नोटों के मामले पर श्री आर. गांधी तथा श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नरों द्वारा एजेंसियों को बयान : संपादित प्रतिलेख |
13 दिसंबर 2016
नोटों के मामले पर श्री आर. गांधी तथा श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नरों द्वारा
एजेंसियों को बयान : संपादित प्रतिलेख
श्री आर. गांधी:
-
अपने काउंटर पर और अपने ए.टी.एम. के माध्यम से बैंकों ने 10 नवंबर 2016 को इस कार्यक्रम की शुरूआत से 10 दिसंबर 2016 तक 4.61 लाख करोड़ नोट जनता को जारी किया है।
-
दिनांक 10 दिसंबर 2016 के अनुसार आर.बी.आई तथा मुद्रा तिजोरियों को वापस किए गए ₹ 500 और ₹ 1000 के विनिर्दिष्ट बैंक नोट (एस.बी.एन) की राशि ₹ 12.44 लाख करोड़ रही।
-
इस अवधि के दौरान आर.बी.आई. ने जनता को बैंक तथा उनकी शाखाओं के माध्यम से विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 21.8 बिलियन नोट भी जारी किए जिसमें 20.1 बिलियन नोट ₹ 10, 20, 50 और 100 के छोटे मूल्यवर्ग के थे और 1.7 बिलियन ₹ 2000 और ₹ 500 के बड़े मूल्यवर्ग के नोट थे।
-
इस प्रकार जनता के हाथों तक नोट के परिचालन हेतु पूरा सिस्टम सहायता देने के लिए निरंतर तैयार हो रहा है। प्रतिदिन हम अधिक से अधिक नोट जारी कर रहे हैं, प्रिंट कर रहे हैं और फिर जारी कर रहे हैं। यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा और जनता से अनुरोध है कि वे इकठ्ठा करने की बजाए उन नोटों का खुलकर प्रयोग करें जो उनके हाथों तक पहुँच रहे हैं।
श्री एस.एस. मूंदड़ा
-
विभिन्न बैंकों की शाखाओं में पाए गए लेन-देनों या विभिन्न बैंकों/शाखाओं में संदिग्ध लेन-देनों में स्टाफ के कथित संबंध पर कई मीडिया रिपोर्टें आ रही हैं।
-
मैं यह बताना चाहूँगा कि इस प्रक्रिया के आरंभ से ही बैंकिंग उद्योग ने अच्छा काम किया है। बैंककर्मियों ने बहुत प्रयास किए हैं और उनमें से बहुतों को अवश्य ही प्रशंसा मिली है।
-
ऐसा कहने के बाद भी इस पैमाने के अभियान में ऐसे घटक हमेशा रहते हैं जो उनसे की गई अपेक्षा के प्रतिकूल व्यवहार करते हैं और हम इस पर निरंतर निगरानी रख रहे हैं। हमने सभी बैंक प्रबंधनों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं कि वे केंद्रीय डाटा की जाँच करें और जहाँ कहीं वे कोई असंगति पाएं तो अपने आंतरिक ऑडिट तंत्र के माध्यम से उस पर आगे कार्रवाई करें।
-
आर.बी.आई. पर्यवेक्षक भी बैंकों के विभिन्न डाटा प्वाइंट पर इसी प्रकार की प्रक्रिया में संलग्न हैं और जहां कहीं भी अनुपयुक्त लेन-देन या कार्रवाई पाई जाती है तो उचित जाँच की जाएगी और फिर यथोचित कार्रवाई की जाएगी।
-
ऐसे मामले भी हुए हैं जहाँ बैंकों ने अपने स्टाफ सदस्यों के विरुद्ध कार्रवाई की।
-
बेंगलुरू के एक आर.बी.आई. स्टाफ के बारे में भी एक मीडिया रिपोर्ट आई है। कृपया मुझे यह स्पष्ट करने दें कि यह आर.बी.आई. का एक छोटा कार्यकारी था और जाँच एजेंसियों द्वारा यह रिपोर्ट किया गया है कि उसकी उपस्थिति एक बैंक की शाखा में रिकार्ड की गई है जहाँ संदिग्ध लेन-देन हो रहा था। इसका पता लगने के बाद संबंधित कर्मचारी निलंबित किया गया। हमने जाँच बिठाई है और जानकारी की पुष्टि होते ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
-
विभिन्न जाँच एजेंसियों द्वारा उल्लेख करने पर कि उन्होंने संदिग्ध लेन-देन पाया है भारतीय रिज़र्व बैंक उनके साथ संयोजन और सहयोग भी कर रहा है। मुझे लगता है कि यह सभी जानते हैं कि सभी बैंकों के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक में भी व्हिसिलब्लोअर नीति संस्थापित है और हम इस प्रकार के मिशन में हमेशा प्रोत्साहित करते हैं कि ऐसी कोई सूचना हो तो हमें व्हिसिलब्लोअर तंत्र के माध्यम से दी जा सकती है और आगे की उचित प्रकिया अपनाई जाएगी।
-
पी.टी.आई. द्वारा प्रश्न: ऐसी रिपोर्टें मिली हैं कि एक्सिस बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इस समय ऐसा कुछ भी नहीं है, जैसा कि मैं बता चुका हूँ। जहाँ इस प्रकार की गतिविधि रिपोर्ट होती है, जाँच की जाती है। लेकिन अभी के लिए हमने कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया है।
अल्पना किल्लावाला
प्रधान परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/1508 |
|