भारिबैंक/2017-18/161
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 23
12 अप्रैल 2018
सभी श्रेणी-I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/ महोदय,
निवासी व्यष्टियों (individuals) के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना – लेनदेनों की दैनिक आधर पर रिपोर्टिंग
कृपया दिनांक 05 अप्रैल 2018 को जारी वर्ष 2018-19 के प्रथम द्वैमासिक नीति वक्तव्य के भाग II के पैराग्राफ 10 में की गई घोषणा का संदर्भ ग्रहण करें।
2. उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत वर्तमान में विप्रेषक द्वारा दिये गए घोषणापत्र के आधार पर प्राधिकृत व्यापारी बैंकों द्वारा लेनदेनों को अनुमति प्रदान की जा रही है। इस संबंध में निर्धारित सीमाओं के पालन की मॉनिटरिंग विश्वसनीय सूचना-स्रोत के अभाव में, स्वतंत्र सत्यापन किए बिना केवल इस प्रकार के घोषणापत्र पर निर्भर है।
3. इस संबंध में मॉनिटरिंग की व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाने तथा उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत दी गई सीमाओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि एडी बैंकों द्वारा उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत व्यष्टियों द्वारा किए गए लेनदेनों की दैनिक आधार पर रिपोर्टिंग की प्रणाली लागू की जाए, जोकि अन्य सभी प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा भी देखी जा सकती है।
4. तदनुसार, इस परिपत्र को जारी करने की तारीख से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों से यह अपेक्षा है कि वे उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत अपने द्वारा किए गए लेनदेनों की लेनदेन-वार सूचना अगले कार्य-दिवस के कारोबार समाप्ति तक अपलोड करें। जिन मामलों में कोई डेटा नहीं भरा जाना हो, ऐसे मामलों में प्राधिकृत व्यापारी बैंक “शून्य” रिपोर्ट अपलोड करें। प्राधिकृत व्यापारी बैंक अब तक की भाँति ही एल.आर.एस. डेटा को एक्स.बी.आर.एल. (XBRL) साइट के यू.आर.एल. (https://secweb.rbi.org.in/orfsxbrl/) पर सीएसवी फ़ाइल (कॉमा डीलिमिटेड) प्रारूप में अपलोड करें।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।
भवदीय
(आर.के. मूलचंदानी)
मुख्य महाप्रबंधक |