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Date: 17/10/2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कैथोलिक को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया

17 अक्तूबर 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कैथोलिक को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा दि कैथोलिक को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेलंगाना (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’, ‘अग्रिमों का प्रबंधन-शहरी सहकारी बैंक’ तथा ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

अक्तूबर 2023 में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक की जांच की गई। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिनके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने:

  1. कुछ जमा खातों के संचालन की निगरानी नहीं की तथा उन खातों में शेष राशि न होने पर भी शेष राशि की पुष्टि के पत्र जारी किए गए, तथा

  2. एक निदेशक के रिश्तेदारों को ऋण की मंजूरी दी।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1324

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

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