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Date: 01/07/2011
आवास वि‍त्त पर मास्टर परि‍पत्र

आरबीआइ/2011-12/52
बैंपवि‍वि‍.सं. डीआइआर.(एचएसजी) बीसी. 03/08.12.001/2011-12

1 जुलाई 2011
10 आषाढ़ 1933 (शक)

सभी अनुसूचि‍त वाणि‍ज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर)

म­होदय

आवास वि‍त्त पर मास्टर परि‍पत्र

जैसा कि‍ आप जानते हैं, भारतीय रि‍ज़र्व बैंक ने उपर्युक्त वि‍षय पर दि‍नांक 1 जुलाई 2010  का एक मास्टर परि‍पत्र बैंपवि‍वि‍. डीआइआर (एचएसजी) सं. 7/08.12.01/2010-11 जारी कि‍या था ताकि‍ इस वि‍षय से संबंधि‍त  सभी वर्तमान अनुदेश एक ­ही जग­ह उपलब्ध हो सकें। उक्त मास्टर परि‍पत्र में नि‍हि‍त अनुदेशों को अब 30 जून 2011 तक अद्यतन कर  दि‍या गया है । इस पर ध्यान दि‍या जाए कि‍ ज­हाँ तक बैंकों द्वारा उधारकर्ताओं को आवास वि‍त्त दि‍ए जाने का संबंध है, परि‍शि‍ष्ट में सूचीबद्ध परि‍पत्रों में नि‍हि‍­त सभी अनुदेशों को मास्टर परि‍पत्र में समेकि‍त और  अद्यतन किया  गया है। इसमें भारतीय रि‍जर्व बैंक द्वारा इस वर्ष के दौरान बैंकों को जारी कि‍ए गए कुछ स्पष्टीकरणों में नि‍हि‍त अनुदेशों को भी शामि‍ल कि‍या गया है। इस मास्टर परि‍पत्र को रि‍ज़र्व बैंक की वेबसाइट (http://www.rbi.org.in) पर भी प्रदर्शित किया गया है । संशोधि‍त मास्टर परि‍पत्र की एक प्रति‍ संलग्न है।

भवदीय

(पी. आर. रवि‍ मोहन)
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

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