आरबीआई/2017-18/48
विसविवि.केंका.सं.एफएसडी.बीसी.14/05.02.001/2017-18
16 अगस्त 2017
अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
महोदया/ महोदय
वर्ष 2017-18 के दौरान अल्पावधि फसल ऋण के लिए ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना
कृपया दिनांक 25 मई 2017 का हमारा परिपत्र विसविवि. केंका. एफएसडी. बीसी. सं.29/05.02.001/2016-17 देखें जिसमें ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना अंतरिम आधार पर जारी रखने की सूचना दी गई थी। इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि भारत सरकार ने ₹ 3.00 लाख तक के अल्पावधि फसल ऋणों के लिए ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना वर्ष 2017-18 के लिए निम्नलिखित शर्तों के साथ कार्यान्वित करने को अनुमोदित किया है।
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वर्ष 2017-18 के दौरान 7 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर पर किसानों को ₹ 3 लाख तक के अल्पावधि फसल ऋण उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह निर्णय किया गया है कि ऋणदात्री संस्थाओं अर्थात सरकारी क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों (केवल उनकी ग्रामीण और अर्ध शहरी शाखाओं द्वारा दिए गए ऋणों के संबंध में) को अपनी स्वाधिकृत निधियों के प्रयोग पर 2 प्रतिशत वार्षिक का ब्याज सबवेंशन दिया जाए। फसल ऋण राशि पर 2 प्रतिशत के ब्याज सबवेंशन की इस राशि की गणना उसके वितरण/ आहरण की तारीख से किसान द्वारा वास्तव में ऋण चुकाने की तारीख अथवा बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण की नियत तारीख, इनमें से जो भी पहले हो, तक की जाएगी, जो अधिकतम एक वर्ष की अवधि की शर्त पर होगी।
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समय पर भुगतान करने वाले किसानों को फसल ऋण के वितरण की तारीख से किसानों द्वारा वास्तव में ऋण चुकाने की तारीख अथवा बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण की चुकौती की नियत तारीख, इनमें से जो भी पहले हो, तक 3 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन उपलब्ध कराना, जो वितरण की तारीख से अधिकतम एक वर्ष की अवधि की शर्त पर होगा। इसका यह भी आशय है कि ऊपर दिए गए अनुसार शीघ्र भुगतान करने वाले किसानों को वर्ष 2017-18 के दौरान 4 प्रतिशत वार्षिक की दर पर अल्पावधि फसल ऋण प्राप्त होगा।
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किसानों द्वारा मजबूरन बिक्री को हतोत्साहित करने और अपने उत्पाद गोदाम में रखने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करने की दृष्टि से ब्याज सबवेंशन का लाभ ऐसे छोटे और सीमांत किसानों जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है, को फसलोत्तर छ: महीनों की अतिरिक्त अवधि के लिए भण्डारण विकास और विनियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) के पास अधिकृत गोदामों में अपने उत्पाद रखने पर जारी परक्राम्य (निगोशिएबल) गोदाम रसीदों की जमानत पर फसल ऋण के लिए उपलब्ध दर की समान दर पर उपलब्ध होगा।
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प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को सहायता उपलब्ध करने के लिए पुन: संरचित राशि पर बैंकों को पहले वर्ष के लिए दो प्रतिशत का ब्याज सबवेंशन मिलना जारी रहेगी। ऐसे पुन: संरचित ऋणों पर दूसरे वर्ष से सामान्य ब्याज दर लागू होगी।
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बहुविध ऋण दिए जाने से बचने और स्वर्ण ऋण प्रणाली के माध्यम से केवल प्रामाणिक किसानों को रियायती फसल ऋण का लाभ मिलने को सुनिश्चित करने के लिए ऋणदात्री संस्थाएं समुचित सावधानी बरतें और भूमि के विवरणों को दर्ज करने सहित यथोचित दस्तावेजीकरण, जब किसान द्वारा ऐसे प्रयोजनों के लिए स्वर्ण ऋण लिया जाता है तब भी, को सुनिश्चित करें।
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बैंकों को सूचित किया जाता है कि ब्याज सबवेंशन योजना के अंतर्गत किसानों को झंझट रहित लाभ प्राप्त होने को सुनिश्चित करने के लिए 2017-18 में अल्पावधि फसल ऋण का लाभ लेने के लिए आधार से जोडना अनिवार्य कर दें।
2. ऋण देने वाले सभी बैंकों से अनुरोध है कि वे 2015-16 के पात्र विलंबित लेखा परिक्षित दावे अधिकतम 31 अगस्त 2017 तक हमें प्रेषित करें, जैसाकि दिनांक 11 अगस्त 2017 के हमारे ई-मेल द्वारा पहले ही सूचित किया गया है। कृपया इस बात को नोट करें कि इस संबंध में किसी भी हालत में अतिरिक्त अवधि नहीं दी जाएगी। वर्ष 2016-17 के दावे दिनांक 4 अगस्त 2016 के हमारे परिपत्र आरबीआई/2016-17/32 विसविवि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं.9/05.02.001/2016-17 में निर्धारित और निहित क्रियाविधि के अनुसार समय-सीमा के भीतर प्रस्तुत किए जाए।
