2 जुलाई 2019
भारतीय रिज़र्व बैंक ने चार बैंकों पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 25 जून, 2019 के एक आदेश द्वारा, आरबीआई द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों / धन शोधन निवारण (एएमएल) मानकों और चालू खाता खोलने पर जारी निर्देशों के कुछ प्रावधानों का पालन न करने पर चार बैंकों पर निम्नानुसार मौद्रिक जुर्माना लगाया है:
क्रम सं. |
बैंक का नाम |
दंड की राशि
(₹ मिलियन में) |
1. |
इलाहाबाद बैंक |
5 |
2. |
कॉर्पोरेशन बैंक |
2.5 |
3. |
पंजाब नेशनल बैंक |
5 |
4. |
यूको बैंक |
5 |
यह मौद्रिक दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त दिशानिर्देशों के अनुपालन में बैंकों की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका अर्थ बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता के रूप में नहीं लगाया जाएं।
पृष्ठभूमि
एक शिकायत के आधार पर, उपर्युक्त बैंकों में चार संस्थाओं द्वारा खोले गए चालू खातों की जांच की गई और यह पाया गया कि ये बैंक अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंडों / धन शोधन निवारण(एएमएल) मानक और चालू खाते खोलने संबंधी रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों के कुछ प्रावधान के अनुपालन में विफल हुए हैं। निष्कर्षों के आधार पर, बैंकों को नोटिस जारी करके पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निर्देशों का पालन न करने के लिए उनपर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाए। बैंकों से प्राप्त उत्तरों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक जुर्माना लगाना जरूरी हो गया है ।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/26
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