12 अप्रैल 2016
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश
की वैधता अवधि में विस्तार एवं जमा राशि के भुगतान में शिथिलता- यूनाईटेड इन्डिया को-आपरेटिव बैंक
लि.,नगीना, बिजनौर, उत्तर प्रदेश
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचित करता है कि यूनाईटेड इन्डिया को-आपरेटिव बैंक लि., नगीना, बिजनौर, पर लागू निदेशों की वैधता अवधि को छह महीने और बढ़ाकर 15 अप्रैल 2016 से 14 अक्टूबर 2016 तक कर दिया है जो समीक्षाधीन होगा। उक्त बैंक पर लागू दिनांक 08 जुलाई 2015 के निदेश में शिथिलता बरतते हुए आंशिक संशोधन किया गया है। अब संशोधित निदेश में दी गई शर्तों के पूर्ववर्ती प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 20,000/- (बीस हज़ार रुपये मात्र, पहले अनुमत ₹ 1,000/- सहित) तक की राशि आहरित करने की अनुमति है। 08 जुलाई 2015 के हमारे पहले निदेश के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे तथा ये निदेश 14 अक्टूबर 2016 को कारोबार की समाप्ति तक वैध तथा समीक्षाधीन बने रहेंगे। उक्त बैंक 15 जुलाई 2015 से निदेशाधीन है।
यह निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।
उक्त शिथिलता जमाकर्ताओं की कठिनाई को कम करने के उद्देश्य से प्रदान की गई है और इसे स्वत: यह न समझा जाए कि बैंक की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2406 |