भारिबैं/2017-18/154
बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.104/08.13.102/2017-18
6 अप्रैल 2018
सभी वाणिज्यिक बैंक और सहकारी बैंक/ भुगतान बैंक/ लघु वित्त बैंक/
एनबीएफ़सी/ भुगतान प्रणाली प्रदाता
महोदया/ महोदय,
आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) में लेनदेन पर प्रतिबंध
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 दिसंबर 2013, 01 फरवरी 2017 और 05 दिसंबर 2017 के पब्लिक नोटिस के माध्यम से बिटकोइन समेत सभी आभासी मुद्राओं के उपयोग करने वालों, धारकों तथा ट्रेडरों को कई बार इस प्रकार की आभासी मुद्राओं में लेनदेन करने से संबंधित विभिन्न जोखिमों के संदर्भ में अवगत कराया था।
2. संबंधित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं तुरंत प्रभावी रूप में, वर्चुअल करेंसी में लेनदेन में भाग नहीं लेंगे या किसी व्यक्ति या संस्था जो वर्चुअल करेंसी में लेनदेन या निपटान कर रहा है उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए सेवाएं नहीं देंगे। इस प्रकार की सेवाओं में खातों का अनुरक्षण, पंजीकरण, ट्रेडिंग, निपटारा, समाशोधन, वर्चुअल टोकन पर ऋण देना, उनकी संपार्श्विक के रूप में स्वीकृति, उनके साथ डीलिंग करने वाले एक्सचेंजों हेतु खाता खोलना तथा खातों में वर्चुअल करेंसी की खरीद/ बिक्री के संबंध में राशि का अंतरण/ की स्वीकृति शामिल है।
3. पहले से इस प्रकार की सेवाएं देने वाली विनियमित संस्थाएं इस परिपत्र के जारी होने की तारीख से तीन महीनों के अंतर्गत इसे समाप्त करें।
4. बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36(1)(क) के साथ पठित धारा 35(क), बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36(1)(क) और धारा 56 के साथ पठित धारा 35(क), भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1949 की धारा 45 जेए और 45एल और भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 18 के साथ पठित धारा 10(2) द्वारा प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए इन अनुदेशों को जारी किया गया है।
भवदीय,
(सौरभ सिन्हा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |