आरबीआई/2012-13/ 03
मास्टर परिपत्र सं.03/ 2012-13
02 जुलाई 2012
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक
महोदया /महोदय
मास्टर परिपत्र – अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा
वास्ट्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन
यह मास्टर परिपत्र "अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन" विषय पर मौजू्दा अनुदेशों को समेकित करता है। इस मास्टर परिपत्र में निहित परिपत्रों /अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गई है।
2. यह मास्टर परिपत्र एक वर्ष की अवधि के लिए(सनसेट खंड के साथ) जारी किया जा रहा है। यह परिपत्र 01 जुलाई 2013 को वापस ले लिया जाएगा तथा उसके स्थान पर इस विषय पर अद्यतन मास्टर परिपत्र जारी किया जाएगा।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुक्रमणिका
भाग-ए
खंड ।
अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया वास्ट्रो खातों का परिचालन
1.प्रस्तावना
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को रुपया आहरण व्यवस्था के अंतर्गत अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया वास्ट्रो खाते खोलने और उसे बनाए रखने के लिए खाड़ी देशों, हाँगकाँग, सिंगापुर और मलेशिया से अनिवासी विनिमय गृहों के साथ पहली बार रुपया आहरण व्यवस्था करते समय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। उसके उपरांत वे रुपया आहरण व्यवस्था के अंतर्गत विनिर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार यह व्यवस्था कर सकते हैं और रिज़र्व बैंक को तुरंत सूचित कर सकते हैं । हाँलाकि, एक बार रुपया आहरण व्यवस्थाओं की कुल संख्या 20 हो जाने पर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए कि उक्त व्यवस्था संतोषजनक रूप से कार्य कर रही है, अपनी अंतर्प्रणाली की विस्तृत बाह्य लेखा परीक्षा कराएं। रिपोर्ट संतोषजनक होने के आधार पर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंकों के बोर्ड ऐसी और व्यवस्थाओं का अनुमोदन कर सकते हैं। इस संबंध में बोर्ड के संकल्प (Resolution) सहित बोर्ड के नोट की प्रतिलिपि रिज़र्व बैंक के पास फाइल की जाए और रिज़र्व बैंक को नई व्यवस्था के संबंध में तुरंत सूचित किया जाए। भारत में अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया / विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते खोलने और उसे बनाए रखने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश नीचे दिये गये हैं।
2. (ए) रुपया आहरण व्यवस्था के तहत खाड़ी देशों, हॉंगकॉंग और सिंगापुर और मलेशिया (मलेशिया के लिए केवल स्पीड विप्रेषण प्रक्रिया के तहत) में स्थित विनिमय गृहों के माध्यम से भारत में सीमापार से आवक विप्रेषण प्राप्त किए जाते हैं। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक को भारत में खाड़ी देशों, हॉंगकॉंग, सिंगापुर और मलेशिया से अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया वास्ट्रो खाते खोलने और बनाए रखने के लिए पहली बार व्यवस्था करते समय आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ संलग्नक-। में दिए गए फार्म में रिज़र्व बैंक को आवेदन करना चाहिए।
(बी) भारत में अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया वास्ट्रो खाते खोलने और उसे बनाए रखने से संबंधित विविध प्रावधान इस मास्टर परिपत्र में दिए गए हैं।
3. सामान्यअनुदेश
(ए) भारत में खाता खोलने के लिए किसी विनिमय गृह के अनुरोध पर विचार करते समय संबंधित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक सामान्य बैंकिंग प्रथा के अनुसार विनिमय गृहों के वित्तीय आधार के बारे में आवश्यक जांच -पड़ताल करें और सभी प्रकार से खुद को पूरी तरह संतुष्ट करें। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक यह भी सुनिश्चित करें कि विनिमय गृहों के पास संबंधित स्थानीय मौद्रिक/ पर्यवेक्षी प्राधिकरण द्वारा जारी किये गये वैध लाइसेंस है और मुद्रा विनिमय /मुद्रा अंतरण कारोबार के लिए आवश्यक प्राधिकार एवं लाइसेंस है।
(बी) रूपया आहरण व्यवस्था/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था के तहत प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों तथा विनिमय गृहों के बीच करार के पंजीकरण की आवश्यकता वैकल्पिक है। तथापि, किसी विनिमयगृह के साथ की गई व्यवस्था व्यापक कानूनी प्रलेखीकरण की शर्त पर हो और प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस संबंध में सभी आवश्यक कानूनी अपेक्षाओं पर ध्यान दें। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विनिमय गृह के सभी साझेदार संयुक्त और अलग-अलग रूप से करार के तहत विनिमय गृहों पर आए दायित्वों को पूरा करने के लिए बाध्य होते हैं।
(सी) पावर ऑफ एटर्नी के पंजीकरण/ विनिमयगृह के हस्ताक्षरकर्ता पदाधिकारियों के नमूना हस्ताक्षर की सामान्य बैंकिंग अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
4. रुपया वास्ट्रो खाते में परिचालन के संबंध में अनुदेश
(ए) खातों का उपयोग मुख्यत: भारत को निजी खातों में सीमापार आवक प्रेषण पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। प्रेषक और लाभार्थी कुछ अपवादों को छोड़कर अलग-अलग व्यक्ति होने चाहिए। व्यापार लेनदेनों के वित्तपोषण के लिए विनिमय गृहों के माध्यम से विप्रेषण प्रति लेनदेन 2,00,000 रु.(दो लाख रुपए मात्र) की अनुमति है। खातों का उपयोग भारत से सीमापार जावक प्रेषणों के लिए न किया जाए।
(बी) खातों का परिचालन जमा आधार पर किया जाए। खाताधारकों को कोई ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान नहीं की जानी चाहिए। तथापि, नामित डिपोजिटरी एजेंसी (डीडीए) प्रक्रिया के मामले में, आवश्यकता हो तो, डीडीए खाते में जमा निधियों को हिसाब में लिया जाए। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक निधियों की पर्याप्तता की जांच और गुप्त ओवरड्राफ्ट का पता लगाने के लिए अदाकर्ता बैंक शाखाओं में जब कोई भुगतान किया जाता है तो तत्काल आधार पर, जहां रुपया वास्त्रो खाते को ऑनलाईन डेबिट करना संभव नहीं होता है, तो बैंक राशि की उपलब्धता की तारीख (वैल्यू डेटिंग) को अपनाएं। तथापि, ऐसे मामलों में, यह सुनिश्चित किया जाए कि अदाकर्ता शाखाओं के साथ यथाशीघ्र नेटवर्किग किया जाता है।
(सी) प्रत्येक व्यवस्था के लिए पृथक रुपया वास्ट्रो खाता रखा जाएगा। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, जिसके पास खाता है, को अनुमत विदेशी मुद्रा की बिक्री द्वारा खाते का निधीयन किया जाएगा। अन्य प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक अथवा अन्य वास्ट्रो खाते से अंतरित रुपया निधियां खाते में जमा के लिए पात्र नहीं होंगी।
(डी) आवक विप्रेषणों के अनुमत प्रकार के नामे [उपर्युक्त मद 4(ए) देखें] को मुक्त रूप अनुमति दी जाए और उसे वही स्थित बहाल की जाए जो भारत में किसी अनुमोदित तरीके में विदेशी मुद्रा के विप्रेषण को बहाल की जाती है। इसप्रकार, ऐसे भुगतान अनिवासी भारतीयों द्वारा रखे गए अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते में जमा करने अथवा प्राथमिकताप्राप्त आबंटन आदि योजना के तहत स्वीकार किए जाने के लिए पात्र होंगे। ऐसे खातों के माध्यम से विप्रेषण प्राप्त कर रहे पर्यटकों को (चाहे वह भारतीय हो या नहीं) जहां कहीं आवश्यक हो, निधियों के बाह्य स्त्रोतों (भारत में विदेश यात्रा के भुगतान अथवा उपयोग न की गई शेष राशि के पुन:परिवर्तन के लिए) को साबित करने के लिए मदद करने हेतु प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक उसी रूप में प्रमाणपत्र जारी करें जैसा कि विदेशी बैंकों के रुपया खाते के माध्यम से प्राप्त आवक विप्रेषणों के लिए प्राप्त करते हैं।
(ई) ऐसे खातों की निधियां न तो परिवर्तनीय होंगी न ही अन्य प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक अथवा उसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक में रखे गये अन्य अनिवासी खाते में अंतरणीय होंगी।
(एफ) इस प्रकार के खाते में जमाराशि पर ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा।
(जी) विनिमय गृहों के रुपया वास्ट्रो खाता रखनेवाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक तबतक विनिमय गृहों द्वारा खरीदे गए रुपए को खाते में जमा नहीं कर सकते जब तक उन्हें इस आशय की पुष्टि प्राप्त नहीं हो जाती है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के नास्ट्रो खाते में विदेशी मुद्रा में प्रति-मूल्य (काउंटर-वैल्यू) के साथ जमा किया गया है ( स्पष्टीकरण-विदेशी मुद्रा कारोबार पर आंतरिक नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश, दिसंबर, 1996 का पैराग्राफ 3.3.1)।
(एच) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, जमा और परिचालनगत जोखिमों का ध्यान रखने की व्यवस्था के तरीके के आधार पर किसी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नकदी जमा अथवा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के किसी बैंक की गारंटी के रूप में उपयुक्त और पर्याप्त संपार्श्विक (कोलेटेरल) प्राप्त कर सकते हैं।
(आई) रिज़र्व बैंक द्वारा विवेकपूर्ण उपाय के रूप में आहरणकर्ता शाखाओं की सीमा 300 निर्धारित की गई है। तथापि, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक किसी विनिमय गृह के साथ गठ-जोड़ के लिए रिज़र्व बैंक के अनुमोदन की शर्तों पर तथा रिज़र्व बैंक द्वारा समय- समय पर जारी रूपया आहरण व्यवस्था से संबंधित अनुदेशों के अधीन 300 से ऊपर आहरणकर्ता शाखाओं को पदनामित कर सकते हैं बशर्ते ऐसी शाखाएं कोर बैंकिंग सोल्यूशन के अंतर्गत आती है जहाँ वास्ट्रो खाते में गुप्त ओवरड्राफ्ट से बचने के लिए निधियों की स्थिति की ऑन–लाईन मॉनिटरिंग की जाती है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक 300 से ऊपर वाली अदाकर्ता शाखाओं की संख्या में वृद्धि करने से पहले बोर्ड का आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए तथा स्थिति से रिज़र्व बैंक को अविलंब अवगत कराना चाहिए।
खंड ।।
अनुमत लेनदेन
विनिमय गृहों के साथ आहरण व्यवस्था को मुख्यत: सीमापार आवक व्यक्तिगत विप्रेषणों का माध्यम बनाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। किसी भी परिस्थिति में विनिमयगृहों के माध्यम से चैरिटेबल संस्थाओं को दान / चंदा नहीं भेजना चाहिए। विनिमयगृहों के साथ आहरण व्यवस्था के तहत अनुमत लेनदेनों की सूची निम्नलिखित है:
(i) अनिवासी भारतीयों द्वारा भारतीय रुपए में रखे गए अनिवासी ( बाह्य ) रुपया खाते में जमा।
(ii) अनिवासी भारतीयों के परिवारों को भुगतान।
(iii) प्रीमियम / निवेश के लिए बीमा कंपनियों, म्युचुअल फंडों तथा पोस्ट मास्टर के पक्ष में भुगतान।
(iv) शेयरों , डिबेंचरों में निवेश के लिए बैंकरों के पक्ष में भुगतान।
(v) अनिवासी व्यक्ति द्वारा व्यक्ति के नाम में भारत में आवासीय फ्लैट के अधिग्रहण के लिए को-ऑपरेटिव हाऊसिंग सोसाइटियों, सरकारी आवास योजनाओं अथवा इस्टेट डेवेलॉपर्स को भुगतान बशर्ते उसके विनियमों का अनुपालन किया जाता है।
(vi) स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थाओ को ट्यूशन / बोर्डिग, परीक्षा फीस आदि का भुगतान।
(vii) भारत में अनिवासी भारतीयों / उनके आश्रितों और खाड़ी देशों के नागरिकों (राष्ट्रिकों) की चिकित्सा उपचार के लिए चिकित्सा संस्थाओं और अस्पतालों को भुगतान।
(viii) खाड़ी देशों के नागरिकों (राष्ट्रिकों) / अनिवासी भारतीयों द्वारा अपने ठहरने के लिए होटलों को किया गया भुगतान।
(ix) अनिवासी भारतीयों तथा भारत में निवास करनेवाले उनके परिवारों की विदेश यात्रा की भारत में घरेलू एयरलाईन/ रेल, आदि द्वारा बुकिंग के लिए ट्रेवेल एजेंटों को भुगतान।
(x) प्रति लेनदेन 2,00,000.00 रुपए ( केवल दो लाख रुपए) तक व्यापार लेनदेन।
टिप्पणी : रुपया / विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था के तहत प्राप्त विप्रेषण के नकदी वितरण की अनुमति नहीं है।
खंड ।।।
रुपया आहरण व्यवस्था प्रक्रिया और संपार्श्विक (कोलेटेरल) रक्षा(कवर)
पदनामित निक्षेपागार एजेंसी (डीडीए),गैर- पदनामित निक्षेपागार एजेंसी (नान-डीडीए) और तेज विप्रेषण प्रक्रियायों के तहत रुपया आहरण व्यवस्था का संचालन किया जा सकता है।
1. पदनामित निक्षेपागार एजेंसी (डीडीए) प्रक्रिया
(ए) विनिमय गृह को रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से अदाकर्ता बैंक को स्वीकार्य किसी अंतर्राष्ट्रीय बैंक (डीडीए) के साथ परस्पर सहमत केंद्र पर अथवा तदनुरूपी रुपया वास्त्रो खाता रखनेवाली शाखा में स्वयं अदाकर्ता बैंक के साथ अदाकर्ता बैंक (खाता-विनिमय गृह) के नाम में परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में (डीडीए के रूप में जाना जाता है) एक बैंक खाता खोलना आवश्यक होगा।
(बी) विनिमय गृह, प्रत्येक दिन की समाप्ति पर उस दिन के लिए भारतीय रुपए में कुल आहरण का योग करेगा और उसे विदेशी मुद्रा में परिवर्तित करेगा जिसे अगले कार्य दिवस को अपराह्न से पहले अदाकर्ता बैंक (खाता-विनिमय गृह) (उपर्युक्त 1(ए) में बताए गए अनुसार डीडीए खाते के रूप में जाना जाता है) के खाते में जमा किया जाएगा।
(सी) विनिमय गृह, आहरित ड्राफ्टों की कुल संख्या और सकल मूल्य तथा डीडीए खाते में दैनिक जमा के बारे में जानकारी अदाकर्ता बैंक को भेजेगा। डीडीए खाते से अंतरण यथासंभव लगातार तथा नीचे 1 (ई) में निर्धारित शर्त पर होगा।
(डी) डीडीए खाता, अदाकर्ता बैंक को धारणाधिकार (लियन) के तहत निधियों को अपने पास रखेगा। डीडीए खाते से केवल (i) जहां डीडीए खाता अदाकर्ता बैंक को छोड़कर अन्य बैंक के पास रखा जाता है, वहां अदाकर्ता बैंक के नास्त्रो खाते में अंतरण के कारण (ii) जहां डीडीए खाता अदाकर्ता बैंक के पास रखा जाता है, वहां अदाकर्ता बैंक को अनुमत विदेशी मुद्रा की बिक्री करके विनिमय गृह के रुपया वास्त्रो खाते में जमा के लिए नामे डालने की अनुमति होगी।
(ई) किसी विशेष दिन को जमा की गई राशि के डीडीए में अंतरण की व्यवस्था करना विनिमय गृह की जिम्मेदारी होगी। डीडीए खाते के साथ निधियों की अस्थायी अवधि का निर्धारण अधिकतम पाँच दिनों के अधीन विनिमय गृह के परामर्श से अदाकर्ता बैंक तय करेगा।
(एफ) उपर्युक्त 1(बी) के लिए किए गए प्रावधान के अनुसार अदाकर्ता बैंक के नास्रो खाते में अंतरण की तारीख तक डीडीए के पास स्थित विनिमय गृह द्वारा जमा की गई राशि पर अर्जित ब्याज विनिमय गृह को प्राप्त होगी।
(जी) उपर्युक्त के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए भारत में स्थित अदाकर्ता बैंक डीडीए के पास रखे गए खाते में दैनिक आहरण और जमा, साथ ही अदाकर्ता बैंक के नास्ट्रो खाते में अंतरण की जांच करने हेतु संबंधित देश में कार्य कर रहे सनदी लेखाकार / लेखा परीक्षकों की फर्म को नियुक्त करेगा। इस प्रयोजन के लिए विनिमय गृह लेखा परीक्षकों को विनिमय गृह की बहियों, पे इन वाऊचर्स आदि की जाँच करने की उस सीमा तक अनुमति देगा जहां तक वे रुपया आहरण व्यवस्था से संबंधित हैं। लेखापरीक्षक ऐसी जाँच प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक या दो बार करेंगे।
