1 |
5.4 |
5.4 बैंक की स्तर 1 आस्तियों में निम्नलिखित शामिल है तथा इन आस्तियों को बिना किसी सीमा के और बिना कोई हेयरकट लागू किए चलनिधि आस्तियों के स्टॉक में शामिल किया जा सकता है:
i. अपेक्षित सीआरआर से अधिक नकद आरक्षित निधियों सहित नकद।
ii. न्यूनतम एसएलआर अपेक्षाओं से आधिक्य में सरकारी प्रतिभूतियां।
iii. अनिवार्य एसएलआर अपेक्षा के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएफएस) के अंतर्गत अनुमत सीमा तक सरकारी प्रतिभूतियां।
iv. विदेशी सरकारों द्वारा जारी या गारंटीकृत बाजार योग्य प्रतिभूतियां, जो निम्नलिखित सभी शर्तों को पूरा करती हैं।
(a) ऋण जोखिम के लिए बासल II मानकीकृत पद्धति से 0% जोखिम भार लगाया गया हो;
(b) संकेंद्रीकरण के निम्न स्तर की विशेषता वाले बड़े, गहरे और सक्रिय रेपो अथवा नकद बाजारों में सौदा किया गया हो; तथा दबावपूर्ण बाजार परिस्थितियों के दौरान भी बाजार में चलनिधि के भरोसेमंद स्रोत के रूप में प्रमाणित रिकॉर्ड हो।
(c) किसी बैंक/वित्तीय संस्था/गैर-बैकिंग वित्तीय संस्था अथवा उसकी संबद्ध संस्था द्वारा जारी न किया गया हो। |
5.4 बैंकों की स्तर 1 आस्तियों में निम्नलिखित शामिल है तथा इन आस्तियों को बिना किसी सीमा के और बिना कोई हेयरकट लागू किए चलनिधि आस्तियों के स्टॉक में शामिल किया जा सकता है:
i. अपेक्षित सीआरआर से अधिक नकद आरक्षित निधियों सहित नकद।
i(क) भारत में निगमित बैंकों के लिए
-
विदेशी केंद्रीय बैंकों के पास अपेक्षित आरक्षित निधि से अधिक रखी गई आरक्षित निधियां1, जहां विदेशी सरकार को किसी अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी द्वारा 0% जोखिम भार दिया गया है।
-
विदेशी केंद्रीय बैंकों के पास अपेक्षित आरक्षित निधि से अधिक रखी गई आरक्षित निधि, उस सीमा तक जहां तक यह जमाशेष उस विशिष्ट मुद्रा में बैंक के दबावग्रस्त निवल नकदी बहिर्वाह को कवर करता है, ऐसे मामलों में, जहां किसी विदेशी सरकार को किसी अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी द्वारा 0% जोखिम भार नहीं दिया गया है लेकिन बासल II ढांचे के तहत राष्ट्रीय विवेक पर 0% जोखिम भार दिया गया है।
ii. न्यूनतम एसएलआर अपेक्षाओं से आधिक सरकारी प्रतिभूतियां।
iii. अनिवार्य एसएलआर अपेक्षा के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएफएस) के अंतर्गत अनुमत सीमा2 तक सरकारी प्रतिभूतियां।
iv. विदेशी सरकारों द्वारा जारी या गारंटीकृत बाजार योग्य प्रतिभूतियां3, जो निम्नलिखित सभी शर्तों को पूरा करती हैं।
(a) ऋण जोखिम के लिए बासल II मानकीकृत पद्धति से 0% जोखिम भार लगाया गया हो;
(b) संकेंद्रीकरण के निम्न स्तर की विशेषता वाले बड़े, गहरे और सक्रिय रेपो अथवा नकद बाजारों में सौदा किया गया हो; तथा दबावपूर्ण बाजार परिस्थितियों के दौरान भी बाजार में चलनिधि के भरोसेमंद स्रोत के रूप में प्रमाणित रिकॉर्ड हो।
(c) किसी बैंक/वित्तीय संस्था/गैर-बैकिंग वित्तीय संस्था अथवा उसकी संबद्ध संस्था द्वारा जारी न किया गया हो। |