31 जनवरी 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 A के अंतर्गत
निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश सं. यूबीडी.सीओ.बीएसडी.I.सं.डी-34/12.22.035/2013-14 के माध्यम से दिनांक 2 मई 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 25 अक्तूबर 2019 के आदेश सं डीसीबीआर.सीओ.एआईडी/सं.डी-33/12.22.035/2019-20 के माध्यम से बढ़ाया गया और ये निदेश दिनांक 31 जनवरी 2020 तक वैध होंगे तथा समीक्षाधीन रहेंगे।
2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 A की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए समय-समय पर यथासंशोधित करते हुए दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश सं यूबीडी.सीओ.बीएसडी.I.सं.डी-34/12.22.035/2013-14 के माध्यम से उपर्युक्त बैंक को निदेश जारी किया गया था जिसकी वैधता अवधि दिनांक 31 जनवरी 2020 तक बढ़ाई गई थी, तथा ये निदेश बैंक पर दिनांक 01 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2020 तक अर्थात आगे दो महीने के लिए वैध रहेंगे, जिसकी सूचना दिनांक 29 जनवरी 2020 के निदेश सं डीओआर.सीओ.एआईडी/सं.डी-52/12.22.035/2019-20 के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे।
3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 29 जनवरी 2020 के निदेश डीओआर.सीओ.एआईडी/सं.डी-52/12.22.035/2019-20 की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।
4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढ़ाने या/और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मूल सुधार से संतुष्ट है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/1851 |