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Date: 26/08/2020
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 31 के तहत रिटर्न जमा करना – समयावधि बढ़ाना

भारिबैं/2020-21/28
डीओआर (पीसीबी).बीपीडी.परि.सं.2/12.05.001/2020-21

अगस्त 26, 2020

मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया/महोदय,

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 31 के तहत रिटर्न जमा करना – समयावधि बढ़ाना

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 ("अधिनियम") [बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2020 द्वारा यथा संशोधित] की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के अनुसार, अधिनियम की धारा 29 में उल्लिखित खाते और बैलेंस-शीट, ऑडिटर की रिपोर्ट सहित, निर्धारित तरीके से प्रकाशित की जाएगी और उनकी तीन प्रतियां उनकी संदर्भित अवधि की समाप्ति से तीन महीने के भीतर रिटर्न के रूप में रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की जाएगी। उपर्युक्त धारा की पहली शर्त (proviso) के अनुसार रिज़र्व बैंक किसी स्थिति में उक्त रिटर्न को प्रस्तुत करने की अवधि को अधिकतम तीन महीने तक बढ़ा सकता है।

2. उपरोक्त अध्यादेश, जिसके द्वारा अन्य धाराओं के साथ धारा 31 को भी संशोधित किया गया है, को प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (शसबैं) के लिए दिनांक 29 जून, 2020 को अधिसूचित किए जाने तथा वर्तमान कोविड-19 महामारी के कारण शसबैं को उपर्युक्त रिटर्न को प्रस्तुत करने में हो रही कठिनाइयों के कारण दिनांक 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए उक्त रिटर्न को जमा करने के लिए और अधिक समय प्रदान करना आवश्यक समझा जाता है।

3. उपरोक्त के मद्देनजर, रिज़र्व बैंक एतदद्वारा अधिनियम की धारा 31 के तहत दिनांक 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए रिटर्न प्रस्तुत करने हेतु निर्धारित तीन महीने की अवधि को आगे और तीन महीने के लिए बढ़ाता है। तदनुसार सभी शसबैं उक्त रिटर्न 30 सितंबर, 2020 को या उससे पहले रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।

भवदीय,

(नीरज निगम)
मुख्य महाप्रबंधक

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

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