(एच) उपर्युक्त पैराग्राफ 1(जी) में बताए गए अनुसार लेखापरीक्षकों की नियुक्ति के विकल्प के रूप में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक ऐसे कार्य करने के लिए विनिमय गृहों में अपने प्रतिनिधि के रूप में उपयुक्त अधिकारी को प्रतिनियुक्त करें ताकि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के हितों की रक्षा हो सके।
(आई) लेखापरीक्षक/प्रतिनिधि तत्काल निष्कर्षों की सूचना अदाकर्ता बैंक को देंगे। विनिमय गृहों की ओर से चूक होने पर अदाकर्ता बैंक करार की शर्तों के अनुसार विनिमय गृह को नोटिस देते हुए एजेंसी करार को समाप्त करेगा। करार समाप्ति की सूचना भी रिज़र्व बैंक को तत्काल दी जाएगी।
(जे) जबतक विनिमय गृह दिशा-निर्देशों का अनुपालन करता है, अदाकर्ता बैंक सुनिश्चित करेगा कि जारी किए गए ड्राफ्ट परस्पर सहमत शाखाओं में स्वीकार किए जाते हैं।
(के) लेखापरीक्षकों को देय पारिश्रमिक अदाकर्ता बैंक देगा।
(एल) विनिमय गृहों द्वारा आहरित ड्राफ्टों की वैधता उनके जारी होने की तारीख से मात्र तीन महीने के लिए होगी।
(एम) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक स्वयं को आश्वस्त करें कि विनिमय गृहों के खाता बहियों की स्थानीय पर्यवेक्षण प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित लेखा परीक्षकों द्वारा नियमित रूप से लेखा परीक्षा की जाती है।
(एन) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, विनिमय गृहों की आवधिक क्रेडिट रिपोर्ट, लेखापरीक्षित तुलनपत्र और लाभ-हानि लेखा तथा अन्य संबंधित सूचनाएं मंगाएं ताकि अपनी बहियों में लेखे को बनाए रखने के संबंध में निर्णय ले सकें।
(ओ) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक सभी लाइसेंसों की वैध प्रतियां भी अपने रिकार्ड में रखें।
(पी) चूंकि विनिमय गृहों के बही खातों का निरीक्षण नहीं किया जा सकता है, अत: प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, विनिमय गृहों का दौरा करके आवधिक समीक्षा और / अथवा मूल्यांकन (ओपीनियन) रिपोर्ट की आवधिक रूप से समीक्षा करें। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक की ओर से पर्याप्त वरिष्ठ स्तर के अधिकारी, जो विनिमय गृह के अनिवासी रुपया खाते के संचालन से भलीभांति परिचित हों, दौरे करें।
(क्यू) डीडीए के लिए संपार्श्विक रक्षा (कोलेटेरल कवर): विनिमय गृह, जिन्होंने परिचालन में तीन वर्ष पूरे नहीं किए हैं, वे किसी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नकदी जमा में कोलेटेरल कवर अथवा 7 दिनों के अनुमानित आहरण के समकक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बैंक से गारंटी प्राप्त करें। विनिमय गृह, जिन्होंने सफल परिचालन में तीन वर्ष पूरे किए हैं, उनके लिए कोई कोलेटेरल कवर निर्धारित नहीं है। तथापि, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक पर्याप्त कोलेटेरल कवर मांगकर अपनी स्थिति सुरक्षित करें। उपर्युक्त 1 (जी) के अनुसार, लेखापरीक्षक नियुक्त करना संभव न हो तो, परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नकदी जमा में कोलेटेरल कवर अथवा 15 दिनों के अनुमानित आहरण के समकक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बैंक से गारंटी प्राप्त की जाए। जमाराशि उस पर बाजार सम्बद्ध दर ब्याज के साथ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के नाम में हो और जमाराशि रखनेवाले विनिमय गृह को देय हो। जमा और गारंटी की राशि की समीक्षा और उचित निगरानी आवधिक आधार पर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक द्वारा की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आहरणों के लिए पर्याप्त कोलेटेरल कवर है।
2. नॉन-डीडीए प्रक्रिया
(ए) उपर्युक्त के अनुसार डीडीए खाता रखने और लेखापरीक्षक की नियुक्ति के एक विकल्प के रूप में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक नॉन-डीडीए प्रक्रिया अपनाएं।
(बी) नॉन -डीडीए प्रक्रिया के तहत विनिमय गृह, आवधिक अंतराल पर उनके द्वारा जारी कुल ड्राफ्टों के लिए अमरीकी डालर से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक से रुपए की खरीद करते हुए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के पास रखे गए अपने वास्ट्रो खाते का निधीयन करते हैं और प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को आहरण और निधीयन संबंधी साप्ताहिक विवरण भेजते हैं।
(सी) नॉन डीडीए के लिए कोलेटेरल कवर : विनिमय गृह, जिन्होंने परिचालन में तीन वर्ष पूरे नहीं किए हैं, वे किसी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नकदी जमा में कोलेटेरल कवर अथवा 7 दिनों के अनुमानित आहरण के समकक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बैंक से गारंटी प्राप्त करें। विनिमय गृह, जिन्होंने सफल परिचालन में तीन वर्ष पूरे किए हैं, उनके लिए कोई कोलेटेरल कवर निर्धारित नहीं है। इसके अलावा, नॉन डीडीए व्यवस्था के तहत विनिमय गृहों से किसी भी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नकदी जमा में कोलेटेरल कवर अथवा 10 दिनों के अनुमानित आहरण के समकक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बैंक से गारंटी प्राप्त की जाए। उपर्युक्त के अतिरिक्त, यदि विनिमय गृह की बहियों की जांच के लिए बैंक के अपने स्टाफ को प्रतिनियुक्त करने के बैंक के अधिकार पर रोक है, जैसा कि कुवैत में विनिमय गृहों के मामले में है, तो किसी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में अतिरिक्त नकदी जमा /15 दिनों के अनुमानित आहरण के समकक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बैंक से गारंटी प्राप्त की जाए। जमाराशि उस पर बाजार सम्बद्ध दर ब्याज के साथ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के नाम में हो और जमाराशि रखनेवाले विनिमय गृह को देय हो। जमा और गारंटी की राशि की समीक्षा और उचित निगरानी आवधिक आधार पर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक द्वारा की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आहरणों के लिए पर्याप्त कोलेटेरल कवर है और उसे मूल्यांकित प्रक्रियाधीन नामे के लिए हिसाब में लिया गया है।
3. शीघ्र प्रेषण प्रक्रिया
(ए) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को शीघ्र प्रेषण प्रक्रिया के तहत आरडीए में सम्मिलित होने की अनुमति है, जहां-
i) विनिमय गृह स्विफ्ट अथवा इंटरनेट के माध्यम से नाम, पता, आदि के पूरे ब्यौरे सहित भुगतान अनुदेश भेजता है।
ii) विनिमय गृह, भुगतान अनुदेश जारी करने के काफी समय पहले ही प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के नास्ट्रो खाते के माध्यम से रुपया खाते का निधीयन करता है।
iii) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, आंकड़े और विनिमय गृह के वास्ट्रो खाते में शेष की उपलब्ता के सत्यापन पर हिताधिकारी के पक्ष में ड्राफ्ट जारी करेगा अथवा हिताधिकारी के खाते में जमा डालेगा।
iv) विनिमय गृह ,हिताधकारियों के केंद्र पर ध्यान दिए बगैर, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक की खाता रखनेवाली शाखा को सभी भुगतान अनुदेश देगा।
