भारिबैं /2011-12/154
ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 17/ 03.05.33/2011-12
16 अगस्त, 2011
अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
बैंकिंग चैनलों का दुरूपयोग – 50,000/- रूपए और उससे
अधिक के मांग ड्राफ्ट जारी करना तथा उनका भुगतान
कृपया दिनांक 29 मई 1991 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं.एनबी.बीसी. 124/आरआरबी.16/90-91 देखें जिसके अनुसार 50,000 रूपए और उससे अधिक के मांग ड्राफ्ट, डाक अंतरण, तार-अंतरण तथा ट्रेवलर चेक, बैंकों द्वारा केवल ग्राहकों के खातों को नामे कर या खरीदार द्वारा प्रस्तुत चेकों या अन्य लिखतों के प्रति जारी किये जाने चाहिए न कि नकद भुगतान के प्रति।
2. यह हमारे ध्यान में लाया गया है कि कुछ बैंकों ने हाल ही में ग्राहकों के खातों के नामे या खरीदार द्वारा प्रस्तुत चेकों या अन्य लिखतों के प्रति 50,000/- रूपए और उससे अधिक मांग ड़ाफ्ट जारी न करके उसे नकद जमाराशि पर जारी किया है।
3. वर्तमान परिदृश्य में जहाँ सामान्य रूप में वित्तीय प्रणाली तथा विशेष रूप में बैंकिंग चैनलों की अखंडता सर्वोच्च महत्व रखता है, वहाँ व्यापक प्रभावों को देखते हुए इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन एक गंभीर नियामक चिंता का विषय है।
4. उपरोक्त के संबंध में हम यह दोहराते हैं कि उक्त संदर्भित दिनांक 29 मई 1991 के हमारे परिपत्र द्वारा बताए गए अनुदेशों को बैंकों द्वारा कड़ाई से अनुपालन किया जाए। इन अनुदेशों का किसी भी प्रकार के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा।
भवदीय
(सी.डी. श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक |