20 अक्टूबर 2015
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ
पर लगाए गए निदेशों में संशोधन किया
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचित किया है कि 30 जुलाई 2014 के अपने निदेश में आंशिक संशोधन करते हुए रिज़र्व बैंक ने 19 अक्टूबर, 2015 के अपने निदेश द्वारा इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ पर को लगाए गए अपने निदेशों में संशोधन किया है। बैंक को मूल रूप से 04 जून 2014 के निदेशों के तहत 12 जून 2014 से निदेशाधीन रखा गया है।
30 जुलाई 2014 के निदेश के अनुसार अन्य शर्तों के साथ-साथ प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते या किसी अन्य जमा खाते जो चाहे किसी नाम से जाना जाता हो, के कुल शेष के अधिकतम ₹ 100,000/- (रुपए एक लाख मात्र) की राशि जमाकर्ता द्वारा आहरित करने की अनुमति दी गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने कथित बैंक की स्थिति की समीक्षा की है और जनहित में उपर्युक्त निदेश में संशोधन करना आवश्यक समझा है।
तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 35क की उप-धाराओं (1) तथा (2) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा यह निदेश देता है कि इंडियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड को 30 जुलाई 2014 को जारी निदेश के पैराग्राफ 3 में निम्नानुसार संशोधन किया गया है:-
“प्रत्येक जमाकर्ता के प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते या मीयादी जमा खाते या किसी अन्य जमा खाते जो चाहे किसी नाम से जाना जाता हो, में धारित जमा राशि के अधिकतम 70% (सत्तर प्रतिशत), यह ₹ 15,00,000/- (रुपए पंद्रह लाख मात्र) अधिकतम सीमा के अधीन है, राशि के आहरण की जमाकर्ता को अनुमति है। यह राशि निदेश लागू होने के पश्चात अनुमत पहले की ₹ 100,000/- (रुपए एक लाख मात्र) की सीमा के अलावा है। बशर्ते इस आहरण के लिए ऐसे जमाकर्ता की उधारकर्ता या बैंक जमा के प्रति ऋण सहित जमानतदार के रूप में कोई देयता है तो इस राशि का पहले संबंधित उधार खाते (खातों) में समायोजन किया जाएगा।”
इंडियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ को 04 जून 2015 को जारी निदेश में निहित सभी अन्य प्रतिबंध, शर्तें तथा प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे और वे 11 दिसंबर 2015 को कारोबार समाप्ति तक वैध रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होंगे।
अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/955 |