Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Note : To obtain an aligned printout please download the (344.00 kb ) version to your machine and then use respective software to print the story.
Date: 10/08/2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि महाबलेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

10 अगस्त 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि महाबलेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि महाबलेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20ए के प्रावधानों, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमाखातों के रखरखाव' और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने अपने भूतपूर्व निदेशक के एक ऋण खाते में ब्याज राहत प्रदान की, एसएएफ प्रतिबंधों के बावजूद नए ऋण स्वीकृत किए और अपने उधारकर्ताओं की सीसी सीमा को नवीनीकृत किया तथा निष्क्रिय खातों की वार्षिक समीक्षा और अपने ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा नहीं की। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि सांविधिक प्रावधानों और जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के लिखित उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपरोक्त सांविधिक प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/734

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।