आरबीआई/2012-13/191
बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 38/09.07.005/2012-13
05 सितम्बर, 2012
14 भाद्र 1934 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय
दृष्टिबाधित/विकलांग व्यक्तियों के लिए बैंकिंग सुविधाएं
कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 4 जून 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईंजी. बीसी. 91/09.07.005/ 2007-08 देखें जिसके माध्यम से सूचित किया गया था कि तृतीय पक्ष चेक सहित चेक-बुक सुविधा, एटीएम सुविधा, नेट बैंकिंग सुविधा, लॉकर सुविधा, रिटेल ऋण, क्रेडिट कार्ड इत्यादि जैसी सभी बैंकिंग सुविधाएं किसी भेद-भाव के बिना दृष्टि बाधित व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से दी जाए, क्योंकि वे विधिक रूप से संविदा करने के लिए सक्षम हैं । साथ ही, कृपया दिनांक 13 अप्रैल 2009 का परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 123/ 09.07.005/2008-09 भी देखें जिसके माध्यम से बैंकों को सूचित किया गया था कि वे मौजूदा सभी एटीएम/ भविष्य में स्थापित किए जाने वाले एटीएम को चल सीढ़ी सुविधायुक्त बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और नये स्थापित किये जाने वाले एटीएम में से कम-से-कम एक तिहाई एटीएम को ब्रैल की-पैड युक्त एवं बोलनेवाले एटीएम बनायें।
2. विकलांग व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त के कार्यालय से हमें यह ज्ञात हुआ है कि दृष्टिबाधित लोगों को इंटरनेट बैंकिंग जैसी बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । अतः बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उपर्युक्त परिपत्रों में दिए गए अनुदेशों का सख्ती से पालन करें और दृष्टिबाधा, क्षीण दृष्टि और अन्य प्रकार की विकलांगता से ग्रसित व्यक्तियों को सभी बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करें ।
भवदीय
(राजेश वर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक |