्टेट बैंक पर नकली नोटों का पता लगाने और जब्त करने पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन नहीं करने पर ₹ 4 मिलियन का मौद्रिक दंड लगाया। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47क(1)(ग) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए लगाया गया।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका बैंक द्वारा उसके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय का इरादा नहीं है।
पृष्ठभूमि
बैंक की दो शाखाओं के करेंसी चेस्ट निरीक्षण से अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि नकली नोटों का पता लगाने और जब्त करने पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों का उल्लंघन हुआ है। निरीक्षण रिपोर्ट और अन्य संबंधित दस्तावेजों के आधार पर, बैंक को 5 जनवरी 2018 को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उन्हें सूचित किया गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का पालन न करने पर उन पर दंड क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंक के उत्तर, सुनवाई के दौरान वैयक्तिक रूप से प्रस्तुत की गई दलीलों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई के निदेशों/दिशानिर्देशों का पालन न करने के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और इस कारण से मौद्रिक दंड लगाना ज़रूरी है।
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2385 |