20 नवंबर 2016
जनता ₹ 10 के सिक्कों को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करना जारी रख सकती हैः भारतीय रिज़र्व बैंक
भारतीय रिज़र्व बैंक भारत सरकार द्वारा ढाले गए सिक्कों को प्रचलन में लाता है। इन सिक्कों में खास विशेषताएं हैं। जनता की लेनदेन आवश्यकताओं को पूरा करने नए मूल्यवर्गों में सिक्के और विभिन्न विषयों – आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक को प्रतिबिंबित करने के लिए नए डिज़ाइन के सिक्कों को समय-समय पर जारी किया जाता है। चूंकि सिक्के लंबे समय तक प्रचलन में रहते हैं, इसलिए बहुत अधिक संभावना रहती है कि विभिन्न डिज़ाइनों और आकारों के सिक्के एक ही समय पर प्रचलन में रहते हैं। ऐसा ही एक बदलाव जुलाई 2011 में सिक्कों में ‘रुपया प्रतीक चिह्न’ की शुरुआत करना है। इसका एक उदाहरण रुपया प्रतीक चिह्न के साथ ₹ 10 के सिक्के हैं और इसी समय रुपया चिह्न के बिना भी इसी मूल्यवर्ग के सिक्के प्रचलन में हैं। दोनों ही वैध मुद्रा हैं और लेनदेन के लिए समान रूप से सही हैं, भले ही दोनों अलग-अलग दिखाई देते हैं।
यह रिपोर्ट किया गया है कि कुछ कम जानकारी रखने वाले या बिना जानकारी रखने वाले व्यक्ति ऐसे सिक्के के असलीपन पर संदेह करके आम जनता के दिमाग में संदेह उत्पन्न कर रहे हैं, इन लोगों में व्यापारी, दुकानदार आदि शामिल हैं जो देश के कुछ हिस्सों में इन सिक्कों के प्रचलन में बाधा डाल रहे हैं और परिहार्य उलझन उत्पन्न कर रहे हैं।
रिज़र्व बैंक ने आम जनता को सूचित किया है कि ऐसी गलत धारणाओं पर विश्वास न करें और इनकी उपेक्षा करें तथा बिना किसी झिझक के अपने सभी लेनदेनों में इन सिक्कों को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करते रहें।
इन सिक्कों के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्नलिखित लिंक देखें: https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx
अल्पना किल्लावाला प्रधान परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/1257
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