19 मई 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक,
महाराष्ट्र पर निदेश जारी किए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने (18 मई 2018 के निदेश के तहत) पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र को निदेशाधीन रखा है। निदेशों के अनुसार जमाकर्ताओं को भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते या अन्य जमा खाते, चाहे कुछ भी नाम हो, में रखी कुल शेषराशि में से अधिकतम ₹ 1000 (एक हजार रुपए केवल) की राशि निकालने की अनुमति होगी। पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित में पूर्वानुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक के मई 18, 2018 के निदेशों में अधिसूचित सीमा और रीति को छोडकर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा, भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेगा। उक्त निदेश 19 मई 2018 को कारोबार की समाप्ति से जारी किए गए हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है । बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।
उक्त निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35क की उप-धारा के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लागू किए गए हैं। निदेशों की एक प्रति हितधारक आमजनता के लिए बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/3044 |