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Date: 14/09/2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वीरमगाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वीरमगाम, जिला. अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

14 सितंबर 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वीरमगाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वीरमगाम, जिला.
अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि वीरमगाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वीरमगाम, जिला. अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम - प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' संबंधी निदेशों और पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) ऐसे ऋण स्वीकृत किए, जिनमें बैंक के निदेशकों के रिश्तेदार प्रतिभू/ गारंटीकर्ता थे, (ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक प्रतिपक्ष जोखिम सीमा का उल्लंघन किया, और (iii) एसएएफ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों का उल्लंघन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों से अधिक दर पर जमाराशियों पर ब्याज दर दी। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उपरोक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/920

 
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