भारिबैं/2011-12/152
भुनिप्रवि(केंका) ईपीपीडी सं./274/04.03.01/2011-12
12 अगस्त 2011
आरटीजीएस / एनईएफटी में भाग लेने वाले सदस्य बैंकों के
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
महोदया/महोदय
आरटीजीएस और एनईएफटी के बीच चयन के लिए ग्राहकों का विवेक
जैसा कि आप जानते हैं, आरटीजीएस और एनईएफटी दोनों महत्वपूर्ण अखिल भारतीय भुगतान प्रणालियां हैं जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा थोक और खुदरा भुगतान प्रणाली खंड़ों के विभिन्न ग्राहकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया। इन दोनों प्रणालियों में भुगतान के समय के महत्व, लेनदेन के न्यूनतम मूल्य, निपटान की विधि आदि के संदर्भ में स्पष्ट उद्देश्य और अनूठी विशेषताएं हैं। उसी रूप में दोनों प्रणालियों में लगाए गए लेनदेन प्रभार भी भिन्न हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्राहकों को उनकी आवश्यकतानुसार इन दोनों प्रणालियों के बीच विकल्प चुनने के लिए सशक्त बनाना चाहिए।
2. उपर्युक्त के मद्देनज़र, हम दोहराते हैं कि भाग लेने वाले सभी बैंक धन अंतरण करते समय प्रवर्तक ग्राहक को इन दोनों विधियों के बीच चुनाव करने का विकल्प प्रदान करें। यह विकल्प उन सभी ग्राहकों को उपलब्ध कराना चाहिए जो या तो शाखा में या इंटरनेट के जरिए या किसी भी दूसरे साधन के माध्यम से धन-प्रेषण कर सकें। धन-अंतरण अनिवार्यतः ग्राहक द्वारा चयनित विकल्प के माध्यम से ही किया जाए। 3. कृपया इसका अनुपालन सुनिश्चित करें।
भवदीय
(जी. श्रीनिवास)
महाप्रबंधक |