26 सितंबर 2019
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत
निदेश- पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई, महाराष्ट्र-
जमा खातों में से आहरण की सीमा में छूट
जमाकर्ताओं की सुरक्षा के हित में पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई, महाराष्ट्र, जो एक बहु-राज्यीय शहरी सहकारी बैंक है, को दिनांक 23 सितंबर 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-1/डी-1/12.22.183/19-20 द्वारा 23 सितंबर 2019 को कारोबार की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत सर्वसमावेशक निदेशों के अधीन रखा गया है। हाल ही में रिज़र्व बैंक के जानकारी में लायी गयी प्रमुख वित्तीय अनियमितताओं, बैंक के आंतरिक नियंत्रण और प्रणालियों की विफलता और विभिन्न स्थानेतर निगरानी के तहत रिज़र्व बैंक को की जाने वाली उसकी ऋणग्रस्तता की गलत/अपर्याप्त रिपोर्टिंग के कारण ये निदेश आवश्यक हो गए थे। अतः बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) और (2) के तहत बैंक के बोर्ड को अधिक्रमित करते हुए एक प्रशासक की नियुक्ति की गयी है। इस संबंध में प्रशासक आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
प्रशासक द्वारा प्रस्तुत बैंक के नवीनतम जमाकर्ता और चलनिधि प्रोफ़ाइल के प्रारंभिक मूल्यांकन पर रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ताओं के हित में निदेशों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। तदनुसार, 26 सितंबर 2019 के संशोधित निदेश के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 23 सितंबर 2019 के रिज़र्व बैंक निदेश में निर्धारित शर्तों के अधीन जमाकर्ताओं को प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते में से या किसी भी अन्य नाम के जमा खाते से ₹ 10,000/- (दस हजार रूपये मात्र) (पहले आहरित ₹ 1000/- की राशि सहित) से अनधिक राशि के आहरण की अनुमति दी जाए। उक्त निदेश के अन्य निबंधन और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त छूट के साथ, बैंक के 60% से अधिक जमाकर्ता अपने खाते से पूरी शेष राशि निकाल सकेंगे।
जमाकर्ताओं की कठिनाई को कम करने की दृष्टि से उपरोक्त छूट दी गई है। रिज़र्व बैंक बारीकी से स्थिति की निगरानी कर रहा है और बैंक निरंतर रूप से जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/792 |