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Date: 19/05/2017
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड., पुणे, महाराष्‍ट्र

19 मई 2017

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के
अंतर्गत निदेश – लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड., पुणे, महाराष्‍ट्र

लोकसेवा सहकारी बैंक लि., पुणे महाराष्‍ट्र को दि. मई 19, 2014 के निदेश के माध्‍यम से मई 20, 2014 की कारोबार समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उपर्युक्त निदेशों की वैधता को नवम्बर 12, 2014, मई 06, 2015, नवम्बर 04, 2015, मई 13, 2016 तथा नवम्बर 11, 2016 के पांच आदेशों द्वारा प्रत्येक बार छह माह से बढाया गया था। इसके अलावा 25 जनवरी 2017 के निदेश के तहत जमा के ज़रिए ऋण के समंजन तथा निर्देशक से संबंधित ऋणों को छोड़कर मानक और जमानती सीसी खातों की मौजूदा ऋण सीमा तक मौजूदा निबंधन व शर्तों के अनुसार नवीकरण की अनुमति दी गयी थी। आम जनता की जानकारी के लिए एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि मई 19, 2014 के साथ पठित क्रमश: नवम्बर 12, 2014; मई 06, 2015, नवम्बर 04, 2015, मई 13, 2016 तथा नवम्बर 11, 2016 के निदेश की परिचालन अवधि को मई 17, 2017 के हमारे संशोधित निदेश के माध्‍यम से मई 20, 2017 से सितंबर 19, 2017 तक अगले चार माह के लिए बढ़ा दिया है, जोकि समीक्षाधीन है।

संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

दिनांक 17 मई 2017 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त संशोधन का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/3121

 
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