भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स हिंदुजा लेलैंड फाइनैंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया |
11 अप्रैल 2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स हिंदुजा लेलैंड फाइनैंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप धारा 5(एए) के साथ पठित धारा 58जी(1)(बी) के अंतर्गत मेसर्स हिंदुजा लेलैंड फाइनैंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी निदेशों/आदेशों का उल्लंघन करने के कारण ₹ 5 लाख का मौद्रिक दंड लगाया है।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई एक्ट, 1934) की धारा 45एन के अंतर्गत 31 मार्च 2015 की स्थिति के आधार पर उक्त कंपनी की बहियों और खातों का निरीक्षण 30 दिसंबर 2015 और 14 जनवरी 2016 के बीच किया गया था। यह देखा गया कि ब्याज की वसूली और उधारकर्ताओं को पत्राचार गैर-पारदर्शी तरीके में किया गया जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल के अंतर्गत जारी उचित पद्धति संहिता दिशानिर्देशों का उल्लंघन था। तदनुसार, कंपनी पर दंड लगाने के लिए उसे 29 जुलाई 2016 को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया। कारण बताओ नोटिस पर कंपनी का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58जी (2) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 22 फरवरी 2017 को कंपनी की व्यक्तिगत सुनवाई भी की गई। मामले के तथ्यों और कंपनी के जवाब तथा व्यक्तिगत सुनवाई पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि संवीक्षा के दौरान देखे गए उल्लंघन साबित हो गए हैं जिसके लिए कंपनी पर मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है। तदनुसार, कंपनी पर ₹ 5 लाख का मौद्रिक दंड लगाया है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/2741 |
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