v) खाते में स्पष्ट निधि उपलब्ध न होने पर शाखा कोई भुगतान नहीं करेगा।
vi) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, विनिमय गृह से ऐसे अंतरणों की संख्या और सकल मूल्य के संबंध में आंकड़ेवार सूचना प्राप्त करेगा।
vii) जहां वर्तमान रुपया आहरण व्यवस्था को शीघ्र प्रेषण की सुविधा दी जाती है वहां विनिमय गृह, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से एक अलग रुपया खाता खोलेगा और जब तक इस खाते में स्पष्ट निधियां जमा नहीं हो जाती है, तब तक कोई भी भुगतान अनुदेश निष्पादित नहीं किया जाएगा। तथापि, जहां डीडीए/ नॉन-डीडीए प्रक्रिया के तहत वर्तमान रुपया आहरण व्यवस्था में परिचालन संतोषजनक है, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, सामान्य शर्तों के तहत और विनिमय गृहों से सभी आवश्यक दस्तावेज़ प्राप्त करने के बाद रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना उसी विनिमय गृह को शीघ्र प्रेषण की सुविधा दे सकता है। तथापि, रिज़र्व बैंक को इस विषय में तत्काल सूचित किया जाना चाहिए।
(बी) शीघ्र प्रेषण सुविधा के लिए कोलेटेरल कवर: विनिमय गृह, जिन्होंने परिचालन में तीन वर्ष पूरे नहीं किए हैं, वे किसी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नकदी जमा में कोलेटेरल कवर अथवा 7 दिनों के अनुमानित आहरण के समकक्ष अंतर्राष्टीय ख्यातिप्राप्त बैंक से गारंटी प्राप्त करें। विनिमय गृह, जिन्होंने सफल परिचालन में तीन वर्ष पूरे किए हैं, उनके लिए कोई कोलेटेरल कवर निर्धारित नहीं है। इसके अतिरिक्त, विनिमय गृह प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के पास किसी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में अतिरिक्त नकद जमा अथवा 1 दिन के अनुमानित आहरण के समकक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त बैंक से गारंटी रखेगा। जमाराशि उस पर बाजार सम्बद्ध दर ब्याज के साथ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के नाम में हो और जमाराशि रखनेवाले विनिमय गृह को देय हो। जमा और गारंटी की राशि की समीक्षा और उचित निगरानी आवधिक आधार पर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक द्वारा की जानी चाहिए।
खंड IV
विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक उन विनिमय गृहों, जिनके साथ उसकी रुपया आहरण व्यवस्था है, के साथ डीडीए अथवा नॉन-डीडीए प्रक्रिया के तहत विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के साथ तथा निम्नलिखित शर्तों पर शुरू कर सकता है। विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था के तहत किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक की विनिमय गृह के साथ प्रत्येक गठजोड़ की व्यवस्था के लिए रिज़र्व बैंक से अनुमोदन लेना अपेक्षित है।
(ए) विनिमय गृह, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक की "ए" अथवा "बी" श्रेणी की शाखाओं पर किसी भी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में ड्राफ्ट आहरित कर सकता है। इस व्यवस्था में किसी भी "सी" श्रेणी की शाखा को भाग लेने की अनुमति नहीं है।
(बी) विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था को रुपया आहरण व्यवस्था से अलग रखा जायेगा।
(सी) विनिमय गृह का खाता रखने वाली शाखा में उसका एक अलग विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाता खोला जाएगा। ऐसे ड्राफ्टों का भुगतान विनिमय गृह द्वारा रखे गए इस खाते के नामे डाल कर किया जाएगा, न कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के नास्ट्रो खाते में नामे करके।
(डी) किसी भी दिन विनिमय गृह द्वारा विदेशी मुद्रा में आहरित ड्राफ्ट की सकल राशि अदाकर्ता बैंक के नास्त्रो खाते में अगले कार्य दिवस में कारोबार समाप्ति पर अवश्य जमा की जाए।
(ई) अदाकर्ता प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक की खाता रखने वाली शाखा उनके नास्ट्रो खाते में जमा के संबंध में पुष्टि प्राप्त हो जाने के बाद विनिमय गृह के विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाते में क्रेडिट करना चाहिए।
(एफ) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विदेशी मुद्रा खाते का हमेशा निधीयन किया जाता है।
(जी) यदि व्यवस्था नॉन-डीडीए प्रक्रिया के तहत की गई है तो विनिमय गृह विदेशी मुद्रा में आहरित ड्राफ्ट की संख्या और सकल राशि की सूचना अगले कार्य दिवस के कारोबार की समाप्ति के पहले किसी इलेक्ट्रानिक माध्यम से खाता रखनेवाली शाखा को दे। डीडीए प्रक्रिया के तहत, ऐसी सूचना कम से कम पखवाड़े के आधार पर लगातार प्राप्त की जाए।
(एच) कालेटेरल कवर: विनिमय गृह, अदाकर्ता प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के पास कम से कम 50,000 अमरीकी डालर की जमा राशि रखें। इस व्यवस्था के तहत परिचालन के आधार पर बैंक के पास रखी गई जमाराशि की मात्रा की पर्याप्तता की समीक्षा प्रत्येक छ: माह पर की जानी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो, विनिमय गृह जमाराशि की प्रमात्रा को बढ़ाए। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक उचित दर पर इस राशि पर ब्याज की अनुमति दें।
(आई) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को भारत में विदेशी मुद्रा ड्राफ्ट आहरण व्यवस्था और रुपया आहरण व्यवस्था की नॉन-डीडीए प्रक्रिया के तहत रखे जाने के लिए अपेक्षित जमा की राशि खाता रखनेवाली शाखा के पास रखने की अनुमति है।
खंड V
विविध प्रावधान
1. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था के तहत कोई भी लेनदेन करते समय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी यथालागू अपने ग्राहकों को जानिए(केवाइसी)/धन शोधन निवारक(एएमएल)/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) संबंधी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करें।
2) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक अपने संगामी लेखापरीक्षा में रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था को शामिल करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विनिमय गृह के वास्ट्रो खाते में निधियां हिताधिकारियों को भुगतान करने के पहले जमा की जाती है।
3) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था के माध्यम से प्राप्त विप्रेषणों के संबंध में समुचित सावधानी बरते ताकि धन शोधन से संबंधित विनियमों का अनुपालन ईमानदारी से किया जा सके। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, विनिमय गृहों से उनके लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित एक वार्षिक अनुपालन रिपोर्ट मंगाएं कि अपने ग्राहकों को जानिए(केवाइसी)/ धन शोधन निवारक (एएमएएल)/ आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) संबंधी धन शोधन निवारक से संबंधित उस देश के विनियमों का अनुपालन किया जाता है।
4) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस संबंध में सतत चौकसी रखते हुए रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था के परिचालनों में असामान्य लक्षणों की सूचना रिज़र्व बैंक को देते रहें।
5) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि विनिमय गृहों के लाइसेंस, जिनकी अवधि समाप्त हो चुकी है, का नवीकरण किया जाता है और अधिप्रमाणित अंग्रेजी पाठ की प्रतियां उनके रिकार्ड के लिए उनके पास रखी जाती हैं।
