मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन |
आरबीआई /2012-13/05
मास्टर परिपत्र सं.05/2012-13
2 जुलाई 2012
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक
महोदया /महोदय,
मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन
विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) संविदाएं, समुद्रपारीय (विदेशी) पण्य और भाड़ा संबंधी हेजिंग, अनिवासी बैंकों के रुपये खाते, अंतर बैंक विदेशी मुद्रा लेनदेन, आदि 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के विनियम 4 (2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/ आरबी-2000 के प्रावधानों और बाद में उसमें किए गए संशोधनों द्वारा नियंत्रित होते हैं।
2. इस मास्टर परिपत्र में " जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन " विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान पर समेकित किया गया है। निहित परिपत्रों / अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गई है।
3. यह मास्टर परिपत्र एक वर्ष के लिए (सनसेट खंड के साथ) जारी किया जा रहा है। यह परिपत्र 1 जुलाई 2013 को वापस ले लिया जाएगा तथा इस विषय पर अद्यतन (updated) मास्टर परिपत्र जारी किया जाएगा।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक |
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