Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Note : To obtain an aligned printout please download the (287.00 kb ) version to your machine and then use respective software to print the story.
Date: 06/02/2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि उत्कल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, भुवनेश्वर, ओडिशा पर मौद्रिक दंड लगाया

6 फरवरी 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि उत्कल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, भुवनेश्वर, ओडिशा
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 जनवरी 2023 के आदेश द्वारा, दि उत्कल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, भुवनेश्वर, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी (i) एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी संबंधी निदेशों और (ii) पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ़) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 15.00 लाख (पंद्रह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2021 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने एसबीआई द्वारा जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज की तुलना में अधिक ब्याज न देकर (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोजर मानदंडों और विवेकपूर्ण अंतर-बैंक प्रतिपक्ष सीमा और (ii) एसएएफ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों का उल्लंघन किया था। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और उसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1673

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।