6) विनिमय गृह भारत में अपने बैंक ऑफिस परिचालनों जैसे कि उनकी ओर से आहरण सूचना और भुगतान पर रोक के अनुदेश के लिए सेवा प्रदाता के साथ कोई करार न करें तथा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक ऐसे सेवा प्रदाताओं के अनुदेशों पर कोई कार्य न करें। तथापि, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से विनिमय गृह भारत में संपर्क कार्यालय स्थापित कर सकता है तथा भारत में बैंक कार्यालय परिचालन कर सकता है और भारत में संपर्क कार्यालय द्वारा ड्राफ्टों का प्रिंटिंग, आहरण सूचनाओं को जारी करना और भुगतान रोकने के अनुदेश जैसे परिचालन कर सकता है।
7) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक ऐसे विनिमय गृहों, जिनके नाम और संगठन में परिवर्तन होते रहता है, के खातों के रखरखाव के लिए रिज़र्व बैंक से अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए।
खंड VI
खातों का आंतरिक नियंत्रण और निगरानी
1. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक वर्तमान अनुदेशों के अनुसार खातों के आंतरिक नियंत्रण और निगरानी प्रणाली को पर्याप्त संगत बनाए। विनिमय गृहों के साथ व्यवहार सभी समयों पर सख्ती से क्रेडिट आधार पर किया जाए तथा खाता धारकों को ओवरड्राफ्ट सुविधा न दी जाए।
2. विनिमय गृहों के वास्ट्रो खाते का स्वत: निरीक्षण : प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को चाहिए कि वे अनुभवी अधिकारियों के माध्यम से छमाही आधार पर विनिमय गृहों के वास्ट्रो खाते के निरीक्षण को प्रेरित करें। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के सक्षम अधिकारी निरीक्षण रिपोर्ट का सावधानीपूर्वक अध्ययन करें ताकि तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई शुरू की जा सके। उसके संबंध में की गई टिप्पणियों को बोर्ड को प्रस्तुत किए जानेवाले खातों की वार्षिक समीक्षा में शामिल किया जाएगा।
भाग-बी
रिपोर्ट/विवरण
1. विवरण ए: इस विवरण (संलग्नक-II में दिए गए अनुसार) को विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते में परिचालन के विस्तृत ब्योरे को दर्शाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे हर माह तैयार करना चाहिए। इस विवरण की सावधानीपूर्वक जांच की जाए ताकि यह पता चल सके कि खाते में रखी गई निधियां अनुमानित प्रक्रियाधीन नामे की रक्षा के लिए पर्याप्त है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के शीर्ष प्रबंधनतंत्र प्रक्रियाधीन आंकड़ों का हिसाब लगाए और उसके लिए स्वयं अपनी सीमा निर्धारित करें। निर्धारित सीमाओं का पालन करने की सूचना तिमाही आधार पर शीर्ष प्रबंधनतंत्र को दी जाए ।
2. विवरण बी: यह, विनिमय गृहों, जो बंद किये जाने हैं/ बंद होने की प्रक्रिया में हैं, के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते की स्थिति को दर्शानेवाला एक समेकित छमाही विवरण (संलग्नक-।।। में दिए गए अनुसार) है।
3. विवरण सी: यह वसूली आय और एडिशनल कोलेटेरल को रखने के लिए डीडीए/नॉन-डीडीए प्रक्रिया के तहत भारतीय बैंकों की समुद्रपारीय शाखाओं में रखे गए विनिमय गृहों के खातों के संबंध में सूचना देनेवाला एक मासिक विवरण (संलग्नक-IV में दिए गए अनुसार) है।
4. विवरण डी: यह मासिक विवरण (संलग्नक-V में दिए गए अनुसार) विनिमय गृह के विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाते में परिचालन के बारे सूचना प्रदान करता है।
टिप्पणी:-जबकि विवरण 'ए' से 'डी' को भारिबैं को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I इन विवरणों को तैयार करें और निर्धारित अवधि में निरीक्षण के लिए प्रेरित करें। संबंधित विवरण/ रिपोर्ट, किए गए/किए जा रहे सुधारात्मक उपायों को बताते हुए उपयुक्त स्पष्टीकरण टिप्पणियों के साथ उनके अपने-अपने शीर्ष प्रबंधन को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किये जाएं।
5. विवरण ई: इस विवरण (संलग्नक-VI में दिए गए अनुसार) को प्रत्येक तिमाही के कुल प्रेषणों और कारोबार में वृद्धि के संबंध में सांख्यकीय सूचना संग्रहण के लिए बनाया गया है। इस तिमाही विवरण को संबंधित तिमाही के अनुवर्ती माह के 15 तारीख के पहले प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, विदेशी मुद्रा बाज़ार प्रभाग, मुंबई -400001 को प्रस्तुत किया जाना आवाश्यक है।
6. वार्षिक समीक्षा: प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को अपने बोर्ड द्वारा विधिवत् अनुमोदित रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था (आरडीए) के तहत उनके रखरखाव वाले विनिमय गृहों के वास्त्रो खातों के संबंध में पिछले वर्ष के जनवरी 1 से दिसंबर 31 की अवधि को शामिल करते हुए एक वार्षिक समीक्षा नोट प्रत्येक वर्ष जून 30 तक प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, विदेशी मुद्रा बाज़ार प्रभाग, मुंबई -400001 को प्रस्तुत कना चाहिए। इस समीक्षा नोट में (ए) विनिमय गृहों की ऋण-पात्रता (वित्तीय विवरण और बाज़ार से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर),(बी) विनिमय गृहों के लाइसेंसों की वैधता और विनिमय गृहों द्वारा उस देश (होम कंट्री) के अपने ग्राहकों को जानिए/ धन शोधन निवारक/ आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रतिरोध संबंधी दिशा-निर्देशों का अनुपालन (सी) वित्तीय हानि, यदि किसी लेनदेन, किसी घटना, विवाद, आदि के कारण हुई हो, (डी) प्रत्येक व्यवस्था के तहत अलग-अलग कुल कारोबार, (ई) वास्ट्रो खाते के लिए निधीयन व्यवस्था, (एफ) विनिमय गृहों के खातों का अर्धवार्षिक निरीक्षण, (जी) पर्यवेक्षण (खातों में परिचालन की निगरानी के लिए प्रचलित प्रणाली),(एच) आंतरिक नियंत्रण और ज़ोखिम प्रबंध प्रणाली, (आई) ओवरड्राफ्ट और वसूले गए ब्याज़ जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाए। यदि बोर्ड ने निर्देश जारी किए हैं तो उस उद्धरण को वार्षिक समीक्षा नोट के साथ रिज़र्व बैंक को अग्रेषित किया जाए। वार्षिक समीक्षा नोट प्रस्तुत करते समय,(ए ) विनिमय गृहों के साथ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के आहरण व्यवस्था के पूर्ण ब्योरे (डीडीए/ नॉन डीडीए/ त्वरित प्रेषण) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दिए गए अनुमोदन और वास्ट्रो खाता खोलने की तारीख सहित (बी) आहरण व्यवस्था की समाप्ति की तारीख, यदि कोई हो, (आहरण व्यवस्था जो समाप्त न की जा सकी हो, सहित), (सी) प्रत्येक व्यवस्था के तहत अदाकर्ता शाखाओं की संख्या को शामिल किया जाना चाहिए।
संलग्नक-I
[ खंड।, पैराग्राफ 2(ए) देखें]
विनिमय गृहों के साथ रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था करने हेतु अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन
(ए) विनिमय गृहों के साथ रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था करने हेतु अनुमति प्राप्त करने का आवेदन निर्धारित फार्मेट ( नीचे दिया गया है ) में पूरा भर कर प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, विदेशी मुद्रा बाज़ार प्रभाग, मुंबई -400001 को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। आवेदन, आवेदक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के महाप्रबंधक (अथवा समतुल्य श्रेणी के किसी अधिकारी), अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग प्रभाग/विदेशी विभाग द्वारा हस्ताक्षरित हो।