3. बैंक उक्त योजना का पर्याप्त प्रचार करें ताकि किसान लाभ प्राप्त कर सकें।
4. निम्नानुसार यह भी सूचित किया जाता है कि :-
i) 2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन और 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन के संबंध में दावे क्रमश: फार्मेट I और II (इसके साथ संलग्न) में मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001 को प्रस्तुत किए जाए।
ii) 2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन के संबंध में बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने दावे 30 सितम्बर 2017 और 31 मार्च 2018 को छमाही आधार पर प्रस्तुत करें, जिनमें से 31 मार्च 2018 के दावों के साथ सांविधिक लेखा परीक्षक का प्रमाणपत्र होना जरूरी है जिसमें प्रमाणित किया गया हो कि 31 मार्च 2018 को समाप्त पूरे वर्ष के लिए सबवेंशन के दावे सत्य और सही हैं। वर्ष 2017-18 के दौरान किए गए वितरणों से संबंधित किसी शेष दावे जिसे 31 मार्च 2018 के दावों में शामिल नहीं किया गया है, को अलग से समेकित किया जाए और उसे 'अतिरिक्त दावा' के रूप में अंकित किया जाए और इस दावे की परिशुद्धता प्रमाणित करते हुए सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत लेखा परीक्षित करके प्रस्तुत किया जाए।
iii) 3 प्रतिशत अतिरिक्त सबवेंशन के संबंध में, बैंक 2017-18 के पूरे वर्ष के दौरान किए गए वितरणों से संबंधित एकबारगी समेकित दावे अधिकतम 30 अप्रैल 2019 तक प्रस्तुत करें जो परिशुद्धता प्रमाणित करते हुए सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत लेखा परीक्षित हों।
भवदीय
(अजय कुमार मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक : यथोक्त
फार्मेट I
वर्ष 2017-18 के लिए 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋणों पर
2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन के लिए दावा
बैंक का नाम _____________________________________________________
सितम्बर 2017 / मार्च 2018 को समाप्त
छमाही / अतिरिक्त दावे के लिए विवरण
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7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर कुल अल्पावधि उत्पादन ऋण |
दावा की गई सबवेंशन की राशि |
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खातों की संख्या
(हजारों मे) |
राशि
(लाख रुपए में) |
(वास्तविक रुपए में) |
50,000 रुपए तक के ऋण |
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50,000 रुपए से अधिक और
3 लाख रुपए तक के ऋण |
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कुल |
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हम प्रमाणित करते हैं कि हमने वर्ष 2017-18 के दौरान किसानों को अल्पावधि उत्पादन ऋण के रूप में 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर 3 लाख रुपए तक के उपर्युक्त ऋण वितरित किए हैं।
प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
तारीख
(दावे के इस फार्मेट को सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा उनकी फर्म की पंजीकरण संख्या और सभी हस्ताक्षरकर्ताओं की सदस्यता संख्या के साथ विधिवत प्रमाणित करना जरूरी है।)
फार्मेट II
वर्ष 2017-18 में वितरित 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋणों
की समय पर चुकौती के लिए 3 प्रतिशत अतिरिक्त सबवेंशन का एकबारगी दावा
बैंक का नाम _____________________________________________________
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3 लाख रुपए तक का कुल अल्पावधि उत्पादन ऋण |
कुल अल्पावधि उत्पादन ऋण
जिसकी चुकौती समय पर की गई थी |
3 प्रतिशत की दर से दावा की गई अतिरिक्त सबवेंशन की राशि |
खातों की संख्या
(हजारों मे) |
राशि
(लाख रुपए में) |
खातों की संख्या
(हजारों मे) |
राशि
(लाख रुपए में) |
(वास्तविक रुपए में) |
50,000 रुपए तक के ऋण |
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50,000 रुपए से अधिक और 3 लाख रुपए तक के ऋण |
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कुल |
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हम प्रमाणित करते हैं कि उपर्युक्त ऋण जिनके लिए दावा किया जा रहा है, उनकी चुकौती समय पर की गई थी और 3 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन सबवेंशन का लाभ खाता धारकों को पहले ही दिया गया है, जिससे वर्ष 2017-18 के दौरान ऐसे किसानों को वितरित 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि उत्पादन ऋण के लिए ब्याज दर घटाकर 4 प्रतिशत वार्षिक की गई है।
प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
तारीख
(दावे के इस फार्मेट को सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा उनकी फर्म की पंजीकरण संख्या और सभी हस्ताक्षरकर्ताओं की सदस्यता संख्या के साथ विधिवत प्रमाणित करना जरूरी है।) |