19 सितंबर 2013
अनिवासियों और निवासियों द्वारा 10000 रुपए ले जाना : भारतीय रिज़र्व बैंक का स्पष्टीकरण
दिनांक 16 सितंबर 2013 के ए.पी. (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 45 के तहत जारी अनुदेशों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रवास/सीमा डेस्क से परे परिवर्तनीय मुद्राओं में रुपए की नकदीकरण की सुविधा दी थी। इस अनुदेश को मीडिया के कतिपय वर्गों में रिज़र्व बैंक द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों के रूप में गलत रिपोर्ट किया गया है। रिज़र्व बैंक इस संबंध में निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी करता हैः
(1) वर्तमान में अनिवासी को भारतीय मुद्रा नोटों को भारतीय सीमा से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि भारतीय मुद्रा अभी परिवर्तनीय नहीं है। यह दृष्टिकोण कई वर्षों से अस्तित्व में है और इसमें किसी भी तरह से परिवर्तन नहीं किया गया है। इस समय इस प्रतिबंध की समीक्षा की जा रही है।
(2) इससे पहले, भारत से बाहर जाने वाले अनिवासियों को खर्च न की गई भारतीय मुद्रा को प्रवास/सीमा डेस्क के समक्ष किसी परिवर्तनीय मुद्रा में परिवर्तित करना पड़ता था।
(3) रिज़र्व बैंक भारतीय मुद्रा को सीमा शुल्क मुक्त क्षेत्र में ले जाने की अनुमति देने और तदनुसार सीमा शुल्क रहित/प्रतिभूति धारित क्षेत्र में मुद्रा परिवर्तित करने की सुविधा की अनुमति देकर फ्लाइट पकड़ने से पहले उनके परिवर्तन की सुविधा देने के लिए अनुरोध प्राप्त कर रहा है।
(4) उपर्युक्त अनुरोध जो विनिमय नियंत्रण के और उदारीकरण के स्वरूप में है, को रिज़र्व बैंक के 16 सितंबर 2013 के परिपत्र के तहत समर्थ बनाया गया है। अतः इस सुविधा का किसी प्रकार के अतिरिक्त नियंत्रण के रूप में अर्थ निकालना गलत है।
संयोगवश रिज़र्व बैंक ने 6 सितंबर 2013 को भी एक ए.पी. (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 39 जारी किया है जिसमें भारत में रहने वाले किसी व्यक्ति को भारत से बाहर या अस्थाई दौरे के लिए भारत से बाहर (नेपाल और भूटान को छोड़कर) जाने वाले व्यक्ति को पूर्व की ` 7,500/- प्रति व्यक्ति की सीमा से अधिकतम ` 10,000 तक की राशि ले जाने या लाने की सुविधा प्रदान की गई है। यह सीमा विदेश में भ्रमण करने वाले निवासियों को आगमन पर टैक्सी किराया, होटल बिल आदि जैसे तत्काल व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए अधिक लचीलापन उपलब्ध कराने के लिए बढ़ाई गई है।
अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/602 |