भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “भारत की अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सांख्यिकी – 2017” जारी की गई |
18 जुलाई 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “भारत की अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सांख्यिकी – 2017”
जारी की गई
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 2017 की चार तिमाहियों के लिए “भारत में बैंकों की अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सांख्यिकी (आईबीएस)” जारी की। इसमें शामिल है :(क) स्थानिक बैंकिंग सांख्यिकी (एलबीएस), जो अंतरराष्ट्रीय दावों और भारत में लिखतों / घटकों, मुद्रा, आवास का देश और प्रतिपक्ष / लेनदेन इकाई के क्षेत्र, और रिपोर्टिंग बैंकों की राष्ट्रीयता के संदर्भ में बैंकों की देनदारियों पर डेटा प्रस्तुत करती है; और (ख) समेकित बैंकिंग सांख्यिकी (सीबीएस), जो अवशिष्ट परिपक्वता और उधारकर्ता के क्षेत्रवार डेटा और साथ ही निकटतम उधारकर्ता के देश द्वारा एक्सपोजर और अंतिम जोखिमवाले देश को दावों (अर्थात जोखिम हस्तांतरण) के पुनराबंटन को कवर करती है। यह डेटा भारतीय रुपया और अमरीकी डॉलर के संदर्भ में प्रस्तुत किया जाता है।
'भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस (डीबीआईई)' पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in) के माध्यम से उपर्युक्त डेटा https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!14 पर प्राप्त किया जा सकता है। आईबीएस पद्धति और अवधारणाओं के लिए, आरबीआई बुलेटिन के जुलाई 2016 के अंक में प्रकाशित 'भारत की अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सांख्यिकी' पर आलेख का संदर्भ लिया जा सकता है। 2017 के भारत के आईबीएस पर एक विश्लेषणात्मक आलेख आरबीआई बुलेटिन के आगामी अंक में शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा।
अब से आईबीएस डेटा डीबीआईई पर त्रैमासिक आधार पर अपडेट किया जाएगा।
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/169 |
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