Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Note : To obtain an aligned printout please download the (323.00 kb ) version to your machine and then use respective software to print the story.
Date: 12/12/2022
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ईस्टर्न एंड नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल पर मौद्रिक दंड लगाया

12 दिसंबर 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ईस्टर्न एंड नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड,
कोलकाता, पश्चिम बंगाल पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 दिसंबर 2022 के आदेश द्वारा ईस्टर्न एंड नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर (i) पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ़) के अंतर्गत जारी किए गए विशिष्ट निदेशों और (ii) 'भारतीय रिज़र्व बैंक - (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016' के कतिपय प्रावधानों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 और 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसकी निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को एसएएफ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा संबंधी निदेशों का पालन करने में बैंक विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर, तत्पश्चात अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक और लिखित प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1354

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।