आरबीआई/2015-16/393
डीसीएम (सीसी) सं. जी-10/3352/03.41.01/2015-16
मई 05, 2016
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक /
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
समस्त बैंक
महोदया / प्रिय महोदय,
बैंक शाखाओं के लिए जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)
कृपया "प्रोत्साहन तथा दण्ड योजना – समीक्षा" पर हमारे दिनांक 21 मई, 2015 के परिपत्र डीसीएम (सीसी) सं. 4846/03.41.01/2014-15 का संदर्भ लें ।
2. जैसा कि इसमें सूचित किया गया था, प्रोत्साहन तथा दण्ड योजना की समीक्षा कर ली गई है । इसकी सामीक्षा पर, यह निर्णय लिया गया है कि प्रोत्साहन योजना को दण्ड से अलग रखा जाए एवं कुछ प्रोत्साहन संशोधित किए जाएँ । तदनुसार, संशोधित प्रोत्साहनों को समाहित कराते हुए "मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)" शीर्षक से एक नई योजना बनाई गई है तथा इसे सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु अनुलग्नक में दिया गया है । उपरोक्त योजना के अनुसार, कार्यनिष्पादन पर आधारित प्रोत्साहन का भुगतान 01 जुलाई 2015 से प्रभावी होगा, किन्तु मशीनों के संस्थापन के लिए प्रोत्साहन सिर्फ कैश रिसायकलर तथा केवल कम मूल्य के नोट वितरित करने वाले एटीएम के लिए ही उपलब्ध होगा, जो निश्चित सीमा तक मशीन के मूल्य की प्रतिपूर्ति के अधीन होगी तथा परिपत्र की तारीख से प्रभावी होगा ।
3. दण्ड से संबन्धित मामले की समीक्षा की जा रही है । इस विषय पर परिपत्र जारी होने तक दण्ड संबंधी मामलों का निपटान प्रोत्साहन तथा दण्ड योजना के तहत दिनांक 01 जुलाई 2014 को जारी मास्टर परिपत्र सं. जी-5/03.39.01/2014-15 के अनुसार होगा ।
4. परिपत्र हमारी बेबसाईट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है ।
भवदीय
(पी.विजय कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्न : यथोक्त
अनुबंध
आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्य निष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्टर परिपत्र
मुद्रा तिजोरियों सहित सभी बैंक शाखाओं के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बैंक शाखाएं आम जनता को नोटों और सिक्कों के विनिमय के संबंध में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करती हैं तथा क्लीन नोट पॉलिसी के घटकों को ध्यान में रखते हुए “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)” तैयार की गई है ।
प्रोत्साहन
उक्त योजना के अनुसार, नोटों और सिक्कों के विनिमय के लिए सुविधा प्रदान करने हेतु बैंक निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन पाने के लिए पात्र हैं :
क्रम सं. |
सेवा का प्रकार |
प्रोत्साहन के ब्योरे |
i) |
अल्प बैंकिंग सेवाओंवाले राज्यों में 1 लाख से कम जनसंख्या वाले केद्रों में मुद्रा तिजोरियां खोलना और उनका रखरखाव |
-
पूंजीगत लागत : प्रति मुद्रा तिजोरी, रू. 50 लाख की सीमा के अधीन, पूंजीगत व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति। उत्तरी पूर्व क्षेत्र में, रू.50 लाख की सीमा के अधीन, पूंजीगत व्यय के 100 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति के लिए पात्र है।
-
राजस्व लागत :पहले 3 वर्षों के लिए, राजस्व व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति। उत्तरी पूर्व क्षेत्र में, पहले 5 वर्षों के लिए, राजस्व व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
|
ii) |
बैंक शाखाओं के काउंटरों पर गंदे नोटों का विनिमय/कटे-फटे बैंकनोटों का न्यायनिर्णयन |
-
गंदे नोटों का विनिमय : रू.50 तक के मूल्यवर्ग में गंदे बैंकनोटों के विनिमय के लिए प्रति पैकेट दो रूपया।
-
कटे-फटे नोटों का न्यायनिर्णयन : प्रति नोट रू.2.00
|
iii) |
काउंटरों पर सिक्कों का वितरण |
-
काउंटरों पर सिक्कों के वितरण लिए प्रति बैग रू.25/-
-
बैंकों से दावों की प्रतीक्षा किये बगैर, मुद्रा तिजरियों से हुए निवल आहरण के आधार पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा।
