भारिबैं / 2010-11 /36
डीजीबीए सीडीडी सं. एच - 10172 / 13.01.299 / 2010-11
1 जुलाई 2010
10 आषाढ 1932 (शक)
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक
भारतीय स्टेट बैंक और सहयोगी बैंक
17 राष्ट्रीयकृत बैंक
एक्सिस बैंक लि. / आइसीआइसीआइ बैंक लि. / आइडीबीआइ बैंक / एचडीएफसी बैंक लि.
और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया लि.
महोदय/महोदया
राहत/बचत बांडों के दलालों की नियुक्ति / दलालों का नाम हटाने और दलालों को दलाली के भुगतान के संबंध में मास्टर परिपत्र
कृपया दिनांक 1 जुलाई 2009 का दलालों की नयुक्ति और उनका नाम हटाने तथा राहत/बचत बांडों की दलाली के भुगतान संबंधी मास्टर परिपत्र भारिबैं/2009-10/53 देखें।
2. एजेंसी बैंक को उपर्युक्त विषयपर एक ही स्थान पर वर्तमान में लागय् सभी अनुदेश उपलब्ध करवाने के प्रयोजनार्थ इस विषय पर 30 जून 2010 तक अद्यतन किया गया संशोधित मास्टर परिपत्र संलग्न है। आप हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर इस परिपत्र को देख सकते हैं ।
कृपया पावती दें।
भवदीय
(इंदिरा नानु)
महाप्रबंधक
मास्टर परिपत्र
बचत बांड
(अ) दलालों की नियुक्ति/दलालों का नाम हटाना
1) दलालों का नामांकन/पंजीकरण करने की प्रक्रिया
दलालों के नामांकन / पंजीकरण के लिए सभी एजेंसी बैंक साधारण प्रक्रिया का पालन करें। नामांकन / पंजीकरण के इच्छुक दलाल अपने बिजनेस पत्र शीर्ष पर कारोबारी गतिविधियों का उल्लेख करते हुए अपना अनुरोध प्रस्तुत करें। एजेंसी बैंकों को चाहिए कि वे दलाल को कूट संख्या आबंटित करें जिसे दलालों द्वारा प्राप्तकर्ता कार्यालयों में प्रस्तुत किए गए प्रत्येक आवेदन पर लिखना चाहिए ।
(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/692/2000-01 दिनांक 9 अगस्त 2000)
2) एजेंसी बैंकों द्वारा उप-एजेंटों की नियुक्ति करना
हमारी जानकारी में यह तथ्य आया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पदनामित/अधिकृत किए गए कुछ बैंकों ने आवेदनों की प्राप्ति के लिए अपने दलालों/एजेंटों के रूप में अन्य बैंकों की सेवाएं अनुबंधित की हैं। इस प्रकार अनुबंधित बैंक अपनी प्रचारसामग्रियों/बिल बोर्डों में भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उल्लेख करते हुए प्रचारित करते हैं कि राहत/बचत बाँड के कारोबार के लिए उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियुक्त किया गया है। हम सूचित करते हैं कि राहत/बचत बाँड के कारोबार के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत नहीं किए गए अन्य बैंकों/संस्थाओं की सेवाएं जब अधिकृत बैंकों द्वारा पदनामित बैंकों के रूप में अनुबंधित की जाती है तब ऐसे में एजेंसी बैंकों, जिन्होंने बैंक/संस्था की नियुक्ति अपने एजेंट/दलाल के रूप में की है, द्वारा उक्त प्रकार से अनुबंधित बैंक/संस्था की कारगुजारियों के लिए एजेंसी बैंक ही जम्मेदार होगा । इस प्रकार के बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उपयोग कहीं भी नहीं किया जाना चाहिए ।
(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.251/5341/2001-02 दिनांक 4 जनवरी 2002)
3) दलालों का नाम हटाना
एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि निष्क्रिय दलाल, जो 2 वर्षों से अधिक अवधि से निष्क्रिय रहे हों, और नया कारोबार नहीं कर रहे हो, उन्हें विधिवत सूचना देकर उनका नाम हटाया जा सकता है।
(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4890/1999-00 दिनांक 6 मार्च2000)
(ब) बचत बांड के लिए दलाली का भुगतान और उसकी दरें
1) दलाली की दरें
अपने ग्राहकों की ओर से पदनामित शाखाओं में बीएलए फार्म में बांड के लिए किए गए निवेश के आवेदन प्रस्तुत करने पर एजेंसी बैंकों में रजिस्टर्ड दलालों को प्रति रु. 100/- के लिए 1.00 (एक रुपया मात्र) की दर से दलाली की रकम का भुगतान किया जाएगा । आवेदन पर दलाल का स्टांप होना चाहिए ।
(25 जुलाई 2000 का संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/432/2000-01)
यदि दलाल स्वयं ही निवेशकों/आवेदकों में से एक है तो उसे कोई दलाली नहीं दी जाएगी।
(29 अक्तूबर 2003 का संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.298/एच-2411/03-04 देखें)
2) दलाली के भुगतान पर टीडीएस की कटौती नहीं: एजेंसी बैंक नोट करें कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194(एच) के अनुसरण में दलालों द्वारा किए गए बचत बांड कारोबार के संबंध में दलाली का भुगतान करते समय स्रोत पर कर की कटौती नही की जानी है।
(28 मई 2001 का संदर्भ सीओ.डीटी.201/5900/2000 तथा
3 जनवरी 2004 का सीओ.डीटी.13.01.298 / एच - 3660/2003-04 देखें)
3) दलाली दावे
(i) एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अभिदान की तारीख से 30 दिनों के भीतर हर हाल में शीघ्रतापूर्वक दलाली दावों का निपटान करे ।
(13 जून 2001 का सीओ. डीटी.13.01.201 / 6260 /2000-01 देखें)
(ii) एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे सर्वप्रथम दलाली दावों का निपटान करें और तत्पश्चात भारतीय रिज़र्व बैंक से प्रतिपूर्ति की मांग करें ।
(8 मार्च 2001 का सीओ.डीटी. 13.01.201/4668/2000-01 देखें)
(iii) ग्राहक सेवा में सुधार के लिए एक उपाय के रूप में एजेंसी बैंक एजेंटों से आवश्यक अधिदेश प्राप्त करने के पश्चात मासिक आधार पर उन्हें ईसीएस के द्वारा उनके खाते में दलाली की रकम क्रेडिट करने की व्यवस्था करें ।
(23 मई 2003 का सीओ.डीटी.13.01.298/एच - 4677/2002-03 देखें)
(iv) 1 जुलाई 2002 से बचत बांड संबंधी दलाली की प्रतिपूर्ति को सीएएस नागपुर में केंद्रीकृत किया जा चुका है और निर्णय किया गया है कि मासांत में कारोबार की समाप्ति पर सीएएस को प्रेषित निधियों के आधार पर एजेंसियों को देय दलाली के 90 प्रतिशत का भुगतान बादवाले माह के तीसरे कार्यदिवस को किया जाएगा । 10% शेष का निपटान परिशिष्ट IV प्रस्तुत किए जाने पर यथा शीघ्र किया जाएगा ।
(25 जून 2002 का सीओ.डीटी.13.01.272/11032/2001-02 और 26 फरवरी 2003 का सीओ. डीटी.13.01.272/एच-2906/2002-03देखें)
(यदि किसी विशेष मामलों में विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उपरिलिखित परिपत्रों का अवलोकन करें ।)
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