24 सितंबर 2019
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत
निदेश- पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई, महाराष्ट्र
भारतीय रिज़र्व बैंक ने (23 सितंबर 2019 के निदेश द्वारा) पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई, महाराष्ट्र को निदेश के तहत रखा है। निदेशों के अनुसार रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते या किसी भी अन्य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को
₹ 1,000/- (एक हजार रुपये मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि., भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमा राशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा, भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और दिनांक 23 सितंबर 2019 के रिज़र्व बैंक निदेशों में अधिसूचित के अलावा अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य रीति से उसका निपटान करेगा। ये निदेश दिनांक 23 सितंबर 2019 को बैंक के कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए लागू रहेंगे।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है । बैंक अगली सूचना/अनुदेश जारी होने तक प्रतिबंधों के तहत बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।
ये निदेश बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाए गए हैं। दिनांक 23 सितंबर 2019 के निदेश की एक प्रति इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/766 |