(बी) प्रलेखीकरण
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक आवेदन के साथ निम्नलिखित प्रलेख प्रस्तुत करें:
(i) जहां विनिमय गृह स्थित है, वहां के केंद्रीय बैंक/ देश के किसी अन्य पर्यवेक्षी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस की प्रमाणित प्रति (अंग्रेजी पाठ)।
(ii) विनिमय गृहों के देश में म्युनिसिपल प्राधिकारियों और / अथवा अन्य सरकारी विनियामक / नियंत्रक प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस (लाइसेसों) की प्रमाणित प्रति/ प्रतियां ( संयुक्त अरब अमीरात स्थित विनिमय गृहों पर लागू)।
(iii) विनिमयगृहों द्वारा अपने देश में अपने ग्राहक को जानिये/ धन शोधक निवारक/ आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रतिरोध संबंधी मानदंडों के अनुपालन के संबंध में सनदी लेखाकार से प्राप्त प्रमाणपत्र।
(iv) (ए) संबंधित देश में भारत के दूतावास और (बी) विनिमय गृह के दो बैंकरों द्वारा रिकार्ड किए गए गोपनीय अभिमत / रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतियां।
(v) पिछले तीन वर्षों के लिए विनिमय गृह का लेखापरीक्षित तुलनपत्र और लाभ-हानि विवरण।
(vi) आहरण व्यवस्था करने वाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के बोर्ड के संकल्प की प्रति।
(vii) जहां कहीं आवश्यक हो, कोलेटेरल के प्रावधानों के साथ रुपया/ विदेशी मुद्रा आहरण के प्रस्ताव के संबंध में विनिमय गृह से प्राप्त पत्र की प्रति।
भाग । - आवेदक बैंक और उसकी वर्तमान व्यवस्था (व्यवस्थाओं), यदि कोई हो, के ब्योरे
1. |
आवेदक बैंक का नाम |
2. |
वर्तमान व्यवस्था (व्यवस्थाएं)
(i) विनिमय गृह का नाम
(ii) कब से
(iii) अदाकर्ता शाखाओं की संख्या
(iv)पिछले तीन कैलेंडर वर्षों का कुल कारोबार |
3(ए) |
बहु विनिमय गृह आहरण व्यवस्थावाली शाखाओं के ब्योरे |
3(बी) |
इन शाखाओं में आंतरिक नियंत्रण प्रणाली के पर्याप्तता के संबंध में अभिमत दें (यथावश्यक अनुलग्नक जोड़ें) |
4. |
पिछले पांच वर्षों (अप्रैल-मार्च) के दौरान सतत वित्तीय हानि, यदि कोई हो
(i) वर्ष
(ii) विनिमय गृह का नाम
(iii) हानि राशि
(iv) हानि के ब्योरे
(v) भारिबैं के पास दर्ज़ संदर्भ सं. और तारीख एवं बट्टे-खाते डालने की भारिबैं की अनुमति |
5. |
लंबित भुगतान के लिए विनिमय गृह (विनिमयगृहों) के साथ वित्तीय विवाद, यदि कोई हो-
(i) विनिमय गृह का नाम
(ii) हानि की अनुमानित राशि
(iii) हानि के ब्योरे
(iv) भारिबैं के पास दर्ज़ संदर्भ सं.और तारीख |
6. |
बैंक द्वारा शुरू किए गए सुधारात्मक उपायों को दर्शाते हुए लेखापरीक्षकों, भारिबैं के निरीक्षकों साथ ही समुद्रपारीय लेखापरीक्षकों द्वारा किए गए निरीक्षणों के दौरान वर्तमान आहरण व्यवस्था में पाई गई प्रमुख अनियमितताओं का एक विनिमय गृहवार सार प्रस्तुत करें। |
भाग ।।- प्रस्तावित आहरण व्यवस्था के लिए विनिमय गृह के ब्योरे
1(ए) |
विनिमय गृह का नाम और पता, जिसके साथ बैंक द्वारा रुपया आहरण व्यवस्था करना प्रस्तावित है |
|
(बी) |
विनिमय गृह के स्थापना की तारीख |
|
(सी) |
विनिमय गृह के अन्य समूह कंपनियों के ब्योरे अर्थात् नाम, प्रबंधन नियंत्रण, वित्तीय स्रोत और स्थिति, आदि का ब्योरा दें |
|
2(ए) |
क्या विनिमय गृह भारत में किसी बैंक के साथ रुपया मुद्रा आहरण व्यवस्था का परिचालन करता? |
|
(बी) |
यदि हां तो, बैंक/ बैंकों का नाम बताएं |
|
3. |
विनिमयगृह के प्रबंधन संरचना के ब्योरे दें
(ए) विनिमयगृह की हैसियत (कंपनी, फर्म, संयुक्त उद्यम, आदि)
(बी) प्रबंधन किसके पास निहित है
(सी) विनिमय गृह के प्रवर्तकों के कारोबार का नाम, राष्ट्रीयता और कारोबार का प्रकार
(डी) पूंजी धारिता का पैटर्न
(ई) क्या आवेदक बैंक का विनिमय गृह में कोई निवेश होगा? पूर्ण ब्योरा दें।
(एफ) क्या आवेदक बैंक का विनिमय गृह के प्रबंधन में कोई भूमिका होगी? ब्योरा दें। |
|
4. |
पिछले तीन कैलेंडर वर्षों के दौरान विनिमय गृह द्वारा अर्जित लाभ/ हानि |
|
5. |
संबंधित देश के केंद्रीय बैंक/पर्यवेक्षी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस के ब्योरे:
ए) लाइसेंस सं.
बी) जारी करने की तारीख
सी) वैधता अवधि
डी) कोई विशेष शर्त, यदि कोई हो |
|
6. |
म्युनिसिपल प्राधिकारियों और/अथवा अन्य सरकारी विनियामक / नियंत्रक प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस (लाइसेसों) की प्रमाणित प्रति/ प्रतियों के ब्योरे (संयुक्त अरब अमीरात स्थित विनिमय गृहों पर लागू)।
ए) लाइसेंस सं.
बी) जारी करने की तारीख
सी) वैधता अवधि
डी) कोई विशेष शर्त, यदि कोई हो |
|
7. |
निम्नलिखित द्वारा रिपोर्ट किया गया गोपनीय अभिमत-
ए) देश में भारत का दूतावास
बी) विनिमय गृह का बैंक
i) ..............................
बैंकर का नाम
ii) ............................
बैंकर का नाम |
|
8. |
क्या आवेदक बैंक निम्नलिखित से पूरी तरह संतुष्ट है-
ए) विनिमय गृह का प्रबंध करनेवाली कंपनी/फर्म/लोगों की क्षमता
बी) विनिमय गृह के शेयरधारकों की वित्तीय स्थिति
सी) विनिमय गृह की वित्तीय स्थिति
डी) ड्राफ्टों को जारी करने के संबंध में विनिमय गृह में परिचालित आंतरिक नियंत्रण प्रणाली |
|
9. |
विनिमयगृह के साथ हुए कोलेटरल व्यवस्था के ब्योरे दें (अर्थात् जमाराशि, बैंक गारंटी, आदि) और उसका औचित्य |
|
भाग ।।।- प्रस्तावित व्यवस्था के ब्योरे
1. |
प्रस्तावित व्यवस्था के ब्योरे/ वर्णन |
|
2(ए) |
रुपया आहरण व्यवस्था के लिए कारण |
|
(बी) |
कुल कारोबार का पूर्वानुमान (मासिक पूर्वानुमान की प्रमात्रा बताएं) |
|
3. |
प्रस्तावित रुपया आहरण व्यवस्था को चलाने की प्रक्रिया (डीडीए/नॉनडीडीए/स्पीड) |
|
4. |
खाता रखनेवाली शाखा का नाम और पता |
|
5. |
प्रस्तावित रुपया आहरण व्यवस्था में शामिल किए जानेवाले अदाकर्ता शाखाओं की सं. |
|
6. |
क्या विनिमय गृह 7 दिनों के अनुमानित आहरणों के समतुल्य अतिरिक्त कोलेटरेल कवर देने के लिए तैयार हैं?(विनिमयगृहों पर लागू जिन्होंने अपने परिचालन के तीन वर्ष पूरे नहीं किए हैं ।) |
|
7. |
कोई अन्य सूचना, जो बैंक अपने आवेदन के समर्थन में देना चाहता है। |
|
हम एतद् द्वारा प्रमाणित करते हैं कि –
i) पूर्वोक्त विनिमय गृह के स्रोत और हैसियत को ध्यान में रख कर ..............के साथ प्रस्तावित व्यवस्था पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया है और हम विनिमय गृह के साथ सम्बद्ध व्यक्तियों/ फर्मों/ कंपनियों की विश्वसनीयता और क्षमता से पूर्णत:संतुष्ट हैं।
ii) हमारी शाखाओं की अन्य विनिमय गृहों के साथ पहले से ही डीडी आहरण व्यवस्था है और जो उपर्युक्त विनिमय गृह अर्थात्................के साथ प्रस्तावित व्यवस्था के तहत शामिल किए जाने के लिए अब प्रस्तावित है, एक और विनिमय गृह से होनेवाले कारोबार को करने के लिए पर्याप्त रूप से निपुण है।
iii) हमने पर्याप्त आंतरिक नियंत्रण और जोखिम प्रबंधन प्रणाली निर्धारित की है, जो संतोषजनक रूप से कार्य कर रही है।
iv) हमारी जानकारी और विश्वास के अनुसार ऊपर दिए गए ब्योरे सत्य और सही हैं।
( )
महाप्रबंधक
पता
स्थान:
तारीख:
संलग्नक -II
[भाग बी, पैराग्राफ 1 देखें]
विवरण ए
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I का नाम:
पूरा पता:
विनिमय गृह का नाम:
............माह में खाते में किए गए परिचालन के ब्योरे:
1. माह के दौरान खाते प्रारंभिक शेष (जमा/नामे): ....................
