मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 के अधीन जारी विधिक अभिभावक प्रमाणपत्र |
भारिबैं/2015-16/321
बैंविवि.सं.एलईजी.बीसी.78/09.07.005/2015-16
11 फरवरी 2016
अध्यक्ष/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर)
महोदय,
मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 के अधीन जारी विधिक अभिभावक प्रमाणपत्र
कृपया 13 जनवरी 2014 का परिपत्र बैंपविवि.एलईजी.बीसी.84/09.07.005/2013-14 देखें, जिसमें बैंकों को अन्य बातों के साथ-साथ यह सूचित किया गया था कि वे मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 के कानूनी प्रावधानों का ध्यान रखें तथा बैंक खाते खोलने/ परिचालन करने के लिए अभिभावकों/प्रबंधकों की नियुक्ति के लिए उक्त अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आदेशों/प्रमाणपत्रों पर निर्भर रहें तथा उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करें।
2. हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि बैंक मानसिक रूप से बीमार सभी व्यक्तियों से अभिभावक प्रमाणपत्र पर जोर दे रहे हैं। इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2(iii) का इरादा हर व्यक्ति "जिसे किसी भी मानसिक विकार के कारण इलाज की जरूरत होती है" के लिए रुटीन मामले के रूप में एक अभिभावक की नियुक्ति पर जोर देने का आदेश देना नहीं है। बैंकों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे केवल ऐसे मामलों में अभिभावक की नियुक्ति की मांग करें, जहां वे स्वयं या उपलब्ध दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर आश्वस्त हैं कि संबंधित व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है और एक वैध और कानूनी रूप से बाध्यकारी अनुबंध में प्रवेश करने में सक्षम नहीं है।
भवदीय,
(राजिंदर कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक |
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