-
यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुदरा ग्राहकों को सिक्कों का वितरण अल्प मात्रा में किया जाता है न कि बड़े परिमाण में, बैंक जांच और संतुलन की प्रणाली कार्यान्वित करें।
-
सिक्कों के वितरण का सत्यापन भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा मुद्रा तिजोरियों के निरीक्षण/शाखाओं में आकस्मिक दौरों के माध्यम से किया जायेगा।
|
iv) |
मशीनों की स्थापना जो जनता को नकदी संबन्धित खुदरा सेवाएँ प्रदान करती हैं जैसे –
-
कैश रिसायकलर
-
कम मूल्य के नोट देने वाला एटीएम (अर्थात रू. 100 मूल्य तक के)
नोट: जो एटीएम रू. 500/- के तथा इससे अधिक उच्च मूल्य के नोट देने वाले हैं वे इस प्रतिपूर्ति हेतु पात्र नहीं हैं । |
मशीन के लिए प्रतिपूर्ति हेतु अधिकतम राशि निम्नानुसार है :
मेट्रो / शहरी क्षेत्रों के लिए :
-
कैश रिसायकलर : मशीन के वास्तविक मूल्य का 50% अथवा रू. 2,00,000/- जो भी कम हो
-
कम मूल्य के नोट देने वाला एटीएम (रू. 100 मूल्य तक के) : मशीन के वास्तविक मूल्य का 50% अथवा रू. 2,00,000/- जो भी कम हो
अर्द्धशहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए :
-
कैश रिसायकलर : मशीन के वास्तविक मूल्य का 60% अथवा रू. 2,50,000/- जो भी कम हो
-
कम मूल्य के नोट देने वाला एटीएम (रू. 100 मूल्य तक के) : मशीन के वास्तविक मूल्य का 60% अथवा रू. 2,50,000/- जो भी कम हो
|
3. प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए परिचालन अनुदेश -
3.1 कार्यनिष्पादन पर आधारित प्रोत्साहन –
-
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में वास्तविक रूप से प्राप्त गंदे नोटों पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा । बैंकों को अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । मुद्रा तिजोरी शाखाओं को सहलग्न शाखाओं को उनके द्वारा प्रस्तुत गंदे नोटों के लिए समानुपातिक आधार पर प्रोत्साहन देना होगा ।
-
इसी तरह, गंदे नोट प्रेषणो के साथ प्राप्त / अलग से पंजीकृत / बीमाकृत डाक से सीलबद्ध लिफाफे में भारतीय रिजर्व बैंक को भेजे गए अधिनिर्णित नोटों के संबंध में प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा । अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है ।
3.2 मशीनों के संस्थापन के लिए प्रोत्साहन :
i) जो बैंक एक वर्ष में 01 जुलाई से 30 जून तक की अवधि के दौरान विभिन्न मशीनें खरीदना चाहते हैं या मुद्रा तिजोरी स्थापित करना चाहते हैं, वे मशीन और उसकी कीमत के पूरे विवरण सहित अपनी वार्षिक योजना हमारे निर्गम कार्यालयों को प्रति वर्ष 15 अप्रैल तथा चालू आधार पर प्रस्तुत कर सकते हैं । हमारे निर्गम कार्यालय को योजना प्राप्त होने के पश्चात वे प्रत्येक बैंक को उस वर्ष के लिए उचित अधिकतम प्रतिपूर्ति की जाने वाली राशि के बारे में सूचित कर सकते है ।
आगामी वर्ष (01 जुलाई 2016 से 30 जून 2017) से संबन्धित प्रस्तावों को विशेष मामलों के रूप में कृपया 31 मई 2016 तक प्रस्तुत किया जाए ।
वर्तमान वर्ष (जुलाई 2015 से जून 2016) के संबंध में, बैंक हमारे परिपत्र की तारीख से 30 जून 2016 तक मशीन खरीदने की योजना हमारे क्षेत्रीय कार्यालयों को 31 मई 2016 तक अलग से दर्शा सकते हैं ।
ii) क्षेत्रीय कार्यालयों से प्रत्येक बैंक को अधिकतम प्रतिपूर्ति की जाने वाली राशि के बारे में सूचना प्राप्त होने पर, बैंक मशीन खरीद सकते हैं तथा वे अपना दावा तिमाही आधार पर प्रस्तुत कर सकते हैं ।
iii) कैश रिसायकलर की स्थापना तथा कम मूल्य वर्ग के नोटों के वितरण वाले एटीएम के लिए प्रोत्साहन के दावे संबंधित बैंक के सम्बद्ध कार्यालय के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित निर्गम कार्यालय को तिमाही आधार पर 30 दिनों के भीतर प्रस्तुत किए जाने चाहिए । हालांकि इस तरह के दावे केवल वेण्डर को मशीनों की कीमत के पूर्ण भुगतान करने के पश्चात ही प्रस्तुत किए जा सकते हैं ।
|