11 अप्रैल 2017
रिजर्व बैंक ने मेसर्स श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उपधारा 5 (एए) के साथ पठित धारा 58 जी (1) (बी) के तहत मेसर्स श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों / आदेशों के उल्लंघन के लिए ₹ 20 लाख का मौद्रिक जुर्माना लगाया है।
पृष्ठभूमि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम, 1934) की धारा 45 एन के तहत कंपनी के ऋण खातों की नमूना जांच नवंबर, 2015 के दौरान आयोजित की गई थी। यह देखा गया कि कंपनी ने आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45 एल के तहत बैंक द्वारा जारी किए गए उचित व्यवहार कोड के दिशानिर्देशों के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया है। जांच के दौरान पाए गए रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के विभिन्न उल्लंघनों के कारण कंपनी को 1 अगस्त, 2016 को दंड लगाने के लिए कारण बताओ सूचना (एससीएन) जारी की गई। कारण बताओ सूचना को कंपनी द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। कंपनी को आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 58 जी (2) के अंतर्गत 14 फरवरी, 2017 को रिजर्व बैंक द्वारा एक निजी सुनवाई भी स्वीकृत की गई। मामले के तथ्यों, कंपनी के उत्तर और सुनवाई के दौरान की गई व्यक्तिगत प्रस्तुती पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि जांच के दौरान लगाए गए उल्लंघन साबित हो गए हैं और कंपनी पर मौद्रिक दंड लगाने की जरुरत है। तदनुसार, कंपनी पर ₹ 20 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/2742
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