5 नवंबर 2015
भारतीय रिज़र्व बैंक ने धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड पर अन्य बातों के साथ-साथ अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंडों तथा धन शोधन निवारण (एएमएल) मानकों पर अपने अनुदेशों का उल्लंघन करने पर ₹ 10 मिलियन का मौद्रिक दंड लगाया है। रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों/निदेशों/दिशानिर्देशों के उल्लंघनों को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47 (क)(1)(ग) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह दंड लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन की कमियों के कारण की गई है, न कि बैंक और इसके ग्राहकों के बीच किसी प्रकार के लेनदेन या करार की वैधता के कारण।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक चालू खाता जिसकी छानबीन आर्थिक अपराध विंग (ईओडब्ल्यू), मुंबई द्वारा की जा रही है, के संबंध में केवाईसी और एएमएल दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई, प्रस्तुत सूचना और उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर विचार करने के बाद, रिज़र्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा है कि उक्त बैंक ने समय-समय पर जारी किए गए अनुदेशों/दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है और उक्त बैंक पर मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक हो गया है।
संगीता दास
निदेशक
प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/1087 |