2. माह के दौरान कुल जमा :........................
3. माह के दौरान कुल नामे :........................
4. दिनांक ........... को इति शेष (जमा/नामे) :.................
5. प्रक्रियाधीन नामे का अनुमानित मूल्य :....................(प्रोग्रेसिव एनुअल डेट सम्मेशन्स अथवा उपर्युक्त मदसं. 3 द्वारा निर्धारित औसत 15 दिनों के आहरण, जो भी अनुमान अधिक हो)
5ए. पिछले एक सप्ताह के दौरान प्रधान भुनानेवाली शाखा/ कार्यालय द्वारा किए गए वास्तविक भुगतान की राशि (अनुमानित प्रक्रियाधीन में जोड़ने के लिए) :........................
6. बैंक द्वारा अथवा डीडीए प्रक्रिया के तहत कोलेटेरल के रूप में विदेश में रखी गई निधियां :................................
7. मद सं. 5 को कवर करने के लिए खाते शेष/ कोलेटेरल में अधिशेष/घाटा :...........................
8. विनिमय गृह को बैंक द्वारा किए गए रुपयों की बिक्री के : तारीख वसूली गई विदेशी मुद्रा राशि सदृश माह के दौरान खाते में दिए गए प्रत्येक विशिष्ट विदेशी जमा पर विनिमय गृह से वसूली गई विदेशी मुद्रा प्रति-मूल्य की राशि बताएं:
ए) हमारी अदाकर्ता शाखाओं से माह के दौरान प्राप्त सभी पेमेंट भुगतान सूचनाओं को विनिमय गृह के रुपया खातों में ऋण उगाहने के लिए हिसाब में लिया गया है।
बी) विदेश में हमारे नास्ट्रो खाता रखनेवाले बैंक से हमें यह पुष्टि सूचना प्राप्त हुई है कि विनिमय गृह के खाते में रुपया निधियां जमा करने से पहले हमारे नास्ट्रो खाते में प्रति मूल्य (विदेशी मुद्रा) जमा करा दी गई है।
सी) हम पुष्टि करते हैं कि विनिमय गृहों के रुपया खातों का परिचालन भारिबैं द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और संबंधित विनिमय गृहों के साथ संबंधित करार के अनुसार किया जाता है।
डी) विवरण की प्रति हमारे बैंक के प्रभारी महाप्रबंधक, फॉरेन कॉरेसपोंडेंस रिलेशनशिप, और विभाग/ प्रभारी अधिकारी को भेजी गई है।
ई) हम पुष्टि करते हैं कि हमें हमारे अंतर्राष्ट्रीय विभाग के महाप्रबंधक से कोई प्रतिकूल रिपोर्ट/ सावधानी के संकेत नहीं मिले हैं, जिसके खाते विवरण प्रस्तुत करने के समय हमारे द्वारा रखे जा रहे हैं।
यह प्रमाणित करते हुए विवरण पर प्रतिहस्ताक्षर किए गए हैं कि बैंक में आंतरिक रूप से इसकी समीक्षा की गई है और खातों का परिचालन संतोषजनक पाया गया है।
-------------------------------- -------------------------
खाता रखनेवाली शाखा के मुख्य प्रबंधक बैंक में अंर्तराष्ट्रीय प्रभाग/अंर्तराष्ट्रीय प्रभारी महाप्रबंधक के हस्ताक्षर
संलग्नक - III
[ भाग बी, पैराग्राफ 2 देखें]
विवरण बी
बंद किए जानेवाले/बंद होने के अधीन विनिमय गृहों के खातों की स्थिति का समेकित विवरण (अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग के माध्यम से खाते रखनेवाले कार्यालय द्वारा प्रस्तुत किया जाए)
क्रम
सं. |
विनिमय गृह का नाम |
केंद्र/देश |
खाते में अथ शेष |
माह के दौरान जमा, यदि कोई हो |
माह के दौरान नामे, यदि कोई हो |
इति शेष |
कोई कोलेटरेल |
पायी गयी कोई अन्य देयता |
खाते के बंद होने की कब संभावना
है |
टिप्पणी
(अर्थात खाते को बंद करने के आशय के पत्राचार का सार और मद सं.8) |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
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|
(ए) खाता बंद करने के संबंध में सभी विनिमय गृहों को नोटिस जारी किया गया है।
(बी) उपर्युक्त खातों, जिन्हें स्तंभ 9 में बताए गए के लिए सुरक्षित किया गया है, के संबंध में कोई भी प्रक्रियाधीन नामे अथवा वसूली की मद नहीं है।
(सी) खातों में लेनदेनों को, जो अब भी परिचालन में हैं, प्रत्येक विनिमय गृह के टाईटल नाम के तहत संलग्नक में अलग से स्पष्ट किया जाता है( इस प्रयोजन के लिए व्याख्यात्मक टिप्पणी शीट अलग से संलग्न करें)।
(डी) समीक्षाधीन माह के दौरान उपर्युक्त दर्शाए गए निम्नलिखित खातों को बंद किया गया है ।
............................
खाता रखनेवाली शाखा के
मुख्य प्रबंधक
यह प्रमाणित करते हुए विवरण प्रतिहस्ताक्षरित
किया गया है कि ऊपर रिपोर्ट किए गए सभी खाते
संबंधित विनिमय गृहों के अधीन हैं और विधिवत्
कार्य से वंचित किए गए हैं और उन्हें बंद करने
की अनुवर्ती कार्रवाई की जा रही है।
.......................................
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I में अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग/
अंतर्राष्ट्रीय परिचालन के प्रभारी महाप्रबंधक
संलग्नक IV
[भाग बी,पैराग्राफ 3 देखें]
विवरण सी
भारतीय बैंकों की समुद्रपारीय शाखाओं (प्रा.व्या.श्रेणी- I) में रखे गए विनिमय गृह खातों के ब्योरों के संबंध में मासिक विवरण
प्रा.व्या.श्रेणी-I का नाम :
क्रम सं. |
खाता खोलने की तारीख |
विनिमय गृह का नाम |
समुद्रपारीय शाखा का नाम |
खाते का प्रकार |
खाता खोलने का कारण (एच.ओ.प्राधिकरण को कोट करें) |
पिछले माह के अंत में शेष |
विवरण जिस माह के संबंध में है उस माह के अंत में शेष |
शेष देयताएं,यदि कोई हो |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
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|
|
संलग्नक V
[भाग बी, पैराग्राफ 4 देखें]
विवरण डी
प्रा.व्या.श्रेणी-I का नाम:............... अदाकर्ता शाखाओं की संख्या:.............
