18 अक्टूबर 2016
सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड का अभौतिक स्वरूप
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार के परामर्श से आज की तारीख तक कुल ₹ 3060 करोड़ की राशि के लिए सॉवेरन स्वर्ण बॉन्डों की पांच श्रृंखला जारी कर चुका है। इन बॉन्डों में निवेशकों को ये बॉन्ड भौतिक या अभौतिक स्वरूप में रखने का विकल्प दिया गया है।
अभौतिक स्वरूप के अनुरोध काफी हद तक सफलतापूर्वक प्रोसेस किए गए हैं। तथापि, रिकार्ड का सेट विभिन्न कारणों से प्रोसेस नहीं किया जा सका। इसमें अन्य कारणों के अतिरिक्त नामों और पैन नंबरों में मेल नहीं खाना, निष्क्रिय या बंद डीमेट खाते शामिल हैं। ऐसे असफल डीमेट अनुरोधों की एक सूची अब https://sovereigngoldbonds.rbi.org.in उपलब्ध कराई गई है। इसके अंदर दी गई सूचना श्रृंखला-वार है तथा इसमें प्राप्तकर्ता कार्यालयों के नाम, निवेशकों का पहचान पत्र और बॉन्ड के भौतिक स्वरूप के कारण शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निवेशकों से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनकी निवेशक आईडी इस सूची में शामिल की गई है। सभी प्राप्तकर्ता कार्यालयों को भी इस सूचना को एक्सेस करने की आवश्यकता है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि क्या उनके कोई भी ग्राहक जिसने उनके माध्यम से सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड खरीदे थे, उनका नाम सूची में है और अपने ग्राहकों के परामर्श से उचित सुधार करने की आवश्यकता भी होगी। भारतीय रिज़र्व बैंक की ई-कुबेर एप्लिकेशन में संशोधन विंडो इस उद्देश्य हेतु 21 अक्टूबर 2016 तक खुली रखी जाएगी।
इसी बीच, सॉवेरन स्वर्ण बॉन्डों को रिज़र्व बैंक की बहियों में रखना जारी रखा जाएगा और नियमित रूप से इनका रखरखाव किया जाएगा।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/957 |