29 नवंबर 2010
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाराशियॉं स्वीकार करनेवाली
अप्राधिकृत कंपनियों के बारे में जनता को सावधान किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज जनता को अप्राधिकृत कंपनियों के बारे में सावधान किया जो जनता से यह कह कर पैसा जमा करती है कि उन्हें रिज़र्व बैंक ने जमाराशियॉं स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत किया है। रिज़र्व बैंक ने यह सूचित किया है कि उन्होंने अपनी वेबसाइट (http://rbi.org.in/scripts/BS_NBFCList.aspx) पर जमाराशि स्वीकार करने के लिए अनुमति प्राप्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की सूची जारी की है। इस सूची में दिए गए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नामों के अलावा अन्य कोई भी कंपनी जनता से जमाराशियॉं स्वीकार नहीं कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी है और इसकी जॉंच कानून बाध्यकरण एजेंसियों द्वारा सामान्य समय अवधि में की जाएगी।
रिज़र्व बैंक समय-समय पर जनता को इसके बारे में सावधान करते हुए आगाह भी करती रही है।
साथ ही, रिज़र्व बैंक ने सूचित किया है कि अप्राधिकृत रूप से पैसा स्वीकार करने और पैसा परिचालन योजनाएं चलाने से संबंधित सभी शिकायतें संबंधित राज्य सरकारों के आर्थिक धोखाधड़ी विभाग को भेजी जाए।
यह जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ व्यक्ति/फर्म/व्यक्तियों का गैर-पंजीकृत संगठन (गैर पंजीकृत निकायों)/बिक्री कंपनियॉं और पैसा परिचालन योजनाओं में लगी कंपनियॉं विज्ञापन अथवा उत्पादों की बिक्री के माध्यम से अत्यधिक लाभ के बड़े-बड़े वादे कर जनता से पैसा जमा करते हैं। कुछ तो यह भी दावा करते हैं कि उन्हें अपने परिचालनों के लिए रिज़र्व बैंक का अनुमोदन प्राप्त है। ऐसी कुछ संस्थाएं तो उनके द्वारा संग्रहित राशि का भुगतान किए बगैर ही गुल हो गई है।
इनामी चिट और धन परिचालन योजना (पाबंदी) अधिनियम, 1978 के अंतर्गत पैसा परिचालन योजनाओं पर प्रतिबंध है और संबंधित राज्य सरकारों को ऐसी योजनाओं में शामिल व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई करने का अधिकार है।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/746 |