पूरा पता:........................................ खाते का प्रकार:.....................
भारिबैं अनुमोदन सं. और तारीख:...............
विनिमयगृह का नाम:..........................
........... के दौरान खाते में परिचालन के ब्योरे
क्रम सं. |
ब्योरे |
(अमरीकी डालर में राशि) |
(जीबीपी में राशि ) |
1. |
विवरण जिस महीने से संबंधित है उस माह के आरंभ में खाते में अथ शेष(जमा/नामे) |
|
|
2. |
माह के दौरान कुल जमा |
|
|
3. |
माह के दौरान कुल नामे |
|
|
4. |
........को इति शेष (जमा/नामे) |
|
|
5. |
प्रक्रियाधीन नामे का अनुमानित मूल्य
(औसत 15 दिनों का आहरण, वार्षिक
ऋण संकलन में वृद्धि करके या उपर्युक्त
मद सं. 3 द्वारा, जो भी अधिक हो द्वारा निर्धारित) |
|
|
5(ए) |
पिछले एक सप्ताह के दौरान प्रधान भुनाने वाली शाखाओं/ कार्यालयों द्वारा किए गए वास्तविक भुगतानों की राशि (अनुमानित प्रक्रियाधीन में जोड़ने के लिए ) |
|
|
6. |
बैंक द्वारा अथवा प्रक्रिया के अधीन कोलेटेरल के रूप में विदेश में रखी गई निधियां |
|
|
7. |
मद सं. 5 को कवर करने के लिए खाते में कोलेटेरल में अधिशेष/ शेष में घाटा |
|
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8(ए) हमारे भुगतानकर्ता शाखाओं से माह के दौरान प्राप्त सभी भुगतान सूचनाओं (पेमेंट अडवाइसेस) को विनिमय गृहों के यूएसडी/जीबीपी खातों में ऋण उगाहने के लिए हिसाब में लिया गया है।
(बी) हम पुष्टि करते हैं कि विनिमय गृहों के यूएसडी/जीबीपी खातों का परिचालन भारिबैं द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और संबंधित विनिमय गृहों के साथ संबंधित करार के अनुसार ही किया जाता है।
(सी) विवरण की प्रति हमारे प्रभारी महाप्रबंधक, फॉरेन कारेसपोंडेंस रिलेशन्स एंड डिपार्टमेंट/ प्रभारी अधिकारी- नास्ट्रो खाता को भेज दी गई है।
(डी) हम पुष्टि करते हैं कि हमें विनिमय गृह के बारे में, जिसका खाता भारिबैं को विवरण दाखिल करते समय हमारे पास रहा है, हमारे अंतर्राष्ट्रीय विभाग के महाप्रबंधक से कोई प्रतिकूल रिपोर्ट / सावधानी के संकेत नहीं प्राप्त हुए हैं।
..........................
खाता रखनेवाली शाखा के मुख्य प्रबंधक
यह प्रमाणित करते हुए विवरण पर
प्रतिहस्ताक्षर किए गए हैं कि बैंक में
आंतरिक रूप से समीक्षा की गई है और
कि संचालन संतोषजनक समझा गया है।
................................................
अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग/ प्रा.व्या.श्रेणी-I के अंतर्राष्ट्रीय
परिचालन के प्रभारी महाप्रबंधक के हस्ताक्षर
संलग्नक VI
[भाग बी, पैराग्राफ 5 देखें]
विवरण ई
............को समाप्त तिमाही के दौरान विनिमय गृहों के माध्यम से
विदेशी मुद्रा के आगम को दर्शानेवाला विवरण
(राशि अमरीकी डालर में)
क्रम सं. |
विनिमय गृह और देश का नाम |
कवर की गयी शाखाओं की संख्या |
दिसंबर को समाप्त पिछले वर्ष में प्राप्त विदेशी मुद्रा |
चालू वर्ष के दौरान विदेशी मुद्रा का आगम
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वृद्धि(+)/
गिरावट(-) पिछली तिमाही और संबंधित तिमाही के बीच (%)
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बर्हिवाह विदेशी मुद्रा
(राशि) |
जनवरी-मार्च |
अप्रैल-जून |
जुलाई-सितं |
अक्तू-दिसं. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10 |
टिप्पणी: (ए) संबंधित तिमाही के दौरान स्तंभ (5) से (8) को प्रत्येक वर्ष जनवरी माह से शुरू अवधि के लिए दर्शाया जाए। इन आंकड़ों के ठीक नीचे ,पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि के लिए आंकड़े कोष्ठकों में दर्शाएं जाएं। आहरण व्यवस्था से संबंधित आकड़े आरडीए और विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था दोनों के माध्यम से निधियों के आगम को कवर करें।
(बी) विदेशी मुद्रा केवल अमरीकी डालर में दर्शायी जाए।
(सी) स्तंभ (9) में प्रतिशत के रूप में अभिव्यक्ति के साथ राशि(+)अथवा (-)प्रस्तुत करें।
(डी) यह विवरण बैंक के प्रधान कार्यालय के अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग विभाग/ प्रभाग के मुख्य द्वारा ,जो कम से उप महाप्रबंधक की श्रेणी का हो, हस्ताक्षरित होना चाहिए।
(ई) यथावश्यक खंड-III पैरा सं.1 के क्रम सं. (सी),(एफ),(जी),(एच),(आई) और (जे) में की गई घोषणा के अनुसार अपेक्षाओं से अंतर के ब्योरे प्रस्तुत करने के लिए अलग शीट जोड़ें।
कृपया की गई सुधारात्मक कार्रवाई और वर्तमान हैसियत भी बताएं।
हम एतद् द्वारा प्रमाणित करते हैं कि -
i) उपर्युक्त सूचना वास्तविक आंकड़ों के संदर्भ से संकलित की गई है और प्रक्रियाधीन लेनदेनों को शामिल नहीं किया गया है।
ii) निम्नलिखित कारणों की दृष्टि से कवर की गई शाखाओं की संख्या पिछले विवरण की प्रस्तुति से ........से बढ़कर .........हो गई है।
iii) विदेशी मुद्रा आवकों में वृद्धि/ गिरावट निम्नलिखित कारणों से है:
iv) उपर्युक्त सूचित आंकड़े ..........के परिणामस्वरूप हैं और भारिबैंक ने दिनांक..........के अपने पत्र सं................ द्वारा अनुमोदन दिया है।
v) उपर्युक्त खातों में रिपोर्ट के अधीन तिमाही के दौरान सभी जमा शेष थे।
vi) खाते की निधियां अनुमानित प्रक्रियाधीन लेनदेनों को कवर करने के लिए पर्याप्त थी।
vii) हमारी समुद्रपारीय शाखाओं ने उपर्युक्त / उपर्युक्त किसी भी विनिमय गृह को कोई ऋण सहायता / अग्रिम नहीं दिया है।
viii) हम अपने शीर्ष प्रबंधन को संलग्नक -II, संलग्नक- III, संलग्नक- IV और संलग्नक - V के अनुसार क्रमश: विवरण "ए,"बी ","सी "और "डी " नियमित रूप से प्रस्तुत करते हैं।
ix) हमें उपर्युक्त विनिमय गृहों / उपर्युक्त किसी भी विनिमय गृह के खाते में परिचालन और / अथवा विनिमय गृहों के साथ रुपया और/ अथवा विदेशी मुद्रा आहरण व्यवस्था के संबंध में कोई प्रतिकूल लक्षण नहीं मिले हैं।
x) हम उपर्युक्त विनिमय गृह (विनिमयगृहों) के स्रोतों और वित्तीय हैसियत पर सावधानीपूर्वक निगरानी रखते हैं और इस रिपोर्ट की तारीख तक हमारे पास रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करने के लिए कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं है।
बैंक का नाम हस्ताक्षर
पता नाम
तारीख पदनाम
परिशिष्ट
इस मास्टर परिपत्र में अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन विषय पर समेकित ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्रों की सूची
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